Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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૨૨૨ उजोयणसूरिविरइया
[$३४५. 1 मरिऊण जाइ णरयं भारंभ-परिग्गहेहिं जो जुत्तो। तस्स ममत्ते पावं ममं ति अप्प ब्व संकुणइ ॥
एवं च सयल-विमल-केवलालोइय-लोयालोएण परूविए भणियं गोयम-मुणिणाहेणं 'भगवं, इमं पुण परिग्गह-वेरमण-मह 3 व्वय-रयणं कह सुरक्खियं हवई' त्ति । भगवया भणियं ।
पंचण्ह इंदियाणं विसए मा कामसु ह सुरूवे य । असुहे य मा दुगुंछसु इय समिई पंच परिगहणे ॥ त्ति । इय पंच-महब्बय-जुत्तो ति गुत्ति-गुत्तो तिदंड-विरय-मणो । साहू खवेइ कम्म अणेय-भव-संचियं जंतु ॥ पुणो, जस्थ ण जरा ण मयू ण वाहिणो णेय सव्व-दुक्खाई। सासयमकारिमं चिय णवर सुहं जाइ तं सिद्धिं ॥ एयाण वयाण पुणो भेया दो होति जिणवर-मएण । अणुवय-महव्वयाई गिहिणो मुणिणो य सो भेदो ॥ एए मुणिणो कहिया जावज्जीवं हवंति सव्वे वि । गिहिणो उण परिमाणं अणुव्वए ते वि वुचंति ॥ अण्णं च । कुणइ दिसा-परिमाणं अणुदियहं कुणइ देस-परिमाणं । तेणुळं विरओ सो लब्भइ सव्वेसु अत्थेसु ॥ तइयं अणदंडं उवभोग अत्तणो परिहरेत्ता । सेसेसु होइ विरओ पावट्ठाणेसु सव्वेसु ॥ सामाइयं चउत्थं एयं कालंतरं महं जाव । समणो व्व होमि विरओ सावजाणं तु जोगाणं ॥ . पोसह-उववासो विय पव्वे भट्ठमि-चउद्दसीय अण्णयरे । उववासो होइ तहिं विरई सावज-जोगाणं ।। घर-भोग-जाण-वाहण-सावज-जियाण दुपयमादीण । परिमाण-परिच्छेदो विरई उवभोग-परिभोगे । णाएण जं विढत्तं खाणं पाणं च वत्थ पत्तं वा । साहूण जाण दिणं ताव ण भुंजामि विरओ हैं। तिण्णि य गुणव्वयाई चउरो सिक्खावयाइँ अण्णाई। पंच य अणुव्वयाई गिहि-धम्मो बारस-विहो उ॥ अण्णं च । मरणतम्मि पवजइ छटुट्ठम-तव-विसेस-सूसंतो । समणो व सावओ वा मरणं संलेहणा-पुव्वं ॥
६३४६)एवं च तियसिंद-सुंदरी-वंद्र-रहस-पणमंत-पारियाय-मंजरी-कुसुम-रय-रंजिय-चलणारविंदेण साहिए जिणि18 देण भणियं गणहर-देवेणं 'भगवं, इमाणं पुण बारसण्हं वयाणं संवेग-सद्धा-गहियाणं गिहिणा के अइयारा रक्खणीय' ति। भगवया भणियं ।
एक्केके पंच जहा अइयारा होंति सम्व-वय-सीले। तह भणिमो सव्वे चिय संखेवत्थं णिसामेह ।। A बंध-वहच्छवि-छेदो अइभारारोवणं चउत्थं तु । पाणण्ण-णिरोधो वि य अइयारा होंति पढमस्स ॥
