Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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८६८1
मंथकार का नाम
लोकसेन
लोकेशकर
लोलिम्बराज --
लोगाक्षिभारकर -
लोलिम्बराज -
वनमालीभ
बदराज
वररुचि
ग्रंथ नाम
श्राकाश पंचमी कथा
६४५
कंजिकाव्रतोद्यापनपुजा ४६८
शिवकुमारका
ग्रंथ सूची की | ग्रंथकार का नाम
पत्र सं
हाजी की पूजा
जिनचरित्रकथा
दशलक्षगीकथा
पन्यविधानपूजा
पुष्पांजलिन्नत कथा
रत्नत्रयप्रतकथा ६४५, ६९५
समवसरण पूजा
सुगंधदशमीकथा
व्रतकरण ६४५ त्रिचन्द्रसुर
कारणकथा
वैद्यजीवन
पूर्वमीमांसा करण
संग्रह
वैद्यजीवन
भक्तिरत्नाकर
लघुसिद्धान्त
सारसंग्रह
एकाक्षरी श
योगशत
५१४
बल्लाल
६४५ वसुनन्दि-
६६५
५०६
Ex
sex
दशलक्षणकथा २२७, २४२
सिद्धान्तचन्द्रिकाठी का
शब्दरूपिणी
श्रुतबोध
सर्वार्थसाधन
बराहमिहर -
भ० चद्धमानदेव-—
बद्ध मानसूर -
*૪*
૪૨
६४५ बादराज -
२६ε
७१५
૧૨૭
३०३
वाग्भट्ट -
८००
वादीभ सिंह
२६३
१४०
२७० बामदेव -
३०२
२६४
३१५ वासवसेन
२७८ वाहउदास
[ ग्रंथ एवं प्रन्थकार
ग्रंथ सूची की
पत्र सं
अथ नाम
पद पंचासिका
बरांगचरित्र
लग्नास्त्र
भोजप्रबन्ध
terraneata का
प्रतिष्ठापाठ
५२१
प्रतिष्ठासारसंग्रह ५२२
मूलाचारटीका
७६
मिनिर्वाण
१७:३
३१२
५६०
३१६
१७८
वाग्भट्टालंकार
कर्मदहनपूजा
ज्ञानसूर्योदयनाटक
पवनदूतकाव्य
एकीभावस्तोत्र
२६२
१६४
३८२
४२५, ४२७, ५७२, ५७४,
५६५ १०५, ६३३, ६२७
टक
पार्श्वनाथ चरित्र
यशोधरवरिष
६४४,६५१, ६५२, ६५७,
७२१
६५७
१७८
११०
क्षत्र चूडामि
पंचकल्याणक पूजा
त्रिलोकदीपक
भाव संग्रह
सिद्धान्त त्रिलोकदीपक
२६१
१८५
३६५
यशोधरचरित्र
सन्निपातनिदान
१६२
५००
३२०
७८
३२३
१६०
३०६
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