Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
View full book text ________________
५१२
प्रथ एवं ग्रंथकार )
[ १२३ + प्रधकार का नाम नथ नाम पंथ सूची की | पंथकार का नाम प्रथ नाम ग्रंथ सूची की पत्र सं०
पत्र सं० चिन्तामणि पार्श्वनाथ
पार्वजिनपूजा स्तवन १७
पूजाष्टक धर्मबुद्धिचौपई २२६,
षटलेण्याबेलि नेमिनाघमंगल ६०५, ७२२ वल्लभ
रूक्मिणीविवाह ७८७ ने मीश्वरका व्याहला ६५१ | याजिद
वाजिदकेडिल्ल पद ५८२, ५८३, ५८७ | षादिचन्द्र
मादित्यवारकथा पूजासंग्रह ७७७ विचित्रदेव
मोरपिन्द्वधारीके पांडे लालचंद- षट्कर्मोपदेशरत्नमाला
कवित्त ६७३ सम्मेदशिस्त्ररमहात्म्य १२ विजयकीर्ति
अनन्तवतपूजा ऋषि लालच्द- अठारहनातेकीवथा २१३
जम्बूस्वामीचरिव १६६ मरुदेवीसज्झाप ४५०
पद
५८०,५८२ महावीरजीचौढाल्या ४५०
५८३, ५०४, ५८५ विजयकुमारसभाय ___४५०
५८६, ५७, ५८६ कान्तिनाथस्तवन ४१७
धेशिकचरित्र २०४ शीतलनाथस्तवन ४५१ विजयदे
नेमिनाथरास ३६२ लाल जीततेरहद्वी पूजा
शीलरास ३६५, ६१७ ब्रझलाल--
जिनवरतवजयमाला | विजयमानसूरि- थे वांसस्तवन ४५१ लालबर्द्धनपाण्डवचरित्र १७८ विद्याभूषण
गीत महालालसागरए/मोकारछंद ६८३ | विनयकीति
अष्टाहिकावतकथा लूणकरणकासलीवाल- चौबीसतीर्थकरस्तवन ४३८
७८०, ७६४ देवकीकीवाल ४३६ | विनयचंद
केवलज्ञानसभाय ३८५ साइलोइट-- पठारहनातेकीकथा विनोदीलाललालचंद- कृपणपच्चीसी (चौढाल्या) ६२३
चौबीसीस्तुति ७५३, ७७६ ७२३, ७७५, ७८०, ७६८
चौरासीजातिका द्वादशानुप्रेक्षा
जयमाल ३६६ पार्श्वनाथकोगुमामाला ७६
नेमिनाथकेनवमंगल ४४० पार्श्वनाथजयमाल ६४२
६८५, ७२०, ७३४ ७८१
नेमिनाथकाबारहमासा ७५३
४८४
F८५
Loading... Page Navigation 1 ... 985 986 987 988 989 990 991 992 993 994 995 996 997 998 999 1000 1001 1002 1003 1004 1005 1006 1007