Book Title: Ratnagyan Author(s): Yogiraj Mulchand Khatri Publisher: Shiv Ratna Kendra HaridwarPage 37
________________ ज्योतिष में माणिक :___ माणिक धारण करने से विष का प्रभाव नहीं होता। इसके प्रयोग से मानसिक और आध्यात्मिक शक्तियों का उदय होता है तथा विशिष्ट दैविक भावों का उदय होता है। स्त्रियों को गर्भपात होने से रोकता है । माणिक प्रयोग से नेत्ररोग (रोहे मोतियाबिन्द) आदि में लाभ करता है। जिन व्यक्तियों के जीवन में अस्थिरता अधिक होती है । आज यहां कल वहाँ । आज यह काम, कल दूसरा। माणिक रत्न उनके लिए अति उत्तम है। सिंह राशि के लिए राशि स्वामी होने के कारण भाग्य को उन्नत करने में सहायक होता है। जीवन को ऊँचा उठाता है । माणिक को धारण करने से तेजस्वी, प्रतापी, प्रभावशाली बनाता है । सिंह, मेष, वृश्चिक राशि वालों के लिए अति लाभकारी है। धारण-विधि :__इस रत्न को कम से कम सवा चार रत्ती का पहनना चाहिये । इससे अधिक पहनना और भी उचित होगा। इस रत्न को सोने या तांबे अथवा अष्टधातु में जड़ित कर लेना चाहिये। जड़ी हुई धातु सहित पूजास्थल में पूजा के समय रख लें। रविवार के दिन पूजा से निवृत होकर अपने इष्टदेव के चरणों से स्पर्श कर कनकी अंगुली के निकट वाली अंगुली जिसे (रिंगफिंगर) भी कहते हैं, धारण कर लेना चाहिए। सच्चे विश्वास और भाव से पहनने पर अवश्य ही इच्छापूर्ति होती है। माणिक के मूल्य प्रति रत्ति स्पेशल क्वालिटी I क्वालिटी II क्वालिटी III क्वालिटी १५०/- से ३००/- रु. तक ८५/- से १००/- ४५/- से ६५/- तक १५/- से ४०/- तक माणिक के उपरत्न गारनेट की माला शिव रत्न केन्द्र पर मिलती हैं। रत्न ज्ञान [२७] - - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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