Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 989
________________ मथ एवं ग्रंथकार ] प्रथकार का शोभाचन्द - श्यामदास--- श्याममिश्र - श्रीपाल -- श्रीभूषण श्रीराम- श्रीवर्द्धन - मुनिश्रीसार- संतदास संतराम --- संतलाल - संतीदास - संतोषकवि मुनिसकलकीर्ति नाम शिवादेवी माताको प्राठकों ७२४ क्षेत्रपालभैरवगीत पद तोसीबीसी पद श्यामबत्तीसी रागमाला विषष्ठिला पद अनन्तचतुर्दशी पूजा पद पद गुणस्थानगीत स्वार्थबीसी पद कवित्त सिद्धचक्रपूजा पद विषहरणविधि आराधनाप्रतिबोधसार कर्मचुरवत वेलि पद पार्श्वनाथाष्टक मुक्तावलिगीत सोलहकारण रास की कार का नाम पत्र सं पद सदासागरसदासुखकासलीवाल - अर्थप्रकाशिका ५८३,७७७ ७७७ ७५८ ७६४ ७६६ ७७१ ૬૭૦ ६७० 동 ५६३ ५६० ७६३ ६१९ ६५४ ६६२ ५५४ ७५.६ ३०३ ६५५ ५६२ १६५ ७७७ ६८६ ५६४ ६३६, ७८१ ५८० १ सबलसिंह - सभाचन्द सवाईराम -- समयराज - समयसुन्दर ग्रंथ नान [ २२५ ग्रंथ सूची की पत्र सं० ३७६ ७९६ २६ अकलं काष्टकभाषा ऋषिमंडलपूजा तत्वार्थ सूत्र भाषा दशलक्षण धर्मनि नित्यनियमपूत्रा न्यायदीपिकाभाषा भगवती प्राराधनाभाषा मृत्यु महोत्सव भाषा रत्नकरण्ड श्रावकाचार पीडाकारणभावना पद लुहरि पद पार्श्वनाथस्तवन अनाशमुनि साथ अरहन सज्नाय श्रादिनाथस्तवन फर्म छत्तीसी कुशल गुरुस्तवन क्षमाछत्तीसी गौडी पार्श्वनाथस्तवन ५६ नमिराजपिसज्झाय पंचयतस्तत्रन ve १३५ ७६ ११५. ८२ ६२४ ७२४ ५६० ६६७ ६१८ ६१८ ६१६ ६१६ ७७६ ६१७ ६१७ ६१६ गौतमपृच्छा ६१९ गौतमस्वामी सम्झाय ६१८ ज्ञानपंचमीबृहदुस्तवन ७७९ तीर्थमालास्तव न ६१७ दानतपशील संबाद ६१७ ६१८ ६१६

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