Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 910
________________ [ प्रधानुक्रमणिका अन्धनाम लेखक भाषा पृष्ठ सं० | मन्थनाम लेखक भाषा पृष्ठ सं० परमार्थ हिण्डोलना रूपचंद (हि.) ७६५ | पांचपरवीग्रतकीकथा घेणीदास (हि.) ६२१ परमेषियोंकेगुशवप्रतिशय (प्रा०' ५७५ पांचबोल - (गुजराती) ३३० पयूषशाकल्प (सं०) ११७ पांचमाहको चौदस (मण्डलचित्र) - ५२५ पपणस्तुति (हि.) ४५२ पांचवासोंकामंडलचित्र ५२५ परसरामवाथा । सं०) २३३ पाटनपुरसज्झाय श्यामसुन्दर (हि.) ४४६ परिभाषासूत्र (सं०) २६१ पाठसंग्रह - (सं.) ४०५, ५७६ परिभाषेन्दुशेखर नागोजीभट्ट (सं.) २६१ पाटसंग्रह - (सं०प्रा6) ५७३ परिशिष्टपर्व (सं०) १७८ ' पाठसंग्रह (प्रा०) ५७३ परीक्षामुख माणिक्यनंदि (सं०) १३६ पाठसग्रह -- (सं०हि०) ४०५ परीक्षामुखभाषा जयचन्द छाबड़ा पाठसंग्रह संग्रहकत्ता जैतरामबाफना - परीषनर्णन (हि०) ४०५ पल्यमंडलविधान शुभचन्द (सं०) ५३८ पाण्डवपुराण यशकीति (स.) १५० पल्यविचार पाण्डवपुराण - (सं०) २८६ श्रीभूपण (सं०) १५० पल्पविचार (हि.) २८६ पाण्डवपुराण भ० शुभचन्द (सं.) १५० पल्यविधानकथा - (सं०) २४३, २४६ पाण्डवपुरागभाषा पन्नालाल चौधरी (हि.) १५० खुशालचंद पाण्डवपुराणभाषा पत्यविधानकथा (हि.) २३३ बुलाकीदास (हि०) १५०, ७४५ पाण्डव चरित्र लालबद्धन (हि) १७, पल्यविधानपूजा अनन्तकीर्ति (सं०) ५०७ पाणिनीयव्याकरण पाणिनि - (०) २६१ पत्यविधानपूजा रवन्द्रि (सं.) ५०६ पात्रकेशरीस्तोत्र (सं.) ४०५ ५०६.५१६ | पाचदानकथा ब्रम नेमिदप्त (स०) २३३ पल्यविधानपूजा ललितकीति पार्थिवेश्वर (सं०) ४.५ पल्यविधानपूजा (स) ५७ .पार्थिवेश्वरचितामरिण - (सं०) ४०५ . पत्यविधानरास भ शुभचन्द्र (हि.) ३६३ | पार्श्वछद लेखराज (हि०) ३८६ पत्यविधानप्रप्तोपाख्यानकथा श्रुतसागर (सं०) २३३ | पार्श्वजिनगीत छाजू समन्यसुन्दर के शिष्य)पल्यविधि (सं०) ६७० पल्पनतोद्यापन शुभचन्द (सं.) ५०७ | पार्श्वजिनपूजा साह लोइट (हि.) ५०७ पल्मोपमोपवासविधि (सं.) ५०७ पाश्वजिनस्तान जितचन्द्र पवनदूतकाव्य बादिचन्द्रसूरि (सं.) १७८ | पार्वजिनेश्वरस्तोत्र - (सं.) ४२६ पहेलियां मारू (हिं०) १५१ | पाश्वनाथएवंबद्ध मानस्तवन - (सं०) ४०५ पांचपरवीकया ब्रह्मवेणु (हि.) ६८५ | पार्श्वनायकीमारती मुनि कनककीति (हि०) ५६

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