Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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-$ १३९] कुवलयमाला
७१ 8१३८) आयण्णिऊण य चिंतियं पेण । 'अरे, कयरीए उण भासाए एवं उल्लवियह केणावि किं पि । हूं, अरे सक्कयं । ताव ण होइ । जेण तं अणेय-पय-समास-णिवाओवसग्ग-विभत्ति-लिंग-परियप्पणा-कुवियप्प-सय-दुग्गमं दुज्जण-हिययं पिव विसमं । इमं पुगण एरिसं । ता किं पाययं होज्ज । हं, तं पि णो, जेण तं सयल-कला-कलाव-माला-जल-कलोल-संकुलं । लोय-युत्तंत-महोयहि-महापुरिस-महणुग्गयामय-णीसंद-बिंदु-संदोहं संघडिय-एकेक्कम-वण्ण-पय-णाणारूव-विरयणा-सह सज्जणवयणं पिव सुह-संगयं । एयं पुण ण सुह। ता किं पुण अवहंसं होहिह । हूं, तं पि णो, जेण सक्कय-पायओभय-सुद्धा8 सुद्ध-पय-सम-विसम-तरंग-रंगत-वग्गिरं णव पाउस-जलय-पवाह-पूर-पव्वालिय-गिरि-णइ-सरिसं सम-विसमं पणय-कुविय-पिय- 6 पगइणी-समुलाव सरिसं मनोहरं । एयं पुण ण सुट्ट। किं पुण होहिइ ति चिंतयं तेण पुगो समायणियं । अरे, अस्थि चउत्था भासा पेसाया, ता सा इमा होहित्ति । एत्थ वड-पायत्रोयरे पिसायाण उल्लाबो होहइ' ति।
१३९) 'ता पुण को इमाणं समुल्लावो वइ' त्ति चिंतयतो हिओ । भणियमण्णेण पिसाएण णियय-भासाए। 9 'भो एतं तए लप्पिय्यते यथा तुडभेहिं एतं पव्यय-नती-तीर-रम्म-वन-काननुय्यान-पुर-नकर-पत्तन-सत-संकुलं पुथवी-मंडलं भभमानकेहिं कतरो पतेसो रमनिय्यो निरिक्खितो त्ति । एत्यं किं लपिय्यं । तं अभिनवुभिन्न-नव-चूत-मंजरी-कुसुमोतर-लीन-पवन-संचालित-मंदमंदंदोलमानमुपांत-पातपंतरल-साखा-संघट्ट-वित्तासित छच्चरन-रनरनायमान-तनुतर-पक्ख- 12 संतति-विघट्टनु भृत-विचरमान-रजो-चुन्न-भिन्न-हितपक-विगलमान-विमानित-मानिनी-सयंगाह-गहित-विय्याथर-रमनो विय्याथरोपवनामोगो रमनिय्यो' त्ति । अण्ण भणियं । 'नहि नहि कामचार-विचरमान-सुर-कामिनी-निगिय्यमान-दइत-गोत्त5 कित्तनुल्लसंत-रोमंच-सेत-सलिल-पज्झरंत-पातालंतरक-रतुप्पल-चित्त-पिथुल-कनक-सिलंतलो तितस-गिरिवरो पव्वत-राजो 15 रमनिय्यतरो ति । अण्ण भणियं । 'कथमेत लपित सुलपित भोति । विविथ-कप्पतरु-लता-निबद्ध-दोलक-समारूढ
सुर-सिद्ध-विय्याथर-कंत-कामिनी-जनंदोलमान-गीत-रवाकन्नन-सुख-निब्भर-पसुत्त-कनक-मिक-युगलको नंदनवनाभोगो रमनि५ य्यतरो' त्ति । अवरेण भणियं । 'यति न जानसि रमनिय्यारमनिय्यानं विसेसं, ता सुनेसु । उद्दाम-संचरंत-तिनयन-वसभ. 18 ढेकंता-खुप्पित्य-नुज्झंत-गोरी-पंचानन-रोस वस-वितिन्न-विक्कम-निपात-पातित-तुंग-तुहिन-सित-सिसिर-सिला-सिखरो हिमवतो रमनीयतमो' त्ति । अण्ण भभियं । 'नहि नहि वेला-तरंग रंगत-सलिल-घेवुद्धत-सिलिर-मारुत-विकिरिय्यमानेला-लवंक। कक्कोलक कुसुम-बहल-मकरंदामुतित-मथुकर-कलकलाराबुग्गिय्यपमाने के कम-पातप-कुसुम-भरो इमो य्येव बेला-वनाभोगो । रमनिय्यतमो' त्ति । अवरेण भागेयं । 'अरे, किं इमकेहिं सव्वेहिं ययेव रामनीयकेहिं । यं परम-रमनीयकं तं न उल्लपथ तुब्भे । सग्गावतार-समनंतर-पतिच्छित-नव-तिभाग-नयन-जटा-कटापोतर-निवास-ससि-कला-निद्धतामत-निवह-मथुर-धवल। तरंग रंगावली-वाहिनि पि भगवति भगीरथि उझिऊन जम्मि पापक सत-दुटुप्पमो पि, किंबहुना मित्त-वथ-कतानि पि 24 पातकानि सिन्नान-मेत्तकेनं येव सत-सक्करानि पनस्संति । ता स च्चेय रमनीया सुरनति' त्ति । तओ सव्वेहिं भणियं । 'यदि एवं ता पयट्टथ तहिं चेय वच्चामो' त्ति भगमाणा उप्पइया धोय-खग्ग-णिम्मलं गयणयलं पिसाय त्ति । इमस्स वि णरणाह, हियवए जहा दिव्वाणं पि पूयणीया सव्व-पावहारी भगवई सुरसरिया तम्मि चेय वच्चामो जेण मित्त-वह-कलुसियं अत्ताणयं 27
