Book Title: Ratnagyan
Author(s): Yogiraj Mulchand Khatri
Publisher: Shiv Ratna Kendra Haridwar

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Page 44
________________ हत्था जोड़ी लक्ष्मी कौड़ा पीस नाग दौन ब्रह्म कमल पुष्प नजर बहुगुणीस ३१ / इन्द्रजाल की लकड़ी ३१/ ॐ नमः शिवाय तांत्रिक सामग्री [३४] ५१/ ११/ १०५/ ५/ ३१/ १२५/ ३१/ दाब का बन्दा उल्लू का पंजा गीदड़ सोंगी ★ माल वी०पी०पी० द्वारा भी भेजा जाता है । Jain Education International आँकड़े के छोटे गणेश इनसे बड़े गणेश इन दोनों से बड़े गणेश मेंढक का पित्ता रत्तगुंजा पांच पीस हिंगलाज थुमरा बिल्ली और जैर कुशा का बन्दा सम्पूर्ण जानकारी के लिये मिलें या लिखें : योगीराज मूलचन्द खत्री एवम् श्रीमती सुशीला खत्री शिव रत्न केन्द्र (रजि० ) सन्तल सराय, ऊपरी मञ्जिल गऊघाट, हरिद्वार - २४६४०१ [ फोन : ६६६५ ] For Private & Personal Use Only १२५/ २५१/ ५५१/ ३१/ ५१/ ५/ १०१/ ३१/ रत्न ज्ञान www.jainelibrary.org

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