Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 950
________________ ग्रंथकार का नाम . 0 ४२ पानंदि मुनियनसिंहभद्रबाहुभावशर्मामुनिचन्द्रसूरिमुनीन्द्रकीर्तिरत्नशेखरसूरिलक्ष्मीचन्द्रदेवलक्ष्मीसेनवसुनन्दिविद्यासिद्धिशिवाय श्रीरामश्रुतमुनिसमंतभद्रसिद्धसेनसूरिसुन्दरसूर्य-- कविहालवर हेमचन्द्र । अंध एवं प्राथकार ग्रंथ नाम ग्रंथ सूची की । प्रथकार का नाम ग्रंथ नाम प्रथ सूची की . पत्र संभ पत्र संख त्रिलोकसार ३२० अपभ्रंश भाषा त्रिलोकसारसंदृष्टि पंचसंग्रह अमरकीति पटकमोपदेशरत्नमाला म भावविभंगी ऋषभदास रत्नत्रयपूजाजयमाला ५३७ संधिसार कनककीर्ति नन्दोश्वरजयमाला ५१६ শিখধরাখি मुनिकनकामर- करकण्डुचरित्र सत्तात्रिभंगी मुनिगुणभद्र दशलक्षणकथा रोहिणीविधान ६२६ ऋषभदेवस्तुति जिनवरदर्शन जयमित्रहल-- वमानकथा जम्बुद्वीपप्रज्ञासि ३१६ जल्हण দুবালুমধা ६२८ शानसार ज्ञानचंद योगचर्चा ६,७ | तेजपाल संभवजिराणाहचरित २०४ दशलक्षणजयमाल ४८६, ५१७ , देवनंदि रोहिणीचरित्र २४३ वनस्पतिसत्तरी ८५ रोहिणाविधानकथा २४३ अनन्त चतुर्दशीकथा २१४ ' धवल हरिवंशपुराण प्रातृतछंद कोश नरसेन जिनरात्रिविधानकथा ६२८ स्तोत्र सिरिपाल चरिय द्वादशानुप्रेक्षा पुष्पदन्त आदिपुराण १४३, ६४२ वमुनन्दिवावकाचार महापुराण १५३ शांतिकरस्तोत्र यशोधरचरित्र १६८ भगवतीमाराधना प्रिंशतजिरणचन्द्रवीसी ६८६ १ चन्द्राभत्तरिय प्राकृतरूपमाला पढ्डी ६४२ भादसंग्रह पाण्डवपुराग कल्याणक ३८३ हरिवंशपुराण इसकीस ठाणावर्चा योगीन्द्र देव परमात्मप्रकाश ११०, शांतिकरस्तोत्र ५७५, ६६३, ७७७ ७४७ कामसूत्र योगसार ११६, ७४८,७५५ श्रुतस्कंध ३७६, ५७२, राधू दशलक्षण जयमाल २४३, ७०७, ७३७ ४८६,५१८, ५३७ ५७२, ६३७ ७६ महरसिंह--- २६२ ; यश कीति-- १६५ ४२३ । ३५३

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