Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 875
________________ कवित्त प्रन्धानुक्रमणिका ] [ ११ प्रन्थनाम लेखक भाषा पृष्ठ सं०] प्रथनाम लेखक भाषा पृष्ट सं० कल्याणमन्दिरस्तोत्र कुमुवचन्द्र (सं०) ३८४ | बनारसीदास (हि.) ७०६,७७३ ४०२, ४२५, ४३०, ४३१, ४३३,५६५, ५७२, ५७५. कवित्त मोहन (हि.) ७७२ ५९५, ६०५, ६१५, ६१६, ६३३, ६३७, ६५१, ६५० वृन्दावनदास (हि.) ६५२ ६८१, ६६३, ७०१, ७३१, ७६३ कवित्त सन्तराम (हि.) ६६२ कल्याणमन्दिरस्तोत्रटीका - (७) ३८५ कवित सुखलाल (हि.) ६५६ कल्याणमन्दिरस्तोत्रवृत्ति देवतिलक (स.) फक्ति सुन्दरदास (हि.) ६४३ कल्याणमन्दिरस्तोत्र हिन्दी टीका - (सं० हि.) ६५१ कवित संवग (हि.) ७७२ कल्याणमन्दिरस्तोत्रभाषा पन्नालाल .हि.) ३.५ कवित - (राज. डिंगल) ७७० कवित्त माणमनियमका कालीदास हि १८५ - (हि.) ६८१ ७१७, ७५८, ७६०, ७६३, ७६७, ७७१ ४२६, ५६६, ५६६, ६०३, ६०४, ६२२, ६४३, ६४८, कवित्त चुगलखोर का शिवलाल (हि.) ७८२ ६६२, ६६५, ६७७, ७०३, ७०५ कवित्तसंग्रह कल्याणमन्दिरस्तोत्रभाषा मेस्लीराम - (हि.) ६५६, ७४३ (हि०) ७८६ कल्याणमन्दिरस्तोत्रभाषा ऋषि रामचन्द्र (हि.) ३८५ कविधिया केशवदेव (हि०) १६१ कल्याणमन्दिरभाषा कविवल्लभ हरिचरणदास (हि०) ६८८ -- (हि०) ६८९ ७४५, ७५४, ७५५, ७५८, ७९८ कक्षपुट सिद्धनागार्जुन (सं०) २६७ कल्याणमाला पं० माशाधर सं०) ५७५, ३८५ कातन्त्रटीका कल्याणविधि (सं.) कातन्त्ररूपमालाटीका दौसिंह मुनि विनयचन्द (अप) ६४१ कातन्त्ररूपमालावृत्ति (२०) २५८ कल्याणाष्टकस्तोत्र पद्मनन्दि (सं०) ५७४ (सं०) कातन्त्रविभ्रमसूभावरि वारियसिंह कवलचन्द्रायणव्रतकथा २५७ - (सं०) २२१, २४६ कविकर्पटी ___ - (०) ३०६ कातन्त्रव्याकरण शिववर्मा (मं०) २५६ कवित्त अप्रवास (हि.) ७६८ कादम्बरीटीका (सं.) १६१ कवित्त कन्हैयालाल (हि.) ७० | कामन्दकीमनोतिसारभाषा - कवित्त केसवदास (हि.) ६४३ कामशास्त्र (हि.) ७३७ कवित्त गिरधर (हि०) ७७२ ७८६ कामसूत्र कषिहाल (प्रा०) ३५३ कवित्त प्र० गुलाल (हि.) ६७०, ६८२ कारकप्रक्रिया (२०) २५६ कवित छीडल (हि०) ७७० | कारकविवेचन (सं.) २५६ कवित जयकिशन (हि.) ६४३ | कारकसमासप्रकरण (सं०) २५६ कवित्त देवीदास (हि.) ६७५ | कारखानों के नाम कवित्त पद्माकर (हि.) ७५६ कात्तिकेयानुप्रेक्षा स्वामी कात्तिकेय (प्रा) १०३

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