Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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इतिहास
[ ३७४ ३७५३. विज्ञप्तिपत्र-ईसराज | पत्र सं० १ | प्रा. Exe इच। भाषा-हिन्दी। विषय-इतिहास । २० काल ४ लेकाल सं १८०७ फागुन सुदी १३ । पूर्ण । वेव सं० ५३ । म भण्डार ।
विशेष--भोपाल निवासी मराज ने जयपूर के जैन पंचों के नाम अपना विज्ञतिपत्र व प्रतिज्ञापत्र लिखा
स्वस्ति श्री सवाई जयपुर का सकलन साधर्मी बड़ी पंचायत तथा छोटी पंचायत का तथा दीवानजी
साहिब का मन्दिर सम्बन्धी पंचायत का पत्र प्रादि समस्त साधर्मों भाइयन को भोपाल का वासी हंसराज की या विज्ञप्ति
है सो नीका अवधारन की ज्यो । इसमें जयपुर के जैनों का अच्छा वर्णन है । अमरबन्दजी दीवान का भी नामोल्पख है। इसमें प्रतिज्ञा पत्र (प्राखडी पत्र ) भी है जिसमें हंसराज के त्यागमय जीवन पर प्रकाश पडता है। यह एक जन्म-पत्र की तरह गोल सिमटा हुया लम्बा पत्र है । सं० १८०३ फागुन सुदी १३ गुरुवार को प्रतिज्ञा सी गई उसी का पत्र है।
३७५४. शिलालेखसंग्रह..."। पत्र में 5 | मा० ११४७ इच । भाषा-संस्कृत । विषय-इतिहास । र० काल X1 ले. काल | अपूर्ण । वे. सं. ६९१ | अभण्डार ।
विशेष--निम्न लेखों का संग्रह है।
१. मालुक्य वंशोत्पन्न पुलकेशी का शिलालेख । २. भद्रबाहु प्रशस्ति १. मल्लिषेण प्रशस्ति
३७५५, श्रावक उत्पत्तिवर्णन..... १५ सं० १ । प्रा. ११४२५ इंच | भाषा--हिन्दी विषयइतिहास । १० काल' X । ले. काल XI पूर्ण | वे० सं० १९०८ 1 ट भण्डार ।
विशेष-चौरासी गौत्र, वेश तथा कुलदेवियों का वर्सन है ।
३७५६. श्रावकों की चौरासी जातियां .. .."। पत्र सं० १। भाषा-हिन्दी | विषय-इतिहास । २० काल X 1 ल• कास्न ४ । पूर्ण । वे० सं० ७३१ । म भण्डार ।
३७५७. श्रायकों को ७२ आतियां..."| पत्र सं. २मा .१२४५३ ईत्र । भाषा-संस्कृत हित्वी ।
विषय-इतिहास । र० काल. काल x पूर्ण । वे० सं० २०२६ । श्र भण्डार ।
विशेष-जातियों के नाम निम्न प्रकार हैं।
१. गोलाराडे २, गोलसिंघाड़े ३. गोलभूर्व ४, लंबेसु ५. जैसवाल ६. खंडेलवाल ७. बधेलवाल.
अगरवाल, ६. सहलवाल, १.. असरवापीरवाड, ११. बोसमारवाड़, १२. दुसरवापोरवाड, १३. जांगडापोरवाड,
१४. परवार, १५. वरहीया, १६. भैसरपोरवाध, १७. सोरठीपोरवाह, १८, पावतीपोरंभा, १६. वथड, २०, घुसर