Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 252
________________ -१३४७ ] 1 सचिते संबद्धो मीसो सवित्त-अभिसव दुपको आहारंतो पुरियो अइयारं कुणइ उपभोगे ॥ सच्चित् क्खेिवो अधवा पिडणं परस्स एयं ति । देइ व मच्छर-जुत्तं अधवा काले भइक्कते ॥ संलेहणाऍ जीविय-मरणे मित्ताणुराग सुह-हियभो । कुणइ नियाणं एए मरणंते होंति अइयारा ॥ इय सम्मत्त महन्वय-वय-सील-गुणेसु रक्ख अइयारे । णर-सुर-सिद्धि-सुहेहिं जइ कजं तुम्ह भव्वजिय ।। ति । ई ३४० ) एवं च संसार-महोयहि-कम्म- महापवण-पहल- दुक्ख सहस्स तरंग-भंग-भंगुरे णस्य- महामयर-करवत्त-कराल 6 दाढावली - मुसुमुरणा- चुक्कस्स जहिच्छिय-तीर-गामिए जियस्स जाणवत्ते व्व साहिए समण-सावय-महाधम्म-रयणे जिनिंदयंदेणं 6 ति भवसरं जाणिऊण बहु- जीव- वह पावासंकिएण पुच्छियं कंचणरहेण राइणा 'भगवं, मणिरह- कुमारो किं भव्वो, किं वा अभव्वो' त्ति | भगवया तिलोय-गुरुणा भणियं 'महाणुभाव, ण केवलं भव्वो चरम सरीरो वि' । कंचणरहेण भणियं 'भगवं, जइ चरम- सरीरो वा फीस णिरुतो वि पारद्धि-वसणी जाओ'। भगवया भणियं किं कीरड एग्ध परिसा तस्स कम्म-भवियन्वय'ति । राइणा भणियं 'भगवं, कहं पुण कइया तस्स बोही जिण मग्गे होहिइ' ति । भगवया भणियं 'देवाणुपिया, पोि वित्तियं वेलं उवसंत-चारितावरण जान जाय-गिब्वेनो पत्त-संवेगो इहेब पत्थिो' सि । राइणा " भणियं 'भगवं केण उण वृत्तंतेण से संवेगं जायें' ति । भगवया भणियं 'अस्थि इओ जोयणप्पमाण-भूमि-भाए कोसंबं णाम 12 वर्ग तत्थ बहुए मय-संबर वराह सस संघाया परिवसंति। तस्य पारहि णिमिचं संपत्तो न मणिरह-कुमारो। तत्थ भ्रममाणेण दिट्ठे एक्कम्मि पएसे मयउलं । तं च दट्ठण अवलयं अवलएण संकमंतो उवगओ समीवं । केरिसो य सो । अवि य । आयण्ण- पूरिय-सरो णिचल-दिट्ठी णिउंचियग्गीओ । णिम्मत्रिओ लेप्प-मओ व कामदेवो कुमारो सो ॥ 5 सो वि कह कहे पि नियय-मंस-विलुंपणा-भय-चकिय-होल-दस-दिसा-पेसिय-कसिण- तरल-तारहिं दो मुद्ध-मय- सिडिहिं 3 7 कुवलयमाला दहूण सहसा संभंता पण्डा दिसोदिसिं सव्व मया । वाणं च मझे एका मय-सिडिंबी तं कुमारं दद्रूण चिरं णिज्झाइ 8 अण दीहं णीससिका निष्फंदिर-लोयण-जुयला सिद-वस-पम्हुङ-णियय-जीय-विलुंपण-भया पफुल-लोषणा उप्पण्ण-हियय-18 संभा सम्यंगमुणी सहा तं चेय आयण्ण-पूरिय-सरं कुमारं अहिलसेट् ति तं च तारिसं दडूण कुमारेण वित्तिय । 'अहो, किमेयं ति । जेण सम्ये मया मईओ मव-सिडिंबा य दियोदिसं पणडा, इमा पुण मयसिडिंबी मर्म दडूण चिरयाल-दि। इयं पिय अवयासण- लालसा अभिमुद्दे उवेद' ति चिंतयंतस्थ संपत्ता तं पसं कुमारो वि संपत्ती । तो दिट्ठो व तीय 21 अणेय सावय-जीवंतयरो अद-सरवरो तह वि 0 २२३ दइयं पिव चिर- दिहं पुत्तं पिव पाविया पियं मित्तं । अवगय-मरण- वियप्पा कुमरं अह पाविया मइया ॥ तं च ता दद्रूण सिणेह निरंतरं पित्र दइयं वण-मय सिलिंविं कुमारेण 'आ अणजो आई' ति हियं भग्गं तं सरवरं, 28 चलणग्गेण य अक्कमिऊण मोडियं तं अत्तणो चावं । तओ मोडिय- कोडंडो अच्छोडिय-असि घेणुओ इमं भणिडं पयत्तो । अवि य । जो मह पहरह समुह कडिय करवाल-वायद करग्गो वं मोसूण रण-मुद्दे मज्झनिवत्ती पहरिजं जे ॥ जो पहरइ जीवाणं दीणाणं असरणाण विमणाणं । णासंताण दस दिसं कत्तो भण पोरिसं तस्स ॥ मारिजइ दु-मणो समुहं मारेइ पहरण-विहत्थो । जो उण पलाइ भीओ तस्स मयस्सावि किं मरइ ॥ मा छोह गव्यय-मणा हि किर विणिवा जिया रणे । एहिं चिय बहिया तुमे एवं विषये एए अम्हे हैं जिया एकं वारेति विणिहया रणे । अम्हे पुण एएहिं अनंतसो मारिहिज्जामो ॥ अहमो चिलीण-कम्मो पायो अह विलो मिहीयो य । जो अवराह-विहीणे पहरड़ जीवम्मि पाव-मणो ॥ ॥ 15 Jain Education International For Private & Personal Use Only 27 P अवा. J 1) सच्चित्ता अभिसवदुप्पक्को, अभिसवहुथक्को । आहारंतो, P अश्यारो, P उपभोगो. 2 ) P अहव पियाणं, P एतं ति, 3 ) जीवित, मित्ताणुराय, कुणइ मिताणं च एते, P मरणं तो, अतिआर. 4 ) P समत्त P रय for वय, P वसु for गुणे, अतिआरे अतियारे, कज्जा, JP भवजिय. 5 ) P महोयहिकंममहपवण, P om. भंग. 6 ) P जिस्स for जियस्स, P साहिते, 7) पावासाकएण, P रायणा. 8 ) P केवलो, Jom. वि, P कंचणरथेन भणितं. 9 ) P निरुतो वि, r after पारद्धिवसणीजाओ repeats the further portion, namely, भगवया मणियं देवाणुपिया etc. to संवेगं जायं ति, I adds अ before किं, 3 repeats एत्थ, एरिसो. 10 3 om. भगवं, Pom. कह. 11 देवागुपिया, एसिय Jom. जान, Pom. जाय, उपयत्त for पत्त- 12 ) Pom से, बेरगं for संवेगं प्यमाणे भूभाए. 13) तत्थ य बहुमय-, P मणोरहृकुमारो 14 ) संकतो, P उवगतो. 15 ) P णिउब्वियग्गीओ. 16 ) P - नियमास भूय for भय, JP चकित. 17) J सहा for सहसा, दिसादिसं, Jom. मय. 18) Jom. दीहं णीससिऊण, P सिणह, Pणियजीविया विलुप्पणभया वप्पफुल, वफफुल 19 ) r च for चेय, J अहिलेइ त्ति, Pom. अहो किमेयं ति. 20 J adds after मईओ, P दिसादिसि पट्टा, P उण for पुण, 3 adds एक्का after पुणो, P चिरकाल. 21 ) P अहिमुहं P चिंतियंतरस. 22 ) J जीअंतरो अड्ढयंद, P जीवंतपरो अद्धयंदस्स वरो तहे वि. 23 ) P कुमारं, Pinter. अह & कुमारं P मतिया. 24 ) Printer. तहा & तं च P वणमयासिलिंबी, P भयं for भग्गं. 25 ) P मोडितं अत्तगो, P कोदंडो, ससिवेणुओ. 27 ) J om. तं, P रणमुहो, जो for जे. 28 ) P भीयाणं for दीणाणं, P कत्तो पुण पारुसं. 30 ) P गव्वियगणो अम्हि किर विहिया, P repeats जिया, P विद्या for वहिया, P वियप्पेओ ।. (31) P एते, P उग for पुण. 32 ) विणिट्टो for विट्टलो, P विहीणो. 30 www.jainelibrary.org

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