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२४. नम्रता एवं बहुमान
२५ ग्राधिकारिकता एव योग्यता
२६ चौदहपूर्व का सार प्रभेद नमस्कार
२७ द्रव्यगुण पर्याय से नमस्कार
२८ सम्यग्दृष्टि जीवो का त्राण
२९. प्रकाशक ज्ञान एव स्थैर्योत्पादक क्रिया
३० नम्रता एव सौम्यभाव
३१ 'नमो' पद से शान्ति, तुष्टि एव पुष्टि
३२ भावनमस्कार
३३. भावनमस्कार एव आजायोग
३४. नमस्कार द्वारा ध्यानसिद्धि
३५ मत्रसिद्धि मे लिए अनिवार्यतत्त्व
३६ आत्मा ही नमस्कार है ३७ नमस्कार द्वारा विश्व का प्रभुत्व
३८ पांचो कारणो पर शुभभाव का प्रभुत्व
३६ द्वैत एव श्रद्वैत नमस्कार
४० जपक्रिया दृष्टफला है
४१ स्व पर नियंत्रण प्राप्त करने का महामंत्र
४२ समतामामायिक की सिद्धि
४३ सर्वश्रेष्ठ जपयज्ञ
४४ नमस्कार द्वारा बोधि एव निरुपसर्ग
४५ नवकार के प्रथम पद का अर्थ
४६ तीनो गुरणो की शुद्धि
४७ नमोपद की गम्भीरता
४८. नवकार मे अष्टागयोग
४६ इष्टदेवता को नमस्कार एवं परम्परफल
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