Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पंथ एव प्रन्थकार ] ग्रंथकार का नाम गंध नाम ग्रंथ सूची की | ग्रंथकार का नाम
पत्र संद जिनराहस्रनामस्तोत्र ३६१, ५४०, ५६६, ५६६,६०५, ६०७, ६३६, ६४६, ६५५, ६८३, ६८६, ६६२,७१२,
७१५, ७२०, ७४०, ७५२ धर्मामृतसूक्तिसंग्रह
भ: एकसंधिध्वजारो पविधि
कनककीत्ति-- विषष्टिस्मृति
१४६ देवशास्त्रगुरुपूजा
कनकक्रुशलभूपालचतुर्विशतिका
कनकनंदिटीका ४११
कनकसागररलत्रयपूजा ५२६
कमलप्रभाचार्य श्रावकाचार ( सागारधर्मामृत ) ६३५ कमलविजयाणशांतिहोमविधान सरस्वतीस्तुति ६४७, | कालिदास
६५८, ७६१ सिद्धपूजा ५५४, ७१६
स्तवन , इन्द्रनंदि
अंकुरारोपणविधि ४५३ देवपूजा
४६० नीतसार
३२६ | कालिदासउज्जवलदत्त ( संग्रहकर्ता )
उणादिसूत्रसंग्रह २५७ | काशीनाथ-- उमास्वामि-- तत्वार्थसूत्र २३, ४२५ ।
४२७, ४३७ ५३७, ५६२, ५६६, | काशीराज५७१, ५७३, ५६५, ५६६, ६०१, | कुमुदचन्द्र६०३, ६०५, ६३३, ६३७, ६३६ |
[ GE मंच नाम ग्रंथ सूची की
पत्र सं. ६४४, ६४५, ६४७, ६४८, ६५०, ६.५२, ६५६, ६६४, ७००, ५०४, ७०५, ७७७, ७२७, ७८५, ७८८
पंचनमस्कारस्तोत्र ५७६ তুলসি । ५१२ श्रावकाचार प्रायश्चितविधि ७४ णमोकारपैंतीसीव्रत विधान ४०२,५१७ देवागमस्तोत्रवृत्ति ३६६ गोम्मटसार कर्मकाण्डटीका १२ कुमारसंभवटीका १६२ जिनपंजरस्तोत्र ३६०,
. ४३०,६४६ चतुर्विंशति तीर्थकर
स्तोत्र ३८८ कुमारसंभव ऋतुसंहार १६१ मेघदूत
१८७ रघुवंश वृतरत्नाकर
३१४ धुतबोध शाकुन्तल
३१६ नलोदयकान्य
शृंगारतिलक ३५६ . ज्योतिषसारसग्नचंद्रिका २८३ शीघ्रबोध २६२, ६०३ अजीर्णमजरो २६६ कल्याणमंदिरस्तोत्र ३८४ ४२५, ४२७, ४३०, ४३१,
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