Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 986
________________ १२२ । प्रकार का नाम प्रथ नाम जम्बूस्वामी चरित्र निर्दो ७१० cce ३६३, ६०१ ६२१, ६३८, ७५२ ७६३ ५६५, ६३६ ७१२७३७७४ मीवर फाग पंचगुरुकी जयमाल प्रद्य ुम्नरात '5' ग्रंथ सूची की | ग्रंथकार का नाम पत्र सं० भक्तामर स्तोत्रवृत्ति ४०८ भविष्यदत्तरास ३६४, ५६४ ६४८७४०, ७५१ ७५२,७७३, ७७५ राजा चन्द्रगुप्तवचोपई ६२० शीलरास ७४६ श्रीपाल रास ૬૬ ६५४. ७१२ १७७४६ ३६६, ६३९ ७१२, ७४६ २१६, ५६५ पांडे रुपचंद५६६, ७१७, ७३४ |रूपदीप ७४०, ७५२ | रेखराज ७४४, ७९२ सुदर्शन रास हनुमन्त्रवि साधर्मी भाईरायमल्ल - ज्ञानानन्यभावका 1 रूपचंद— अध्यात्म दोहा जकडी जिनस्तुति चार लक्ष्मण- लक्ष्मीवल्लभ ५८ लक्ष्मीसागर - ७४६ लब्धिविमलग६५०, ७५२ पं० लाखो ६६१, ७५५ | लाल--- - ७०२ । लालचन्द -- मंथ नाम पंचमंगल ४०१, ४२८, ४४७ ५१८, ५६५ ५७० ६२४, ६४२, ६५० ६५८, ६६१, ६६४, ६७३, ७०४, ७७५ ७१५, ७२० चकल्याणक पूजा ५०० दोहाशतक -७४०, ७४३ पद ५८५ ६७ ५८८ ६२४, ६६१, ७२४ ७४६,७५४७६३ ७६५, ७८३ ७६४ ७०६ परमार्थगोत परमार्थ दोहा परमार्थ हिंडोल ना घुमंगल विनती प्रथ एवं प्रन्थकार ग्रंथ सूची की पत्र सं० पद चन्दकथा समवसरणपूजा तत्वार्थ सूत्रभाषाका ६४० निगलभाषा ७०६ ७६८ 9YE ३७ ६८२ नवतत्वप्रकररण पद ७६४ ६२४, ७१९ ७६५ गद भारती ज्ञानावटीकाभापा पार्श्वनाथ चोप ५४६ १०८ ४४३ ४४५, ६८६ ६२२ * +

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