Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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२४२.
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उज्जोयणसूरिविरइया
उदय-सय-पत्रोवसमोवसमा जं च कम्मुणो भणिया दव्वं खेतं कालं भवं च भावं च संपप्य ॥ कम्मस्स होइ उदओ कस्स वि केणावि दव्व-जोएण । पहयस्स जह व वियणा वज्रेण व मोहणीयस्स ॥ णाणावरणीयस्स व उदभो जह होइ दिसि विमूढस्स । पत्तस्स किं पि खेत्तं खेत्त- णिमित्तं तयं कम्मं ॥ पित्तरसुदओ गिम्हे जह वा छुद्द वेयणीय-कम्मस्स | कालम्मि होइ उदओ सुसमादीसुं सुहादीणं ॥ विहय- गहू- णाम-कम्मं होइ भवं पप्य जहा पक्खीणं तत्थ भयो थिय हेऊ णरय भयो वा वि वियणाए ॥ पढमे कसाय भावे दंसण- मोहस्स होइ जह उदओ । जिण-गुण-वण्णण-भाचे दंसण-कम्मस्स जह उदओ ॥ पुपि पो तित्तय-दव्येण जह व सेंभास होइ खलो सग्गेण व भाव-कम्मरस सुपसिद्धं ॥ खेत्ताधिकम् एरिस हो किंपि जीवस्स । जं पाविण खेतं एकं चिय होइ मरणं ॥ सुसमा काम जो जीवाण होइ कम्म- जास्स दुसमाएँ ग होइ थिय कालो चिय कारणं तत्थ ॥ णाणावरण कम्मं मणुव-भवे चैव तं खयं जाइ सेस भवेषु न पचइ कारणमित्यं भवो चेय ॥ भावम्मि तम्मिणियमा भउब्धकरणम्मि वट्टमाणस्स । होइ खओ कम्माणं भावं चिय कारणं एत्थ ॥ जह ओसह दबेणं विषणा कम्मस्स कव्थइ कहिं पि होइ खओवसमो वि हु अण्णो जवि होइ दब्येण ॥ आरिय खेतम्मि जहा अविरइ-कम्मस्स छोइ मणुए या सय-उवसमा एत्थं खेतं चिय कारणं भणिये ॥ सुस्सम-दुसमा-काले चारितावरण - कम्म- जालस्स । होंति खओवसमाईं काले विहु कारणं तत्थ ॥ देवाण णारया य अवही आवाण-कम्म- पंकस्स । होंति खओवसमाई होइ भवो चेय से हेऊ ॥ उदति होंति मणुए मनुस्व-भावम्मि वट्टमागस्स । खय-उनसमेहिं वह इंदिया अथवा मई-णाये ॥ जं दव्वं अवलंबइ खेत्तं कालं च भाव-भव हेऊ । उवसम-सेणी जीवो आरोहइ होइ से हेऊ ॥
इय दब्ब-खेत्त-काला भव-भावो चेय होंति कम्मस्स । उदय-खय उवसमाणं उदयस्स व होंति सच्चे वि ॥
६ ३०२ ) एवं च भगवया सम्य-तेलोफेल-बंधवेण सयल-गम्मागम्म सीमंधरेण सीमंधर - सामिणा समाइडे कम्मपरिणाम - विसेसे पडिवण्णं सव्वेहिं भि तियसिंद रिंद मुणि-गदिप्पमुहेहिं भणियं च । 'अहो भगवया सिट्ठाओ कम्म21 पयडीओ, साहियं कम्मस्स उदयादीयं सयल वृत्तंतं' ति । एत्थंतरम्मि अवसरो त्ति काऊण तेहिं कुमारेहिं मुको अहं कर रंगुली-पंजर-विवराओ ठिलो भगवमो तिब्धवरस्स पुरनो । एवंतरस्मि मर्म पेय अइ-कोउव- रहस भरमाणयण- मालाहिं दिट्ठो हं देव-देवि-र-णारीयणेणं, अहं च पयाहिणीकाउं भगवंतं थुणिउं पयत्तो । भवि य ।
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24 'जय सव्य-जीव-बंधव संसार- जलोह-जान-सारिच्छ । जय जम्म-जरा-वजय मरण-विमुक्ता जयाहि तु ॥
