Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
View full book text
________________
गुटका-संग्रह ! ५७. रंग बनाने की विधि
५.८. म्फुट दोरे, ५६. एमावेलि ( चन्दन दादा गीत!
१५४
६०, श्रीपालस्तवन ६१. तीन मियां की लकड़ी
धनराज ६२. सुखचड़ी ६३. कपका वीनती ( बारहखड़ी )
६४. अठारह नाते क्रीकथा + ६५. अठारह माता का न्यौत
६६. मादित्यवार कथा ६७. धर्मरासो ६८, पद-देखो भाई प्राजि रिषभ परि पावे ६६. क्षेत्रपालगीत ७०, गुरुषों की स्तुति १. सुभाषित पद्य ७२. पार्श्वनाथपूजा ७३. पद-उठो तेरो मुख देस्तू नाभिजी के नन्द टोडर ७४. जगत में सो देवन को देव
बनारसीदास दुविधा कब जइ या मन की ७६ इह चेतन को सब सुधि गई बनारसीदास ७७. नेमीसुरजी को जनम हुयो ७८, चौबीस तीर्थङ्करों के चिह्न ७६. दोहासंग्रह
नानिगनास ५०, धार्मिक चर्चा
घनश्याम
१. दुरि गयो जग चेली ८२, देखो माइ माज रिषभ घर प्राय