Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 959
________________ ३०५ M १३ प्रन्थ एवं ग्रंथकार । [ ५ मंथकार क नाम मथ नाम ग्रंथ सूची की ' ग्रंथकार का नाम मथ नाम ग्रंथ सूची की पत्र सं० पत्र सं. पृथ्वीधराचार्य- चामुण्डस्तोत्र भफिलाभ पष्ठिशतकटिप्पण भुवनेश्वरीस्तोत्र भदृशंकर वैद्यविनोद ( सिद्धमहामत्र) ३४६ | भट्टोजीदीक्षित सिद्धान्तकौमुदी २६७ प्रभाचन्द्र-- प्रात्मानुशासनहीका १०१ । भट्टरपल २६१ पाराधनासारप्रबंध २१६ वृहज्जातक २६१ मादिपुराणाटिप्पण पटपंचालिकावृत्ति २६२ उत्तरपुराणटिप्पण १४५ | भद्रबाह नवग्रहपूजाविधान ४६४ क्रियाकलापटीका भद्रबाहुसंहिता २८५ तत्वार्थ रस्नप्रभाकर (निमित्तज्ञान ) ४८०,500 द्रव्यसंग्रहवृत्ति | मन हरि नीतिशतक ३२५ नागकुमारचरित्रटीका १७६ वरांगचरित्र १६५ न्यायकुमुदचन्द्रिका १३५ वैराग्यशतक प्रमेयकमलमार्तण्ड भहरिशतक ३३३,७१५ रत्नकरण्डश्रावकाचार महाबीराष्टक ४१३, ४२६ रोहिणीव्रतकथा सिद्धषकपूजा समाधियातकटीका १२७ अमरकोषटीका २७४ स्वयंभूस्तोत्रटीका ४३४ भानुजीदीक्षिन रसमंजरी २५६ भ-प्रभाचंद्रकलिकुण्डपार्थनाथपूजा 10 भानुदत्तमिश्र ग्यायमाला १३५ मुनितुप्रतछंद ५५७ तीर्थमुनिसिद्धचक्रपूजा ५५३ ' परमहंसपरिमाजकाचार्य श्रीभारतीबहुमुनि-- सामायिकपाठ ६४ तीथमुनी- न्यायमाला १३५ बालचन्द्र-- तक भाषाप्रकाशिका भारबी-- किरातार्जुनीय ब्रह्मदेवद्रव्यसंग्रहवृत्ति | भावशर्मा लघुस्नपनटीका परमात्मप्रकाशटीका १११ भास्कराचार्य- लीलावती ब्रह्मसेन--- क्षमावणीपूजा ___५६४ | भूपालकवि- भूगलचतुर्विशतिस्तोत्र ४१३ रत्नत्रयकामहार्घ व ४२५, ५७२, ५६५ क्षमावणी १ । ६०५, ६३३ टीका १३ भागचद यशोधरचरित्रटिप्पण .. | भानुकीत्ति ३ २

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