Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 891
________________ मन्थानुक्रमणिका ] [ ८२७ प्रन्यनाम लेवक भाषा पृष्ट सं। प्रन्थनाम भाषा पृष्ठ सं० त्रिकाण्डशेषसूची [अमरकोश] अमरसिंह (म.) २७४ | त्रिलोकवर्णन (हि०) ६६० त्रिकाण्डशेषाभिधान पुरुषोत्तमदेव (i०) २७५ | ७०० ७०२ विकालचतुर्दशीपूजा - (सं०) ६६६ | त्रिलोकसार नेमिचन्द्राचार्य (प्रा०) ३२० त्रिकालचौबीसी त्रिलोकसारकथा - (हि.) २२७ विकालचौबीसीकया [रोटतीज] अभ्रदेव (सं०) २२६, २४२ | पिलोकसारचौपई स्वरूपचंद (हि.) ५११ त्रिकालचाँबीसीकथा [रोटतीज] गुणनन्दि (सं.) २२६ त्रिलोकसारपजा अभयनन्दि (सं.) ४८५ त्रिलोकसारप जा विकालचौबीसीनाम - (सं०) ४२४ - (सं०) ४८५, ५१३ त्रिलोकमारभाषा त्रिकालचौबीसीपूजा त्रिभुवनचंद्र (सं०) ४८४, टोडरमल (हि.) ३२ : विकालचौबीसी जा त्रिलोकसारभाषा _ - (सं.) ४८४, ५१७ -- (हि.) ३२१ त्रिकालचौबीसीपजा निलोकसारभाषा (प्रा०) ५६ - - (हि०) ३२१ त्रिकालदेवबंदना (हि०) ६७ त्रिलोकसारवृत्ति माधवचन्द्र विद्यदेव (सं०) ३२२२ त्रिलोकसारवत (सं०) ४८५ - त्रिकालपूजा सं०) ३२२ त्रिचतुवित्तिविधान बिलोकसारसंहष्ट नेमिचन्द्राबार्य (प्रा०) ३२२ त्रिपंचाशतक्रिया (हि.) ५१७ पिलोकस्तोत्र म. महीचन्द विपंचाक्षातन्त्रतोद्यापन (सं०) ५४३ त्रिलोवस्थजिनालयपूजा - (हि०) ४८५ त्रिभुवन की विनती गंगादास (हित) ७७२ त्रिलोकस्वरूप व्यारूपा जदयलाल गंगवाल (हि.) ३२२ त्रिभुवन की विनती (हि.) ७७४ त्रिवर्णाचार भ० सोमसेन (१०) ५८ विभंगीसार नेमिचन्द्राचार्य (प्रा.) ३१ त्रिदाती शाधर (सं०) २६८ विभंगीसारटोका विवेकानन्द्रि (ग) ३२ बिषांशलाकाछंद श्रीपाल (सं०) ६७० त्रिलोकक्षेत्रपजा (हि.) ४५ विषष्ठशलाका पुरुषवर्गन - (सं.) १४६ बिलोकचित्र (हि.) ३२० त्रिषष्टिस्मृति आशाधर (सं०) १४६ त्रिलोकतिल कस्तोत्र भ० महीचन्द्र (सं०) ७१२ त्रिंशतजिणचऊबीसी महणसिंह (अप०) ६८६ त्रिलोकदीपक वामदेव (सं०) ३२० श्रेषन किया - (सं०) ५६, ७६२ त्रिलोकदर्पणकथा खड्गसेन । हि०) ६८६, | पनक्रिया गुलाल (हि.) ७४० वपनक्रिपाकोश दौलतराम (हि०) ५६ त्रिलोकवर्णन (सं०) ३२२ | पनक्रियाजा - . (सं.) ४८५ त्रिलोकवर्णन (प्रा०) ३२२ [ पनक्रिया [मण्डल चित्र - त्रिलोकवर्णन [चित्र] ३२३ श्रेपन कमावतपूजा - (सं०) ४५ त्रिलोकवर्णन (सं०) ३२३ | बेपभक्रियानतोद्यापन देवेन्द्रकीति (सं०) ६३८, ७६६ स०) २४६

Loading...

Page Navigation
1 ... 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912 913 914 915 916 917 918 919 920 921 922 923 924 925 926 927 928 929 930 931 932 933 934 935 936 937 938 939 940 941 942 943 944 945 946 947 948 949 950 951 952 953 954 955 956 957 958 959 960 961 962 963 964 965 966 967 968 969 970 971 972 973 974 975 976 977 978 979 980 981 982 983 984 985 986 987 988 989 990 991 992 993 994 995 996 997 998 999 1000 1001 1002 1003 1004 1005 1006 1007