Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

View full book text
Previous | Next

Page 247
________________ २१८ उज्जोयणसूरिविरया - [ ३३६। अरहा भासइ धम्मं अरहा धम्मस्स जाणए भेयं । अरहा जियाण सरणं अरहा बंधं पि मोएइ । अरहा तिलोय-पुज्जो अरहा तित्थंकरो सुधम्मस्स । अरहा सयं पबुद्धो अरिहा पुरिसोत्तमो लोए॥ 3 अरहा लोग-पदीवो अरहा चक्खू जयस सव्वस्स । अरहा तिण्णो लोए अरहा मोक्खं परूवेइ ॥ इय भत्ती अरहते कुणइ पसंसं च भाव-गुण-कलिओ। साहुण भत्तिमंतो इय सम्मतं मए भणियं ॥ तं जिण-वयण-रसायण-पाण-विबुद्धस्स होइ एकं तु । दुइयं पुण सहस चिय कम्मोवसमेण पुरिसस्स ॥ 6 एयं तिलोय-सारं एयं पढमं जयम्मि धम्मस्स । एएण होइ मोक्खो सम्मत्तं दुल्लहं एयं ॥ ६३३७) एवं च तिलोय-गुरुणा साहिए सम्मत्ते जाणमाणेणावि अबुह-बोहणत्थं भगवया इंदभूइणा गणहारिणा आबद्ध-करयलंजलिउडेण भणियं 'भगवं, इमं पुण सम्मत्त-रयणं समुप्पण्णं भावओ कस्सइ जीवस्स कहं णजइ जहा एस 9 सम्मद्दिट्टी जीवो' त्ति । भगवया भणियं । उपसम-संवेगो चिय णिव्वेओ तह य होइ अणुकंपा । अस्थित्त-भाव-सहियं सम्मत्ते लक्खणं होइ ॥ अहया, मेत्ती-पमोय-कारुणं मज्झत्थं च चउत्थयं । सत्त-गुणवंत-दीणे अविणए होंति सम्मं ॥ खामेमि सव्व-सत्ते सव्वे सत्ता खमंतु मे। मेत्ती मे सव्व-भूएसु वेर मज्झ ण केणइ ॥ सम्मत्त-णाण-दसण-जुत्ते साधुम्मि होइ जो पुरिसो। ठिइ-बंदण-विणयादी करेइ सो होहिद पमोओ ॥ संसार-नुक्ख-तविए दीणाणाहे किलिस्समाणम्मि । हा हा धम्म-विहीणा कह जीवा खिजिरे करुणा ॥ 15 दुट्ठाण मोह-पंकंकियाण गुरु-देव-णिंदण-रयाण । जीवाण उवेक्खा एरिसाण उवरिम्मि मज्झत्थं ॥ अहवा वि जय-सभावो काय-सभावो य भाविओ जेण । संवेगो जेण तवे बेरग्गं चेय संसारे ।। सव्वं जयं अणिचं णिस्सारं दुक्खहेड असुइं च । अह तम्हा णिब्वेओ धम्मम्मि य आयरो होइ॥ 18 वेरग्गं पुण णिययं सरीर-भोगेसु उवहि-विसएसु । जाणिय-परमत्थ-पओ णवि रज्जइ धम्मिओ होइ॥ एएहिँ लक्खणेहिं णज्जइ अह अत्थि जस्स सम्मत्तं । उवसम-विराग-रहियं णजइ तह तस्स सम्मत्तं ॥ ३३८) एवं च सुरासुरिंद-गुरुणा साहिए सम्मत्त-लक्खणे भणियं गोयम-सामिणा 'भगवं, इमं पुण सम्मत्त-महाचिंतामणि-रयणं केण दोसेण दूसियं होइ, जेण तं दोसं दूरेण परिहरामो' त्ति । भगवया भणियं । दीहाऊ गोयम इंदभूइ अह पुच्छियं तए साहु । सम्मत्तं रयण-समं दूसिजइ जेण तं सुणसु ॥ संका-कंखा-विइगिच्छा होइ चउत्यं च कुसमय-पसंसा । पासंडियाण संथव पंच इमे दूसण-कराई ॥ 24 जीवादी' पयत्थे जाणइ जिण-वयण-णयण-दिटिल्लो । किं होज इमं अहवा ण व त्ति जो संकए संका ॥ कंखइ भोए अहवा वि कुसुमए कह वि मोह-हय-चित्तो। आक्रंखइ मिच्छत्तं जो पुरिसो तस्स सा कंखा ॥ एत्थं पि अस्थि धम्मो एत्थ वि धम्मस्स साहिओ मग्गो । एवं जो कुणइ मणं सा विइकिच्छा इहं भणिया ।। 27 इह विजा-मंत-बलं पच्चक्खं जोग-भोग-फल-सारं । एयं चिय सुंदरयं पर-तिथिय-संथवो भणिओ ॥ एए णिउणा अह मंतिणो य धम्मप्परा तवस्सी य । पर-तित्थ-समणयाण पासंडाणं पसंसा तु ॥ जह खीर-खंड-भरिओ उडओ देणावि मोह-मूढेण । मेलिज्जह जिंब-रसेण असुइणा अह व केणावि ॥ 30 एवं सम्मत्तामय-भरिओ जीवाण चित्त-घडओ वि । मिच्छत्त-वियप्पेणं दूसिज्जइ असुइ-सरिसेणं ॥ तम्हा भणामि 'तुम्हे पडिवजह सम्मत्तं, अणुमण्णह सुय-रयणं, भावेह संसार-दुक्खं, पणमह जिणवरे, दक्खेह साहुणो, भावेह भावणं, खामेसु जीवे, बहु मण्णह तवस्सियो, अणुकंपह दुक्खिए, उवेक्खह दुढे, अणुगेण्हह विणीए, वियारेह 33 पोग्गल-परिणामे, पसंसह उवसमे, संजणेह संवेग, णिव्विजह संसारे, परूवेह अस्थिवायं, मा कुणह संके, अवमण्णह 3 1) P जागई भेयं, जिणाण for जियाण, " सञ्चरणं for सरण, P बद्धं विमोएइ. 2) P तिलोए, J सुबुद्धो for पबुद्धो, P adds पुरिहा before पुरिसो, P पुरिसोत्तिमो. 3) लोगपश्वो, तिसो for तिण्यो, ' पदीवेइ ।।. 4) J भत्तिवतो. 5) दुतियं. 6) परमं for पढम. 7) इंदभूतिगग. 8) Jadds च after भणियं, JP भावतो. 10) JP चिय, अत्थेत्तिभावा P समत्ति for सम्मत्ते. 11) J पमोत, P मज्झत्थयं च चत्ययं ।, Pसंतगुणवंतदीवणयं तह विणए होति, अविणाए, J समं सम्मं तु. 13) P साहुंमि, P जो हरिसो, J थिति P ठिति, I विणयाती, सो हेहि ति पगोतो, Padds त्ति after पमोओ. 14) P दीणाणाहि, J कीलेसभावंमि, P जीवो किज्जरे. 15) Pट्ठाण for दुट्ठाण, Pउन्वेक्खा. 16) J जए. सहावो । मणसम्भावो, P कायसहावो, संवेओ, J भवे for तवे, P चे for चेय. 17) J तण्हा for तम्हा, "होहित्ति for होइ. 18) J repeats वेरगं, P नियरं for णिययं. 19) P कट् for तह. 20) I गोतम, P सम्म for सम्मत्त. 21) Jom. चिंतामणि, " दुसेण. 22) Pदीहाओ, गोतम,JP इंदभूति, P पुच्छिउं, सुणेसु. 23) JPविति गिच्छा, Pथेवं for संथव. 24) जीवातीए अत्थे जाणति, P जीवादीण, P om. णयण, संकते. 25) Jखति कंखत्ति, J अधवा, Pकुसमये, J कहविलोमोहहियचित्तो। आकंस्खति, मीछत्तं, Pसो for सा. 26) JP वितिकिच्छा , P इमं for इहं. 27) J बल for फल, तित्थं for तित्थिय. 28) P एते, P अभि for अह, J अह् संतिणो पारम्पयरा, P ओ for तु. 29) Pinter. खंड &खीर, [कुडओ or घडओ for उडओ]. 30 J°मयसरिओ जीआण, P चित्तबडिओ, P वियप्पे जीवेणं दूसिज्जर. 31) Jतुम्मे for तुम्हे. 32) J om. उवेक्खह दुटे, P अणुगेण्ह. 33» P सवेग्गं, J अस्थिवातं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322