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(२०)
* नवतस्व विशेष-परिणाम दो प्रकार के होते हैं, स्वभाव परिणाम और विभात्र परिणाम । अन्यद्रव्य के निमित्त से होने पाला विरूप परिणाम, विभाव परिणाम कहलाता है, जैसेजीवके निमित्त से पुद्गल, कर्म के स्वरूप में बदल जाते हैं, और पुद्गल के निमित्त से जोवका ज्ञान, अज्ञान के रूप में बदल जाता है । विभाव परिणाम को अपेक्षा से जोक
और पुद्गल परिणामी हैं, अन्य द्रव्य नहीं क्योंकि उनमें स्वभाव परिणाम ही होता है, विभावपरिणाम नहीं होता।
द्रव्यप्राण और भावप्राणों को जीवद्रव्य ही धारण करतो हे अतएव अन्य पांच द्रव्य, निर्जीव हैं।
इन्द्रियों के द्वारा ग्रहण किये जाने की योग्यता जिस द्रव्य में हो, उसे मूर्त समभाना चाहिये । अथवा, जिसमें रूप, रस, गन्ध और स्पर्श हो उसे मूत कहते हैं । पुद्गल द्रव्य को छोड़, अन्य पाँच द्रव्य अमूर्त हैं। ___काल द्रव्य को छोड़, अन्य पाँच द्रव्य, प्रदेशवाले हैं। जोव, धर्मास्तिकाय और अधम स्तिकाय के-सेक के असंख्य प्रदेश है । सामान्य रूप से आकाश के अनन्त प्रदेश हैं परन्तु लोकाकाश के असंख्य प्रदेश हैं । पुद्गलद्रव्य संख्यात प्रदेशोंवाला, असंख्यात प्रदेशोंवाला और अनन्त प्रदेशोंवाला होता है।
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