Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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- ३४९ ]
कुवलयमाला
२२५
1 ण कयाई एस मह वल्लहो मरीहिइ उज्झिस्सइ' त्ति । तओ तेहिं चिंतियं 'अरे, एस णेह-गह गहिया उम्मत्तिया पलवइ । बराई' | 'बोहह एवं कलेवरं शिक्कासेह मंदिराओ' चि भणमाणेहिं पुणो वि उक्लिविडं पयतं । तो पुणो वि अभिधावि3 ऊणं लग्गा सुंदरी 'भो भो दिय पुरिसा काय ममं इमं दयं धेनुं चलिय'ति । अवि य 'पेच्छह पेच्छह लोया एसो मह वल्लहो जियंतो वि । हीरइ कहिं पि माए किं एस अराउलो देसो ॥' तिमीडिया उपरि सम्बंगियं आलिंगिऊण ठिया त य ते सपणा सव्ये किं-कायव्य विमुडा विमणा 6 दुम्मणा चिंति यत्ता भगिया व पिउणा 'सुंदर बच्छे, एस से भत्ता मभो मा एवं विसु, मुंचसु इज्झइ एसो ति सीए भणियं 'एयस्स कए तं चिव उज्झमु' ति । तओ जणणीए भणिये ।
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'कीस तुमं गह गहिया एवं परिरक्खसे विगव-जीयं मा हो पुति मूढा एस मभी ज्झ एहि ॥'
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9 तओ तीए भणियं । 'अत्ता,
णा गहेण गहिया गहिया रक्खेण तं चिय अलजा जा मज्झ पिवं ददये दाह एवाहरसि ॥' एवं च ससुरेण अण्ण्ण य गुरुयणेण सही सत्येण भणिया वि
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पेम्म-महा-गह गहिया मयं पिसा च्छ पिवं मोतुं । रागेण होंति अंधा मण्णे जीवा ण संदेहो ॥
तभी विसयो से जणमो गारुलिए भूय-लिए अण्णेय मंतिवादिणो मेलेइ णय एके पि से कोइ बिसेसो को त्ति । तभ णत्थि को वि उवाओ त्ति पम्मोकिया, तम्मि चेय अच्छिउं पयत्ता । तभो दुइय दियहे जीय-विमुक्तं तं कलेवरं 15 सुजितं पयसं पुणो अण्-दिय व उपगो पोग्गलाण वि गंथो तह वितं सा मड
लिंग वादाहिं गुरु हरमेहिं सुबह मुहेण कीर्यत सुरय-ली तं चिय सा सुमरए मूढा ॥ तओ णिदिज्जमागी परियगेणं वारिजमाणी सहीहिं इमं भणिउं पयत्ता | अवि य । 'हेहि मज्झ सामिय बच्चामो बाहिर वर्णतम्सि जत्थण पेच्छामो थिय अप्पिय भणिरं इमं लोगं ॥ पेच्छ मोगह गहिओ लोगो इह भगइ किर मन तंसि इव गिर-यया कह मझे अछि तरति ॥ फिर से पिय मय-कुहिलो एसो अह जंप जणो घट्टो एयस्स किं व कीरड भदवा गढ़-गहियो एसो ॥ मज्झण जुलाइ एवं सामिय तु निंद सहे जे तदा वच्चामो थिय जत्य जणो गरिथ तं ठाणं ॥'
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ति भणमागीए उक्खित्तं तं करंकं आरोविडं उत्तिमंगे ओइण्णा मंदिराओ पयत्ता गंतुं रच्छा-मुहम्मि विम्हय करुणा- हासबीमण्ड-भय-भावेण जग दीसमानी या परीओ केरिसं च येनुं कलेवरं कुहिये। सिमिसित अंत किमि संकु 24 मिणभित-मच्छिये सदसदेत चम्म फसफस-फेस कलकत-पोइयं उच्यमंत-गंध दीसंत-यं फुरंत पचणये 24 तुर्हत अंत फुर्डत सीसयं ववमुत्तयं पयट्ट-पुत्र सिरंत लोह वर्मत-पित्तवं किरंत-मजयंति । अंतो असुइ सयब्भं बाहिर दीसंत सुंदरावयवं । कंचण - कलस समाणं भरियं असुइस्स मज्झम्मि ॥
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भणइ य ।
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'पिययम एवं
भिक्खं भमिण पावियं तुझ से पि मझ दिज जं तु गवि रोय
॥'
एवं च जं किंचि भुंजिऊण दियहे दिय हे कयाहारा कावालिय-बालिय व्व रक्खसी वा पिसाई व तस्सेय रक्खण-बावडा अच्छिउं पयत्ता तम्मि महा-मसाण- मज्झम्मि ।
1) महर, इशिरस त्ति इज्झिसर त्ति, P ओमत्तिया विलवर. 2 ) P गेण्ह एयं कडेवरं, P पुणो उवक्सिउं, J अओ for तओ. 3 ) भो भो बुद्धिपुरिसा 4 ) कहं पि. 5 ) Pom. त्ति, उ om य after तो मिणमा ताप अच्छिउं पयत्ता. 6 > P सुंदरी, ए for ते, मा एवं, Pom. मुंचसु. 7) तीय, इज्झासु P उज्झस, I माया पलविडं पयत्ता for जगणीए भणियं ( on the margin in 3 ) 8 ) P एतं, P जीवं 1, P एहिं for एहि 10 P om. one गहिया, अणजे for अलजा. 11) r om. fq. 12), जीआ. 13 ) P गारुलीए भूते, भूततंतिए, मंतवातिगो मेलेति ण य एको पि, P म for ण य, P सो for से. 14 ) P तं उ for तओ, J कोइ for कोवि, P पुणो for तओ before दुइय, J adds before जीय. 15 > P सुज्झिर्ड, अंबो for गंधो. 16 ) गोल for गुललइ, P हत्थेण, " जायंत for कीयंत. 17 ) P सहियणेण इमं भणियं पयत्ता. 18 ) Padds चिय after वच्चामो, P भणियं इमं लोअं. 19 ) J लोओ किर भणइ किर, P तर 1. 20 ) P for गय, घेट्टो | 21 ) P तुह निद्दणं पि सोउं जे ।, P जणे णत्थि 22 > भणमाणीय, उ उत्तमंगे P उत्तिमंगो. 23 ) P राय for भय, Pom. कलेवरं, र किमिकुलं. J तुईत for तुर्हत, P adds फुट्टंत अंतयं after अंतयं, फुरंत फुटंत for फुडंत, Pपूव्वयं, किरंतलोहियं, Padds रसंतबंधयं पयंतमेत्तयं after पित्तयं, P किरयंत. 26) सरिस for कलस. 27 ) P भीम, P रोवयं for मसाणं, P खंधाधारो वि य, P धूली- 28 ) J om तं before तरस, P तत्थ for तस्स. 30 ) P पाविया एयं ।, P तुज्झ for तुह, Pन for ण वि. 31)p om. जं किं चि, कावालिणि व्व रक्खसी, J वा 1 य for व after पिसाई, P बहु व्व for तरसेय रक्खणवावडा. 32 ) Pom. महा.
24 ) P फसफसेंते. 25
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27 तंपि तारिसं भीमं दुदंसणं पेम्म गह गहिया चेतुं उबगया मसाणं तत्थ धारोविय-कंकाला जर पीर-नियंत्रणा धूलि- 27 पंडर- सरीरा उद्ध-केसा मलिन पेसा महा-भइरव वयं पिव चरंती भिक्लं भमिकण जं तत्थ सारं तं तरस निवेए ।
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