Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटका-संग्रह ] ३. शौल सुदर्शन रासो
हिन्दी
३७-४२
४. पृष्ठ संख्या ५२ तक निम्न अवतारों के सामान्य रंगीन चित्र हैं जा प्रदर्शनी के योग्य है।
(१) रामावतार ( २ ) कृष्णावतार ( ३ ) परशुरामावसार ( ४ ) मच्छावतार ( ५ ) कच्छाववार (६ ) वराहावतार (७) नृसिंहावतार ( ८ ) कल्किा प्रवतार (6) बुद्धावतार ( १ ) हयग्रीवावनार तथा (११) पार्यनाथ चैत्यालय ( पार्श्वनाथ की मूर्ति सहित)
संस्कृत
५. काकुमावली ६. पाशाकेवली । शेष परीक्षा)
जन्म कुण्डली विचार
x
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७. पृष्ठ ६८ पर भगे हुए व्यक्ति के वापिस पाने का पप है।
माचतुग
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संस्कृत
८. भक्तामरस्तो ६. वैद्यमनोत्सव ( भाषा) १०. राम विनाद (आयुर्वेद ) ११. सामुद्रिक शास्त्र ( भाषा)
नयन सुख
हिन्दी
७४-१
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१२-१५
६९-२१२
लपी कर्ता-सुखराम ब्राह्मण पचीली
काशीनाथ
संस्कृत
१२. शोधवोध . १३. पूजा संग्रह
१४. योगीरासो १५. तत्वार्थसूत्र । १६. कल्याणमदिर (भाषा)
जिनदास
हिन्दी
१६७
उमा स्वामि
संस्कृत
२०७
बनारसीदास
हिन्दी
१७. रविवारव्रत कथा
xx
२२१
१८. प्रसों का ब्योरा
अन्त में ६४ योगिनी प्रादि के यंत्र है।
५४१६ गुटका सं० ३६-पत्र सं• ६४ । प्रा० ६x६ शश्च । पूर्ण । दशा-सामान्य । विशेष- सामान्य पाठों का संग्रह है।