Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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श्रुतभक्ति
प्रन्थानुक्रमणिका ]
[ 5७३ प्रधनाम
लेखक भाषा पृष्ठ सं० । ग्रन्थनाम लेखक भाषा पृष्ठ सं० श्रावकाचारदोहा रामसिंह (अप०) ६४२, ७४८ | | श्रीवंतजयस्तोत्र
-- (प्रा०) ७५४ थावकाचारभाषा पं० भागचन्द (हि.ग.) ९६ | थीस्तोत्र श्रावकाचार
श्रुतमान पूजा
- (सं०) ७२७, ५४६ श्रावकों की उत्पत्ति तथा ८४ गोत्र -- (हि.) ४५६ श्रुतज्ञान भक्ति
(रा.) ६२७ श्रावकों की चौरासी जातियां - (हि.) ३७५ । श्रुतज्ञानमण्डलचित्र
(स.) ५२५ थावकों को वहत्तर जातियां - (संहि.) ३७५ ] श्रुतज्ञानवान मावणीद्वादशीउपाख्यान - (सं०) २४७ शुनव्रतोद्योतनपूजा
(हि.) ५१३ श्रावणीद्वादशी कथा पं0 अभ्रदेव (सं०) २४२, २४५ श्रुतज्ञानवतोद्यापन श्रावणीद्वादशीकथा
(सं०) २४८ श्रुतभक्ति श्रीपतिस्तोत्र चनसुखजी (सं०) ४१८ श्रुतभक्ति
(सं०) ४२५ श्रीपालकथा - (हि.) २४८
पन्नालाल चौधरी (हि.) ४५० श्रीपालपरित्र अ० नेभिदत्त (रा) २०० श्रुतज्ञानमालपूजा
- (सं०) ५४६ श्रीपालचरित्र भ० सालकीर्ति (सं.) २०१ श्रुत्तज्ञानमतोद्यापन গীলিস্তি (सं०) २०० श्रुतर्फचमी कथा
स्वयंभू (मप०) ६४२ श्रीपालचरित्र
अर०) २०१ ध्रुतपूजा
शानभूषण (सं०) ५३५ श्रीपालचरित्र परिभल्ल (हि.प.) २२, ७७३ श्रुतपूजा
- (सं) ५४६ थीपालनरिव - (हि.) २०२
५६५, ६EE श्रीपालचरित्र
-- (हि.) २०३ श्रुतबोध
कालिदास (सं०) ३१५, ६१४ श्रीपासदर्शन
श्रुतबोधटीका मनोहरश्याम (सं०) ३१५ श्रीपालराम जिनहर्ष गण (हि.) ३६५ श्रुतबोध
वररुचि (सं.) ३१५ श्रीपालरास अकरायमल्ल (हि.) ६३८
श्रुतबोधटीका
- (सं०) ३१५ ६.८४, ५१२, ७१७, ७४६ श्रुतबोधवृत्ति
दृषकीर्ति (सं.) ३१५ बीपालविनती
(हि.) ६५१ श्रुतस्कंध
म हेमचन्द (प्रा.) ३७६ श्रीपालस्तवन - (हि.) ६२३
५७२, ४०६,७३० श्रीपालस्तुति -- (सं.) ४२३ | श्रुतस्कंधपूजा
श्रुतसागर (सं.) ५४५ ७४५, ७५२, ५८४, श्रुतस्कंधपूआ
- (सं.) ५४७ श्रीपालजी कीस्तुति टीकमसिंह (हि.) ६३६ ध्रुतस्कंधपूजा [ज्ञानपंचविक्षतिपूजा] थीपालजीकोस्तुति भगवतीदास (हि.) ६४३
सुरेन्द्रकीत्ति (सं.) ५४७ श्रीपालस्तुति
(हि.) ६०५ श्रुतस्कंधपूजाकथा - (हि.) ५५७ ६४४, ६५० । श्रुतस्कंधमंडल [चित्र - ५२४
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