Book Title: Ratnagyan Author(s): Yogiraj Mulchand Khatri Publisher: Shiv Ratna Kendra HaridwarPage 71
________________ ॐ नमः शिवाय रत्न व उपरत्न ८४ प्रकार के होते हैं इनके नाम निम्न है। सभी 'शिव रत्न केन्द्र' से प्राप्त किये जा सकते हैं । १. माणिक २. हीरा ३. पन्ना ४. नीलम ५. लहसुनिया ६. मोती ७. मूंगा ८. पुखराज ६. गोमेद १०. कहरुबा ११. जबरदात १२. तामड़ा १३. विक्रान्त १४. धुनैला १५. फिरोजा १६. सिदूरिया १७. सीजरो १८. सुरमा रत्न ज्ञान Jain Education International १६. स्फटिक २०. बेरुज २१. मरगज २२. लालड़ी २३. लाजवर्त २४: सन सितारा २५. सुनहरा २६. स्टार माणिक २७. पुटाश २८. ओपल २६. उदाऊ ३०. एमन्नी ३१. कटैला ३२. कासला ३३. गौदन्ता ३४. गौरी ३५. गुरु ३६. चकमक ३७. गौदन्ती ३८. चित्ति ३६. जजेमानी ४०. चुम्बक ४१. जहरमोरा ४२. तिलियर ४३. तुरसावा ४४. दानाफिरङ्ग ४५. दाँतला ४६. नरम ४७. पितोनिया ४८. फातेजहर ४६. यशव ५०. रातरतुबा ५१. सुलेमानी For Private & Personal Use Only ५२. मारवर ५३. मूवे नजफ ५४. मूसा [५] www.jainelibrary.orgPage Navigation
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