Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पंथ एव प्रन्थकार ]
मंथकार का नाम
कनकसोम
कन्हैयालाल
कपोत
-
अ. कपूरचन्द
कबीर -
कमल कलश
कमलकीर्ति
कर्मचन्द -
कन्या कीर्ति
किशन
किशनगुलाब
किशनदास
किशनलाल
किशनसिंह
ग्रंथ नाम
भक्तिपाठ
पद
विनती
स्तुति
६२१ कुशल विजय
६०१, ६५० | केशरगुलाबकेशरी सिंह -
याद्रकुमारधमाल
६१७
आषाढभूतिहालिया ६९०
६१७
मेघकुमार चौहानिया
कवित्त
पद
मोरपिच्छा कृष्ण
के कवित्त
दोहा
पद
साखी
ग्रंथ सूची की | ग्रंथकार का नाम
पत्र सं
पद
६५१
६६४, ७०२
७२४, ७७४
भरणवाडीस्तवन
श्रदिजिनवरस्तुति
( गुजराती )
चारुदत्तमरित्र
छहढाला
पद
पद
कृष्णबाल विलास
क्रियाको भाषा
पद
७८०
६७३
४४५
५७०, ६२४
७६०, ७८१
७७७, ७६३
७२३
४२६
५.८७
१६७
६७४,
८४, ६१४, ६६६
६४९
कुवलयचन्द्र
कुशललाभगणि
1
४३७
५३ ५६०, ७०४
केशव --
६१९ केशवसेन| कौरपाल
कृपाराम -
केशवदास - |
केशवदास–II
कृष्णदास ---
कृष्णदास
कृष्णराय ---
खजमल-
खङ्गसेन
खानचन्द्र
ग्रंथ नाम
[ ६०५
ग्रंथ सूची की
पत्र सं०
२३५
७६३
२२५
७८२
***
रात्रि भोजनकथा
नेमिनाथपूजा
ढोलामारूवणीचौरई
विनती
पद
सम्मेदशिखर विलारा
बद्ध मानपुराण
कलियुगकीकथा
सदयत्र न्यायलिंग।
की चौपाई
वैद्यमनोत्सव
कवित्त
कविप्रिया
नखसिखन
रसिकप्रिया
रामचन्द्रिका
पंचमीव्रतोद्यापन
चौरासीबोल
ज्योतिषसारभाषा
२५४
Exe
६४१, ७७०
१६१
७७२
७७१, ७६६
*૨૪
६३५
रत्नावली व्रत विधान
सतसईटी का
प्रद्य ुम्नरास
सवियों की सभाप त्रिलोकसारदर्पणकथा
९२
१५४
१९६
६२२
परमात्मप्रकाश बालाव
७०१
२५२
५६८
५३१
وو
७२२
४५ १
३२१
६८६, ६६०,
बोधटीका १११
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