Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 988
________________ ६२४ ] ग्रंथकार का नाम । ग्रंथ नाम ग्रंथ सूची की मंधकार का नाम पत्र सं० पूजाष्टक ७७७वृजलाल५६०,६२३ | वृन्दकवि७५७, ७८३, ७६८ भक्तामरस्तोत्रकथा २३४ वृन्दावनसम्यक्त्वकौमुदीकथा २५२ राजुलपच्चीसी ६१३, ६२२, ६४३ ६५१, ६८५ ७४७, ७५३ बाहुबलीसज्माय ४४६ शंकराचार्यप्राराधनाप्रतिबोधसार ६५५ शांतिकुशलजिनचौबीसीभवान्तर व शांतिदासरास ५७० प्रनाथोसाघचौढालिया ६८० पहनकचौढालियागीत ४३५ शालिभद्रधर्मपरीक्षामाषा शिखरच दप्रष्टकपूजा शिरोमणिदास ऋषिशियनेमिजोकोमंगल ५६७ नमिजीकीलहरि ७४६, ७७८ शिवजीलाल . विमलकीतिविमलेन्द्रकीति । ग्रंथ एवं अन्यकार ग्रंथ नाम मथ सूची की पत्र सं० बारहभावना ६५ वृन्दसतसई ६७५, ७५.१, ७८५ कवित्त २८२ অৰিহালিৰাৰ্থৰ সুলা ২৪ छंदशतक तीस चौबीसीपूजा ४८३ पद ६२५, ६४३ प्रवचनसारभाषा ११४ मुहूर्तमुक्तावलिभाषा ७६८ अजनारास ३६० अनन्तनाथजा ६६०, ७६५ आदिनाथपूजा ६५ बुद्धिरास तत्वार्थमूत्रभाषा ३० धर्मसार नेमिस्तवन ४०० पर्चासार दर्शनसारभाषा १३३ प्रतिष्ठासार ५२२ संचहणीबालासबोध ४५ कवितचुगलखोरका ७८२ ७५० अष्टाहिकागीत पारती क्षेत्रपालगीत ६२३ विमलविनयरिण विशालकीतिविश्वभूषण पार्श्वनाथ चरित्र ५६६ विनती ६२१ शिनिधानगणि-- हेमारी शिवलालविश्वामित्ररामकवच शिवसुन्दरत्रिसनदास शुभचन्द्रवीरचंद जिनान्तर संबोधसतार वेणीदास [. वेण]- पांचपरवीव्रतकीकथा ६२१ ६८५ ५६७ ३३६ पद ७०२, ७२४ ७७७

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