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शासन की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाना। श्रमण भगवान महावीर ने सोलह उत्तम उपमानों से बहुश्रुत उपमेय को उपमित किया है, जैसे कि -
१. दूध की उपमा-यह उपमा आधाराधेय के सम्बन्ध से दी गई है। दक्षिणावर्त शंख में रखा हुआ गोदुग्ध अधिक सुगोभित होता है, क्योंकि ये दोनो उत्तम पदार्थ सफेद रग के है । शंख मे दूध विकृत नहीं होता और देखने में भी दोनो अच्छे लगते है। शख की शोभा दूध से और दूध की शोभा शख से बढ़ती है ! वैसे ही बहुश्रुत भी मगलनय धर्म से, समुज्ज्वल कीर्ति से तथा अतिशय ज्ञान से सुशोभित होता है । ज्ञान का रूप है स्वयं सत्यं शिब सुन्दरं उसे धारण करने वाला ज्ञानी जो कि शास्त्रानुकूल आचरण करनेवाला है वह भी सत्यं शिवं सुन्दरं क्यों न बन जाएगा ? आचरणयुक्त ज्ञान और ज्ञानी दोनो की शोभा बढ़ती है । ज्ञान से ज्ञानी की और ज्ञानी से ज्ञान की महिमा नियमेन विस्तृत होती ही है।
२. कथक की उपमा-घोड़ों में सर्वोत्तम घोड़े को कन्थक कहते है । काम्बोज देश में एक प्राकीर्ण जाति का घोड़ा होता है, वह सुलक्षण, सर्वाङ्ग सुन्दर, परिपुष्ट, अतिवेगवान्, सकेतों का जानकार और बलशाली होता है । बहुश्रु त भी कन्थक की तरह उत्तम जाति, कुल, रूप, बल से सम्पन्न होता है। राजयोग से सुलक्षण, सर्वाङ्ग
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