________________ परम पूज्य गुरुदेव अमर मुनि जी की अमर-वाणी, आज समाज में प्रसिद्ध ही नहीं, अत्यन्त लोक प्रिय भी है। प्रस्तुत पुस्तक में उनके पर्युचूण पर्व पर दिए गए अमर प्रवचनों का संकलन एवं सम्पादन किया गया है। समान में सर्वत्र इस का स्वागत किया गया सम्पादक : विजय मुनि शास्त्री, साहित्यरत्न स्व० श्री रतन लाल जी चपलावत एवं स्व० श्रीमती लाड़ बाई जी चपलावत की पुण्य स्मृति में उनके सुपुत्र श्री विशन कुमार जी तथा पुत्रवधू श्रीमती सरला चपलावत ने पर्युषण-प्रवचन पुस्तक का सहर्ष प्रकाशन कराया। गुरुवार 5-5-94 सिन्द्रार्थ भवन तोता का ताल, आगग For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org