मिच्छोवदेस-करणं रहसब्भक्खाण कूड-लेहो य । णासावहार-करणं अलियं मंतस्स भेदं च ॥ तेण-पउंजण-आहिय-गहणं विरुद्ध-रजं वा । ऊणाहिय-माणं चिय पडिरूवं तेणिया होंति ॥ परउव्वाहो इत्तर-परिग्गहे गमण होइ पर-महिला । कीरइ अणंग-कीमा तिव्वो वा काम-अहिलासो॥ खेत्त-हिरपणे धपणे दासी-दासेसु कुप्प-भंडेसु । होइ पमाणाइक्कम अइयारो होइ सो वस्सं ॥ खेत्तादिक्कम-सीमा-वइक्कमो तह हिरण-अइचारो। खेत्तस्स वुटि-सइअंतरं च पंचेव य दिसाए॥ सद्दद्दव्वाणयणं पेस-पओगो य सद्द-पाडो य । रुवाणुवाय-पोग्गल-पक्खेवो होइ देसस्स ॥ कंदप्पे कुक्कइए मोहरिए चेव होइ असमिक्खा । उवभोगो वि य अधिओ अणदंडस्स अइयारो॥ मण-वयण-काय-जोगे दुप्पणिहाणे अणादरो चेय । ण य सुमरइ तिय-कालं सामाइए होंति अइयारा ॥ उच्छग्गो आयाण संथारो वा अजोइए कुणइ । ण य आदरो ण भरइ पोसध-धम्मस्स अइयारा॥
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1) Pजोर for जाइ, J adds य before ममत्ते, P पाव, J ममहि अपव्व संकुण 1. 2) P°लोइया लोयालोए J (लोआ) लोएण for लोयालोएण, गोतम, P गोममुणि'. 4) P कामसुहे सुरज्जेज्जा । अहेम य, JP समिती, परिग्गहेणे, Pom. इय, 6) मच्छू, Pण य for णेय, P चिय नवरं अह जीइमं तं, J सिद्धी. 7) P अणुचय. 8) J उण मरियागं, तु for वि, P विमुच्चति. 9) तेणत्थं for तेणुहू, विरतो सो परिओसो. 10) P अणस्थदंडं, P परिह रित्तो, J विरतो P विरत्तो. 11)P repeats एयं,J महो । मह for महं [=अहं ], P सव्वणो, विरतो. 12) पोसध-, J अट्ठमी चउद्दसीय P अट्टम्मि चउद्दसीउ, P होति, JP विरती. 13) दुपतमातीण, P परिच्छेओ, J विरती 14) I तत्थ for वत्थ, विन्नं for दिण्णं, P विरतो 15) P बारसविहाओ॥. 16) J संजतो for सावओ. 17) Jएतं for एवं, P om. वंद्र, P परिसायः, J कुमुमरयंजिअ. 18) Jadds च after भणियं, P भणियं for भगवं, P गहिताण, JP अतियारा. 20) P adds एकेके पंच पंच जहा अतियारा. होति रक्खणीय त्ति । भगवया भणियं before एकेके, Pचिय, निसामेहा. 21) P बंधं वहं च छेओ, P-निरोहा वि, J अतियारा. 22) Pमिच्छोवएस, P रहस्सभक्खाण कूडलोहो य ।, P मेयं. 23) पयुंजणयाहित, P -आहित, होइ for होति. 24) P परिविवाहोत्तर, उत्तर for इत्तर. 25) खेत्त हिरसे सुबन्ने धणधन्नदासिदासे कुप्प, J पमाणातिकम अतिआरो, P होइ सन्वरसं. 26) Jखेत्तातिकम्म, J वतिकमो P वरकमे, J अइयारो P अतिचारो, J -सतिअंतरं P रिसइअंतर. 27) J सहो दवाण परं पेसPसड़ा दवाणयणं, J सद्दपातो P सद्दपाढो, J रूवाणुपात Pरूवाणुपाय, होति. 28) Pकंदप्प, P असमिको, Pउवभोगा, P अहिओ अणत्थः, J अतिआरो. 29) J जोए, Jणणादरो चेअ P अणायरे चेव, J सुमरति. 30)Pउवसग्गो for उत्गो , अजोयणे for अजोदए, P आरो for आदरो, J भरई P भरेइ पोसह , ' अतिचारो.
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