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५० पचनमस्काररूपी परमधर्म
५१ मंगल, उत्तम एव शरण की सिद्वि
५२ मंत्रचैतन्य प्रकट करने वाला मंत्र
५३. अनन्तर परम्पर फल
५४ योग्य बनो एव योग्यता प्राप्त कगे
५५ हितैषिता ही विशिष्ट पूजा
५६ नमस्कार धर्म की व्याख्याएँ
५७ नमस्कार का पर्याय - श्रहिंमा, नयम एव तप
५८ करुणाभाव का द्योतक
५६ 'नमो' पद का रहस्य
६०. मंगल भावना
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