Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ ६१३ मथ नाम ग्रंथ सूची की
पत्र सं. संबोधमक्षरबावनी समाधिमरणभाषा सिद्धक्षेत्रपूजाष्टक स्वयंभूस्तोत्रभाषा ४२६ भाषा ५२४ कलियुगकीकथा ७७३ तीनमियांकीजफडी
१२६
पद
मंथ एवं ग्रंथकार ] प्रधकार का नाम प्रथ नाम मंथ सूची की | मंथकार का नाम
पत्र सं०
६७४, ७४७ गुरुभष्टक
७७७ जकडी
६४३ तत्वसारभाषा ७४७ दवाबोलपच्ची दशलशणपूजा ५१६, ७०५ द्वारिकादासदानबाबनी ६.५, ६८९ धनराजद्यानतविलास द्रव्यसंग्रहभाषा
७१२ धर्मविलास ३२८ | धर्मचन्दधर्मपचोसी ७१०, ७४७ | धर्मदासपंचमेरुपूजा ५०५, ७०५ पार्श्वनाथस्तोत्रभाषा ५६६ ||
| धर्मपाल६१५, ४०६
धर्मभूषणपदसंग्रह ४४५, ५८३
धर्मसी-- ५८४, ५८५, ५८६
धीरजसिंहराठौठ५५८, ५८६, ५६०
नन्ददास६२२, ६२४, ६४३ ६४६, ६५४, ७०४
७४६, ७७ भावमास्तोत्र रलत्रयपूजा ५२६,७०५ যায়ীpমনসামাল ও षोडशकारगापूजा ५११
__५१६, ५५६, ७.५ संघपच्चीसी ३७५ | नन्दराम--- संबोधपंचासिका १२८ ६०५, ६४८, ६५, ६६३ | बैद्यनन्दलाल
७१३, ७१६, ७२५ नखरूकवि
७६८ शिखरविलासभाषा अनन्तके छप्पय ७५७ मोरपिच्छधारीकृष्ण के
कवित ६७३ पद ५८८, ७६ अंजनाकोरास दानशीलतपभावना भाषाभूषण ६९८ अनेकार्थनाममाला अनेकार्थमंजरी २७१, ७६३
५८७,७०४
७७० नाममंजरी मानमंजरो २७६, ६९१ विरहमंजरी ६५७, ७५६ श्यामबत्तीसो
पद
योगसारभाषा कमकाबत्तीसी प्रश्नापलिकवित्त रसालकुवरको चौपई ५७७
७८२
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