Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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१७६ उजोयणसूरिविरड्या
[$२८०1 जत्थ सिलेसो विहडइ चालिज्जतेण अक्खरेणेय । घडिए पुण घडिय चिय तं भण्णइ अक्खर ययं ॥ तं जहा ।
पञ्चग्ग-धूय-गंधा सेविजंती सुरेहि जूडे हिं। गिम्हे वि होइ सिसिरा सा वउलावली रम्मा ॥ 3जइ जाणसि, ता सा देवकुलावली रम्मा ।
जत्थ य लुप्पइ किरिया मत्ता-भावेण होइ तब्भावो । तं चिय मत्ता-चुययं बिंदुच्चयय पि एमेव ॥
पयइ-धवला. पहिओ पवास-पचागओ पिययमाण । तरलच्छाइँ सयण्हो सरए वयणाई व जलाई ॥ 6 जइ पुण जाणसि, पियइ वयणाई व जलाई ति । बिंदु-चुययं जहा।
असुईण जं असुइर्श दुग्गंधाणं च होइ दुग्गंधं । बुहयण-सहस्स-परिणिदियं च को जगलं खाइ ॥ लइयम्मि जंगलं ति । ७ गूढ-चउत्थय-पायं णामेणं चेय लक्खणं सिटुं । आइम-पएसु तीसु गोविज्जइ जत्थ तुरिय-पयं ॥ गूढ चउत्थ-पायं जहा।
सुण्णो भमामि एसो आसणं मच्च-लिंग-पत्तो है । कणं दे सुण धयणं 12 किंतु गूढो चउत्थो पाओ। जइ पुण णजइ एस्थेय चिट्ठइ । 'सुभए आलिंगणं देसु' । सेसाणं पुण लक्खगं णामेणं चेय । णायन्वं । भणिएविया जहा।
जइ धम्मिएण भणियं दारे ठाऊण देसु भिक्खं ति । ता कीस हलिय-धूया तुरियं रच्छाए णिक्खंता॥ 1 मिक्खा-विणिग्गए धम्मिए मढे संकेओ ति । हियय-गाहा जहा ।
गोसे च्चिय हलिय-बहू पढम चिय णिग्गया घरहारं । दहें कलंब-कुसुमं दुहिया रोतुं समाढत्ता ॥ संकेय-भंगो दइएण साहिण्णाण कलंबं ठवियं ति हिययं । पोम्हं जहा । 18 ण कयाइ तेण रमिया सयणे सुयगे विणो अहं वसिया। णाम पि णेय गहियं कीस पउत्थं तयं भरिमो॥ पोम्ह पुण।
सो चेय मए रमिओ वसिया वच्छत्थलक्ष्मि अह तस्स । दइयं ति जो भणतो सो चेय मह भरउ णाहो ॥ त्ति । गाहद्धं ति । जहा।
अवहत्यिऊण लजं गेण्हसु कंठम्मि किं व ण सुयं ते । अब्भत्थिओ ण लब्भइ चंदो व्व पिओ कला-णिलओ ॥ एत्थं पुण अण्णं गाहई। 24 दिट्ठो णयणाणंदो णिव्वुइ-जणणो करेहिँ वि छिवंतो। अभत्थिओ ण लब्भइ चंदो व्व पिओ कला-णिलओ ॥ ति। " संविहाणयं जहा।
अइ भणसु तं अलज परलोय-विरुद्वयं इमं काउं । घोरे तमम्मि णरए गंतवं संबलि-वणम्मि ॥ 27 एत्थं संविहाणयं । केण वि दुई पेसिया पत्थेउं । जाइया कुविया पडिवयगं देइ । किर परदार-गमणेण णरए कूड-सिंबली-बणेश
छुब्भइ त्ति । इओ ताए पुण तस्स संकेयं दिणं । परलोओ एस दूई । इमिणा कजेण गंतव्वं तए एत्थ संबली-वणे । काए। पुण वेलाए । घोरे तमम्मि । अरे पुरिस ए तए त्ति, अहं तत्थ वच्चीहामि त्ति । एत्तिओ संविहाणो त्ति । गाहा-रक्खसं जहा।। 30 एत्तियमेत चिय से भणमाणो मुच्छिओ पहिओ ॥
इमं च पच्छिमई । जा काइ भुयणे गाहा, तीय रक्खसो इव सम्वत्थेसु लग्गइ ति । पढमक्खर-रइयं जहा । __ दाण-दया-दक्खिण्णा सोम्मा पयईए सव्व-सत्ताण । हंसि व्व सुन्बु-पक्खा तेण तुमं दंसणिज्जासि ॥
1) I सिलोसो, J चालिज्जतोण, P पिउज्जतेगं अक्खरेगय, अक्सर जुययं. 2) J पच्छवखचूअ, P गंधो सेविजंता, P om. जडेहि which is added on the margin in J, P गिम्हेलि होति. 3) देववलावली. 4) P लुप्पति, P होंति, J तब्भावे, चिव, P बिंदुचुतयं पि येमेय ।।.S)P पियश्माण, सयपहा, J मऊलई for जलाई. 6) जे for जद, जाणासि, P वयणाइ जाणाई ति बिंदुचुतयं जहा. 8) P जंगल for जगलं, J om. लक्ष्यम्मि जंगलं ति. 9)J उत्थपादेणं चेअ. 11) P adds आ after एसो. 12) कित्ता (?) for किंतु, P पेतुत्थपादो। एत्थयं, P सुहए, P सेसाण उण13) भणिएचिया, P भणिएब्वे जहा, J om. जहा. 14) Pधम्मिऊण, Jठाऊ देस, तुरिय. 15) विगिएण. 16)" घरदारं, J दट्टण P दटुं, रोतुं रोतु. 17) Pinter. दइएण and साहिण्णा (ना) ण, Pहितयं, पम्हं for पोम्हं. 18) P गहितं कीस, P भणिमो. 19) J पुम्ह for पोम्हं, ५ पोम्हमुण. 20)Jचेव, दइस, "मण तो सो चेय, Pom. ति. 22) P कंटभि कि च ण सुअते, Pव्य कउकलाणिउणो. 24)Pणिवत्ति व जणगो, P मि for वि, व कलापिउउणो॥. 25) सविहाणयं. 26अ for अइ, P अलज्ज, I om. इमं. 27) J सविहाणयं, Jom. पत्थेउं । णाझ्या, P पडिवयण न देह, PR. दारा, P कूटसबलावणे छुभइ. 28) Jom. त्ति, Pom. इओ, Jom. ताए, P सकिय दियं दिन ।, Pom. परलोओ एस eto. to संवाहाणो ति. J संवाहाणो (3, for सविताणो). 30 P एत्तियमेत्ते, P पुच्छिओ for मुच्छिओ. 31) Jom. च, P पच्छर, 1 repeats जा, JP repeat तीय, P रदतं. 32सोमा पयतीय सव्वभत्ताणं ।।
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