Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
View full book text
________________
१६८
| कुमारेण भणिये ।
'एति मे भूमिं पत्तो हं सुवणु जाणसे किंपि ।
३ तीए भणियं ।
उज्जोषणसूरिविरहया
'जाणामि पुइ-मंडल दंसण-कोलेणं ति' ॥
कुमारेण भणियं । 'मा एवं भणसु,
6 किं सुमरसि शेष तु मायाइयराणम्मि जं भणिये । इच्छकारेण तुझे सम्म अन् दाय ॥
तं वयणं भगमाणो मुणिणा संबोहिओ इहं पत्तो । ता मा जूरसु मुद्धे संबुज्झसु मज्झ वयणेण ॥'
६२७१ ) जाव एस एत्तिओ आलावो पयत्तो ताच संपत्ता भोगवई । 'वच्छे कुवलयमाले, राइणा वंजुलाभिहाणो 9 कण्णतेवर महल पेसिजो जदा भगवच्छा कुलपमाला राई यसरी जसि, ता कथ सा अज परिभ्रम त्ति सिग्नं गेण्डिय भागमुभिजमा इदं संपतो मंदमंद-इ-संचारी संपावे, ता तुरियं वक्रम माओ परसाओ, मा अविगीय त्ति संभावेहिइ' त्ति । तं च सोऊन सयल- दिसा मुह-दिष्ण- तरल-लोल-लोयण- कडक्ख- विक्खेव रेहिर 12 चलिया कुवलयमाला । तओ कुमारेण भणियं । 'सव्वहा
1
18
किं अपि बहुणा किं वा सबदि एत्य वहुएहिं सवं भणामि पत्तिय जीवाउ वि पदासि ॥
कुवलयमाला वि 'महापसाओ पडिवण्णो एवं अम्देहिं' ति भणमाणी सुरिय-पय-शिक्के णीहरिया लवली -जवाहरतराजो | दिट्ठो । 15 दिले व सो जुलेटर- पालो तेण य खर-रि-ककलेहिं वय गेहिं चादिकण 'वेच्छ पेच्छ, एका चेय कई पाविय' 10 त्ति भणमाणेण पुरओ कया 'वच्च, तुरियं अंतेउरं' ति । तओ कुवलयमालाए वि चिंतिये 'माए, पेच्छ पुरिसाण य अंतरं ।
एको महुर-पलावी सुंदर- भणिएहि हरर हिययाई अण्डो गिर-भजिरो पायो जीयं पिणासेइ ॥
।
।
विस-दल- णिम्मिय-देहो एसो उण दूहवो अण्णो ॥ '
दीसंतो अमय-मभ लोयण-मण-णंदणो इमो एक्को इमं चिंतयंती समागया कण्णंतेउरं । कुमारो वि पुरओ णिमिवं पिव पडियं पिव पासे वियं
तं
"
21 सविवार पेम्म कोच पिसुनाई संभरमागो ववणाई
चेय पणय - कोच -कय-भंगुर - भुमयालकियं वयणं हियय-लग्गं पिव, पिच उवारं णिखितं पिव महियलम्म उक्त सीए व चेय ताई कयर्थ चित्र अप्पा मण्णमागतं महिंद अण्मेसि पयतो । दिट्ठो एक पायवोयरे कुसुमावचर्य करेमाणो त भणियं कुमारेण 'वर्षस, एहि वचामो आवास दिई ' ते भणियं 'कुमार, भण ताव किं तए तत्थ मयण- महासरवर-नियर-संकुले रणगणे किं चवसियं' | कुमारेण भणियं 'वयंस, 24 दिहं अदिउव्वं तीए लायण्ण-मंडणं वयणं । वयणोयर - मंडल- भूसणाइँ सामाऍ ण्यणाई ॥
1
30
[ २७०
و
Jain Education International
12
महिंद्रेण भणियं 'कुमार,
तं वय वाणिव होयणाएँ पढमं तए विदाई से किंपि साह मझं जं अमहिये तए रये ॥' श्री कुमारेण भणियं 'कुओ एत्तियाई भागधेयाई । तह ि
हायण्ण-महागिरिवर- सिहरेसु व तीय अंस-देसेसु हत्या अमय वित्वा वीसत्यं सुधिया मते ॥ सभी महिंद्रेण सहासं भणियं परियो तुमं अण्णा बहु-दिव-मगोरह-पत-संगमाल-दुलह-परिका वण-करियरेण णलिणि पाविया सा कहं मुका ॥ कुमारेण भणियं 'वयंस, मा एवं भण ।
गुरु-देव-दियादीहिं करग्गहं जा ण पाविया पढमं । जालोलि-जलिय - भीमं मण्णामि चिईं व तं जुबई | ' 38 महिदेण भणि 'पूर्व एवं अण्णा को बिसेसो सुकुलकुला' 'ता पवह वचामो आवास' ति भगमाणा णीहरिया 33
For Private & Personal Use Only
18
24
27
7 संपतो, " संयुज् वय 8) भोगवती, राणे, राया 9)
पलाविर, P 20 > P
2 ) P सुयुग, ए किं वि 4 ) Padds दंसणदंसण before मंडल, Pom. दंसण. 6 ) इच्छाकारेण, तुमं for तुमे. रावी J परिभमइ. 10 Jom सिग्धं गेण्हिय आगच्छति गई. 11) J om. संभावेहिद त्ति, संभावेहियति, P मुहतरमारेरेहिरा 12 ad after कुमारे. 14 ) P कुवलयमालाए वि, रा. एवं 15) P for ते adds ककस before गिट्ठर, P एक चिय. 16 ) । भणमाणे पुरओ, om. वि. 17 सुंदरिहियएण हरई, भणिओ. 18 Jविसमओ for दूहवो 19 ) इमं च चिंतेंती, Pom. पणय, P भुमयालंकयं. णिम्मियं ए ठिइअं for ठविअं P उक्खतो, तीय चेअ. 21 > कोइ for कोव, 1 महिंद अन्नसिङ, adds after दिट्ठो. 22 > पायत्रे कुसु । आवासं जं दिटुं तं दद्दवं । कुमार भणियं तेणं भण ताव किं. 23 > P संकुल, P adds व्व before किं, P 24 > P अदिहं उयं, P -मैटलं, P वयणायमंडण, मण्डलाहूसणार, P समाए 26 ) रुव for तं, P लोवणाई, र अभ 29 >हणियं for भणियं, एसो for एरिसो. 30 > P दियर. दुक्ख for दुलह, P वरेणे for 'वरेण, P कहिं for कई 33 ) 3 अण्णह को.
वयस्स.
27 > Pom. कुओ. 28 ) Join व P तीययंस, हत्थ J
for दियह, P adds अन्नहा before पन्त, (32) देवदियाहिं, P जालोलियभीम.
31) P मह for भण.
J
30
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322