Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 907
________________ पद मन्थानुक्रमणिका ] [ ४३ प्रन्धनाम नक भाषा पृष्ठ सं० | अन्धनाम लेखक भाषा पृष्ठ सं० रामचन्न् ह.) ५८१ पद सकलुकीति (हि.) ५८८ सन्तहास (हि. ६५४, ७५६ रामदास (हि०) ५८३ | पद सबलसिंह (हि.) ६२४ ५.८८, ६६७ समयसुन्दर (हि०) ५७६ रामभगत (हि) ५८२ ५८८, ५८६, ७७७ रूपचन्द्र (हे.) ५८५ श्यामदास (हि.) ७६४ ५८६, ५८७, ५८८, ५८९, १२४, ६६१, ७२४, ७४६ सवाईराम (हि.) ५१० ७५५, ७६३, ७६५, ७८३ साईदास (हि.) ६२० खराज (हि.) ७६८ साहकीति (हि.) ७७७ लक्ष्मीसागर (हि.) ६८२ साहिवराम (हि०) ७८ ऋपि लहरी (हि.) ५८५ सुबदेव (हि.) ५८० लालचन्द (हि.) ५८२ सुन्दर (हि०) ७२४ ५८३, ५८७, ६६६, ७६३ सुन्दरभूषण (हि.) ५८७ विजयकीर्ति (हि.) ५८० | सूरजमल (हि.) ५८१ सूरदास (हि.) ७६६, ७६३ ५८२, ५८४, ५८५, ५८६, ५८७, ५८६, ६९७ सुरेन्द्रकीति (हि.) ६२२ . घिनोदीलाल (हि०) ५६. सेरग (हि.) ७६३, ७६८ ७२३, ७५७, ७८३, विश्वभूषण (हि.) ५६१, हटमलदास (हि.) ६२४ विमनदास (हि०) दरखचन्द (हि०) ५८३ ५८४, ५८५,७६३ . बिहारी हास (हि.) ५८७ हर्षकीति (हि०) ५८६ वृन्दावन (हि.) ६४३ ५८५, ५८८, ५६०, ६२०, ६२४, ६६३, ७०१, ७५० ऋषि शिवलाल (हि०) ४४३ ७६३,७६४ शिमृन्दर (हि.) ७५० हरिश्चन्द्र (हि०) ६४६ शुभचन्द्र (हि.) ७०२, ७२४ : हरिसिंह (हि.) ५८२ शोभाचन्द (हि.) ५८३ | ५८५, ६२०, ६४३, ६४४, ६६३, ६६६, ७७२, ७५६ श्रीपाल (हि०) ६७० | ७६३, ७६E - धीभूषण (हित) ५८३ / पद हरीदास (हि.) ७७० मीराम (हि.) ५६० | पद मुनि हीराचन्द (हि.) ५८१

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