Book Title: Rajasthani Sahitya Sangraha 02
Author(s): Purushottamlal Menariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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[ २४ ] ___ राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान द्वारा राजस्थान पुरातन ग्रन्थमालाके अन्तर्गत राजस्थान सरकार और केन्द्रीय शासनको संयुक्त सहायतासे चालू आर्थिक वर्षमें ही प्रस्तुत पुस्तकका प्रकाशन किया जा रहा है। पाठान्तर्गत शब्दार्थ, टिप्पणियाँ और परिशिष्टमें आवश्यक ज्ञातव्य पाठकोंको सुविधाके लिए प्रस्तुत किये गये हैं। ___ प्रतिष्ठानके संमान्य सञ्चालक परम श्रद्धेय पुरातत्त्वाचार्य मुनि श्री जिनविजयजीने राजस्थानी साहित्य संग्रह, भाग २ के अन्तर्गत प्रस्तुत पुस्तकको प्रकाशित करनेकी अनुमति प्रदान कर मुझे प्रोत्साहित किया है जिसके लिए मैं अपनी हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करता हूं। साथ ही प्रतिष्ठानके उपसञ्चालक श्री गोपालनारायणजी बहुरा, एम. ए. ने इस कार्यमें मेरा मार्ग-प्रदर्शन किया है तदर्थ मैं उनका विशेष आभारी हूं। पुस्तक-सम्बन्धी सामग्री प्रदान कर सम्पादन में सहयोग देने वाले सज्जनोंके प्रति भी मैं हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करता है ।
राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान. जोधपुर, दशहरा पर्व, सं० २०१७ वि० ।
पुरुषोत्तमलाल मेनारिया, एम. ए., साहित्यरत्न
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