1) " om. य, " तेग for tण, J कयलीए, ' अणु for उण, P उल्लवीय त्ति केग कि, P हुं. 2) Pतम अ°, P समासनिवाओवसयविभक्ति. 3)Jom. ण, पायं for पाययं, सकुला. 4) महोयही, P गुहणुग्गया, P संदोर संघ", संघडिए एके,
-वनपायनाणारूव, 'सुई for सह. 5) Pवणं for वयणं,J किं अवहंसं, P अवमंसं होहिई । हुँ, P addso belore सकय. 6) Jom. विसम, J जलयर (bulo perhaps struck off), P जलरय for जलय, P पणयकुषियं पिव पण. 7) Pतहा for सुह, सम्मायनियं. 8) वडपायो, | om. होहर ति । ता पुण कोरमाणं समुलावो. 10 एयं for एतं, P लपिप्पते, I om. पतं, पणती, नदी for नती, Pom. तीर, रंग,J वण " चन, P कानतुप्पान, नकर पत्तइसत्त, P पुत्तन for पत्तन, J मण्डलं. 11) के किं for केहिं, J निरिक्खित्तो P तिरिक्खि दो, P लम्पिज्जते for लपिय्यं, P om. तं, P om. नक, P भूतपंजरी. 12) -लीणा, J adds पवनसंचालित on the margin which is omitted in P. J°दोलमानामुपात्तयातरुसंघट्ट P'दोलमानन्नवपातपं, J तरु for तरल, Jom. साखा, ' संघचचित्तासित्तच्छच. 13) J-संतती, P विघटनु, JP चुपण, J भिण्ण, P भिन्नाहतपंकावि,
विय्याधरो". 14) रमनिज्जो, अक्षण, भणिअं, P कामकामचारविचारमान, P-निचमान उदितगोत्त. 15) P रोमंचा, J सेय for सेत, " पजरंत, J पायालंतरक पातालनूक-, चिन for चित्त, P सिलातले. 16) रमनिय्यातरो P रमनिज्जतरो, P अण्णेण्ण, मणिअं, Pom. लागतं,J त्ति for ति (in भोति), P विविधः, Jadds तर before लता. 17)P विज्जाधर,J कन्नाना-, J-णिभर, Pयुगलके नंदनो वना, रमनियोतरो P रमनिज्जतरो. 18) मणि, P रमनिज्जारमनिज्जानां तानु तेसु विसेसं उद्दाग-. 19J ढेंकेंता Pटेकना, I पंचाननं,J वास for रोस, J वितिण्ण P वित्तिन, P -पतित, J om. सिला, हेमंतो रमणीयलमो " हिमवंतो नामनीयतमो. 20) अजेण, J भणिअं, I लेवुदुत, P विरूत,J मारु for मारुत, P विकरिप्पमानेला लवंग. 21) बगुलमकरंदमतितमधुकरराफलाकलाराबुगिप्यमाने', मथुकरतलकलारावुग्गिय्यमाने के पातकुसुम- 22) I रमनिय्योतमो P रमनिज्जतमो, Pइमं क हिं, I om. सोहिं, P प्पेब for य्येव. 23) P पतीच्छितनभनवः, J भट्टा for जटा, I कटाघात for कटापोतर, निहतामननिवह, P मधुर. 24) तरंगा, वाहिनी । भगवति भागीर थि Pवाहनि पि भगवती भगीरथी उज्झितुन जगि, रुद्धपसोfor दुप्पमो, ' कांतानि for वतानि. 25) सिज्जानमेत्तकेनं P सिशानमेत्तकेनप्पेवासत, पतरसंति, 'सब्चे य रम्मयासुरत ती ति, J सव्येहि शिभणियं, J जइ for यदि. 26)P खगनिम्मलं, JP नरनाह. 27) पूअणीयावहारी, P पूयणीया। सवपापहरी भगवती,I adds ता before तम्मि, P ताईमि for तम्मि.
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