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होती है। इसीलिए विदेश का नीलम भी मांगते हैं। नीलम खुले पानी का सीलोन का माना जा रहा है। जो कि पारदर्शी हल्कापन लिये हुए पुखराज के साथ पैदा होता है। सच कहा जाय यह पुखराज ही है। इसी को नीलम मानकर पहन रहे हैं। नये पारखी लोग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। भारत का नीलम गहरा नोला (कालापन) लिये हये गुम पानी का होता है। इसको नीलम न कहकर नीली मरगज आदि बता देते हैं। जबकि नीलम, मरगज, आदि में बहुत बड़ा (जमीन-आसमान जैसा) अन्तर होता है। भारत में नीलम और पुखराज ६० प्रतिशत नकली बिक रहा है।
भारत का नीलम सर्वोत्तम है। जो कि कश्मीर प्रदेश में जम्मू (बाडर) में नीलम खानों से निकाला जाता है। यह स्थान लगभग पन्द्रह हजार फुट की ऊँचाई पर है । इस भाग में सदा बर्फ जमा रहता है। यहाँ तक पैदल पहुँचना होता है । इस खदान पर पहुँचने में भी बीस दिन लग जाते हैं। ___कश्मीर में नीलम खदान के बारे में सुना गया है कि इसका पता कुछ यात्रियों द्वारा चला था। कुछ यात्रो अफगानिस्तान से देहली को चले थे, रास्ते में बरसात से पहाड़ गिर गया था। गिरे हुए पत्थरों में कुछ अच्छे रंगीन चमकदार पत्थर थे। वह यात्री इन पत्थरों को अपने साथ खच्चरों पर भर लाये। खाने-पीने की सामग्री इन पत्थरों के बदले में लेते रहे । अनेकों हाथों में घूमने के बाद जब यह पत्थर जौहरियों के पास पहुँचे तब इस खदान की खोज की गई। आयुर्वेद में नीलम :
नीलम के चूरे को गुलाब जल या केवड़े के जल में डालकर खरल में घोटा जाता हैं। अन्य रत्नों की भांति इसकी पिस्टी बनाई जाती है और भस्मी भी तैयार की जाती है। नीलम रसायन रत्न ज्ञान
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