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अतिमुक्तक की मुक्ति
होगी । यह कह कर उसने गौतम स्वामी की अंगुली पकड़ ली और कहने लगा-चलिए ना, मैं बताता हूँ अपने घर का रास्ता । उस बच्चे को अपनी माँ पर इतना विश्वास था कि वह एक अनजान अतिथि को निमन्त्रण देकर ले जाता है, तो घर पहुँचने पर उसकी माँ अतिथि की अवज्ञा नहीं करेगी, किन्तु हर तरह से उसका आदर सत्कार करके उसे संतुष्ट करेगी । यह संस्कारों की बात है कि उसके हृदय में इस प्रकार नये अतिथि को देखकर दान का संकल्प जगा और उसे घर सोने का आग्रह करते मन में संकोच नहीं हुआ । वास्तव में यह संस्कार माँ बाप की आत्मा की विशालता के द्योतक हैं । जिस बच्चे के माँ बाप पूँजी होते हैं, चिड़चिड़े स्वभाव के होते हैं, उनके बच्चे भी वैसे ही संस्कार वाले होते हैं । वे खाने पीने की तुच्छ बातों के लिए झगड़ते रहते हैं । दिन भर कुहराम मचाए रखते हैं, खाने पीने को बहुत कुछ होते हुए भी वे एक-दूसरे को भूखे भेड़िये की तरह घूरते रहते हैं, छीना झपटी करते हैं । माँ बाप बच्चों की इन आदतों से झुंझलाते तो जरूर हैं उन्हें गालियाँ भी देते हैं, पीटते हैं किन्तु यह जानने की चेष्टा नहीं करते कि बच्चों में ये संस्कार आए कहाँ से ? कौन-सी पाठशाला में उन्होंने यह सब सीखा ? आखिर माँ बाप के भावों, और व्यवहारों से ही तो उन में ये संस्कार पड़े हैं । इसके लिए वे ही तो जिम्मेदार हैं । मैंने देखा है कि कुछ माँ बाप अपनी संतान को जहर का इन्जेक्शन देते रहते हैं, उनमें घृणा, कलह, द्वेष और दुर्भावना भरते रहते हैं, उन्हें वे एक दूसरे से झगड़ते रहने वाली गली के कुत्तों के रूप में निर्माण करते हैं । और फिर चाहते यह हैं कि उसके पुत्र संसार में देवता की तरह पुजवाएँ । किन्तु यह तभी सम्भव है जब वे उनसे अमृत का इंजेक्शन भरेंगे । वे सिर्फ यही नहीं सोचेंगे कि हमने एक शरीर को जन्म दिया है, और उस शरीर का समुचित पालन पोषण एवं विकास करना है, बल्कि यह समझेंगे कि उन्होंने एक महान आत्मा को जन्म दिया है, उसकी आत्मा का समुचित विकास करने की जिम्मेदारी हमारी है । जिस फूल को अंकुरित किया है, उसकी देख-रेख करना उसे बगीचे की शान बनाना हमारा काम है । जो माता-पिता इस प्रकार का अनुभव करते हैं, निश्चय ही उनकी संतान महान् होती है ।
__कुछ लोग कहते हैं कि बच्चे की शिक्षा पालने से प्रारम्भ हो जाती है, कुछ कहते हैं वह गर्भ से ही शुरू हो जाती है, किन्तु वास्तविकता तो यह है कि उनका निर्माण उससे भी पहले ही शुरू हो जाता है,
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