जय पुरिस-सीह जय जय तेलोक्वेक्कल-पत्थिय-पयाव । जय मोह-महामूरण रण- णिजिय-कम्म-सत्तु सय ॥ जय सिद्धिपुरी - गामिय जय-जिय-सत्थाह जयहि सव्वण्णू । जय सब्वदंसि जिणवर सरणं मह होसु सन्वत्थ ॥' थति भी विडियो चलगेसु णिवण्णो व णाइदूरे मर्म च सिन्यं दण दइए, एकेण वद-करयजलिणा पुच्छिभ णरणाहेण भगवं सव्वण्णू । 'भगवं किमेस माणुसो किंवा ण माणुसो, कहं वा एत्थं संपत्तो, किं वा कारणं, केण वा पावलो कथा सति महंतं मर्द को जहलं, ता पसीय सामु'ति भणिण निवडिओ चलणेसु ।
१ ३७३ ) एवं च पुच्छिओ भगवं मुणि-गण-बंदिय-चलण- जुवलो भणिउं समादत्तो । अवि य । 'अत्थि इमम्मि 8 चेय जंबुद्दीये भारहं णाम वासं । तत्थ य मज्झिम-खंडे अरुणाभं णाम णयरं । रणगइंदो णाम राया । तस्सेस पुत्तो कामगइंदो णाम । इमो य इमेहिं देवेहिं महिला-लोलुओ त्ति काऊण महिला-वेस-धारीहिं अवहरिऊण वेयङ्क-कुहरं पाविभो ।
[ ९३७१
1) P उदओ क्खयोक्समो, P खओवसमो जं च कम्मुणा भणियं । भणिता 1. 2 ) J उदयो, P कस्स व, मज्जेण for वज्रेण 3 ) P नाणावरणीयकंमरसवरणीयस्स व उदओ, कम्मि for किं पि. 4 ) J जह वण्णुहवेदणीअस्स कम्मस्स, ससमादिसु जहे सुहादीण, सुहादीणि 5 ) गति, होश, P होइ तवं जह पप्प पक्खीगं, J जह, P भवे चिय, J हेतू, P om. वि. 6 ) J
उदयो ॥ 7 > चिंतय for तित्तय, P जह वसंतस्स ।. 8 ) P होइ कंपि, J जीअस्स, P होति. 9) कालखयो यो जीवाण
हीउ कम्म-, P दसमाए, P कालो चिय. 10 ) भवं चेअ P भवो चेय, P जायइ ।, कारणमत्थं. 11 ) P अउव्वकरणं निवह, P कम्माणं तावचिय, P तत्थ for एत्थ. 12 Jखयोवसमो, P अन्ना वि होइ. 13 ) P आयारिय, P वहो for जहा, व अविरति, P खडवसमाई. 14 ) P दुस्समा, कालो, होति खयोवसमाई, P खओवसमाई होइ भवो चेय से होओ ॥. 15) Pom. the gatha देवाण णारवाण ete खोसमाई हो भने चि देसि हेतु ॥ 16 ) P उदउत्ति होंइ, Pom. four lines खयउबसमेहिं etc. to होंति कम्मस्स ॥ मती गाणं. 17 ) J हेतू, हेतू ॥ 19 ) Jसयल for सव्व, P तेलोक्केक, गंमागंमा, J समाइट्ठो P इट्ठे 20 ) P - मुदिप्पमुहेहि महेहि भणियं. 21 ) Pom. ति, P अत्यंतरंमि, 22 ) P करयंजलीपंजर, P विओव for ठिओ, P चेव, J भरमाणे. 25 ) Pom देवि, P पयाहिणीउं, Jom. थुणिउं. 26 ) P जलोहजारिच्छा, P विमुक्क जयाह तुमं. 25 ) Pom. one जय, P पयावा, सया ॥1. 26 ) P जय जसत्थाह, जिण सरणमहं, P सणं for सरणं. 28 ) किं एस. 29 पावितो, त्थि for त्ति, Pom. महं, P पसिय. 30 ) भणिउमादत्तो. 31 भरहं for भारहं, P om. य aftor तत्थ, अरणामं, P रणइदो, P तस्सेय 32 ) Pom. य, Pom. त्ति, Padds य after धारिहिं.
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