Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 972
________________ ६०५ ] ग्रंथकार का नाम ग्रंथ नाम जपतराय - जगनकवि जगराम - जगरूप जनमल अनमोहन जनराज जयकिशन - जयकीर्ति जयचन्दछाबडा - जिनवाणी स्तवन पद्मनंदि रच्चीसो भाषा सम्यक्त्वकौमुदीकथा रामबत्तीसी पद प्रतिमा त्याप ग्रंथ सूची की ग्रंथकार का नाम पत्र सं० ३६० Fre २५.२ ४१४ ४०५, ६६८ ७८५ पार्श्वनाथस्तवन पद स्नेहलीला तांबर तके ८४ बोल कवित्त पद उपदेश नारहमासा कलरास महिम्नस्तवन रवि व्रतकथा अध्यात्मपत्र अष्टपाहुडभाषा श्राप्तमीमासा भाषा ६८१ कालिकानुप्रेक्षा भाषा चंद्रप्रभचरित्रभाषा ज्ञानार्णवभाषर तत्वार्थ सूत्र भाषा देवपूजा भाषा देवागमस्तोत्र भाषा ७७६ ५८५ ७७१ ६५६ ६४३ जल पांडे जयवंत - जयसागर - ५८५ ५८८ ३६३ ४२५ ६६६ जसुराम ६ जादूयम— ६६ जिलचंद्रसूरि १३० १०४ १६६ : जय सोमगरण जवाहरलाल उसकीर्ति - जसराज जसवंतसिंह राठौड - १०८ २६ | जितसागरगणि— ४९० । जितसिंहरि ३६५ [ ग्रंथ एवं प्रन्थकार ग्रंथ सूची की पत्र सं० ३६ १३६ ४१० १२४ ४६ ६६ ग्रंथ नाम द्रव्यसंग्रह भाषा परीक्षामुखभाषा भक्तामर स्तोत्र भाषा समयसार भाषा सर्वार्थसिद्धिभाषा सामायिक पाठभाषा कुशील खंडन तत्वार्थ सूत्रटीका चतुर्विंशतिजिनस्तवन जिनकुशल सुरिचांपई बारह भावना सम्मेद शिखरपूजा ज्येष्ठ जिनवरकथा पद ( चौबीसीस्तवन } ६१६,७०६ ६१८ ६१७ बारहमासा भाषाभूषरण राजनीतिशास्त्र भाषा प्रादीश्वरस्तवन पार्श्वजिनस्तवन बारभावना महावीरस्तवन विनती पाठस्तुति नेभिस्तवन ૨૭ ५२ २६ दिशतिजिनराज ५५० २२५ ७५० ३१२ ३३५ ४४५ ७०० ७०० 1900 ७०० ७०० ४०० स्तुति ७००

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