Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 902
________________ लेखक १३८ ] [ अन्धानुक्रमणिका ग्रन्थचाम भाषा पृष्ठ सं. J ग्रन्थनाम लेखक भाषा पृष्ठ सर न्यायदीका यति धर्म भूषणा (सं.) १३५ । पञ्चाल्यारणकधूजा छोटेलाल मित्तल हि०) ५०० न्यावदोपिकाभाषा मंधी पन्नालाल (हि०) १३५ | पश्चकल्यागकपूजा टेकचन्द (हित) ५०१ न्यायीकाभापा मदासुख कासलीवाल (हि.) १३५ | पवल्याणकामा पन्नालाल न्यायमाला परमहंस परिव्राजकाचार्य (सं०) १३५ पञ्चकल्याणकपूजा भैरवदाम (हि९) ५०१ न्यायशास्त्र पाया मुकपूजा रूपचन्द वायसार मायदेव (सं०) १३५ पञ्चकल्याणकपूजा शिवजीलाल (हि.) ४६० कायनार (सं.) १३५ पचकल्याणकपूजा - हि०) ४२६ न्यायसिद्धा-उमरी भः चुदामणि ।। ५०१,७१२ न्यामसिद्धान्तमझरी जानकदास (सं.) १३५ पश्चन ल्याणकपूजाटन न्यायसूत्र (सं०) १३६ पञ्चकल्याणक [मण्डलचित्र] - नुसिंहपुजा हि०) ६०८ | पञ्चकल्याणकस्तुति (प्रा.) ६१८ मृसिंहावतारचित्र पश्चकल्याणकोद्यापनपूजा शानभूपण (सं०) ६६० न्ह वरणमारती थिरूपाल (हि०) ७७७ पश्चकुमारपूजा -- (हि०) ५०२, ७५६ हवरणमङ्गल वंसी (हि०) ७७७ पञ्चत्रपालपूजा गङ्गादास (सं०) ५.२ न्हवण बधि - (सं.) ५६४, ६४० ] पञ्चक्षेत्रपालपूजा सोमसेन (सं.) ७६५ पश्चस्थारण (प्रा०) ६१६ पञ्चकरणवालिक सुरेश्वराचार्य । (सं०) २६१ पश्चगुरुकल्यागपूजा शुभचन्द्र पश्वकल्याणक्रपाठ इरचन्द (हि) ४० पञ्चगुरुको जयमाल नः रायमल्ल (हि०) ७६३ पनकल्याणकपक हरिचन्द (हि.) ७९६ पञ्चतत्वधारणा (सं०) १०६ पश्चकल्यावसाठ (सं०) ६६६ पञ्चतन्त्र ० विषणुशर्मा (स.) ३३० पश्चकल्याणक पूजा अरुणामणि (मं.) ५०० पश्वतन्त्रभाषा पनकल्याणकापूजा गुना कीर्ति (सं०) ५०० पञ्चदश [१५] यन्त्रकी विधि - (सं०) ३४६ पञ्चकल्याणका बादीसिंह (सं०) ५७० पञ्चनमस्कारस्तोष उमास्वामी (सं०) ५७६, ७३६ पञ्चकल्याणकपूजा सुधासागर (म०) ५.०० पञ्चनमस्कारस्तोत्र विद्यानन्दि (म०) ४०१ पञ्चपरमेष्ठीवद्यापन (सं.) ५.२ पक्षकारल्याणकाजा मुग्रशकीर्ति (स) ५०० | पञ्चपरमेष्ठीगुरण एश्वकल्या जा सुरेन्द्रकीति (१०) YEE ४२६, ७८ पश्चकल्याणक पूजा - (सं.) ५०० | पञ्चपरमेष्ठीगुणमाल (हि.) ७४५ ५१४, ५१८, ५१६, ६३६, ६६६ | पञ्चपरमेष्ठीगुणवर्णन द्वालुराम हि०) ६६ ग

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