Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 227
________________ १९८ उज्जोयणसूरिविरइया तह वाव- णिसेगेहिं दध्वेणेकेण दव्व-जोएहिं । तह धाउ-मूल-किरिया कीरइ जीवेहिं अण्णा वि ॥ एवं बहू वियच्या किरिया सत्ये सुंदरि पसिद्धा ते सारोदाहरणे वाहिष्यते जिसामेहि ॥ णारी गं पोसे वह वार हम विक्खाई। सीस-तड-व-कंसं रूप-सुवण्णा लोहं च ॥ आरं सदा पसि खूपच कुणडी तालयं चेय गाइ नि भमराये एसा भासा गरिंदा ॥ एसो धाउव्वाओ सुंदरि वोच्छामि संपये एयं । सयलं णरिंद वायं अहवा को भाणिउं तरइ ॥ 8 ३१४ ) ताव य पडु-पडह पडिरव-संखुद्ध - विउद्ध-वण-सावय- सहस्स- पडिरवुच्छलंत - बहल - हलबोल - हलहलाऊरमाणदस दिसं पर्य पाहाउय- मंगल तूरं । ताव य णिवर्डति तारया, गलियप्पभो णिसाणाहो, ऊसारिजंति दिसि-मुहाई, वडए गयणयलं, पणस्सए तिमिरं, अरुणारुणा पुष्व-दिसा, पलवंति वण- कुकुडा, पलायंति रिच्छा, पविसंति गुहासु मइंदा, गुविल9 महिति वग्पा, करवति सवा मुद्रांति पूया, करवरंति रिहा । दिणवर णरवर-कर- गियर-विदुप्पणा भीय व शीणचिमणा पईच कुटुंबिणो त्ति । एत्थंतरम्मि पढियं बंदिणा । अवि य । तो तिमिरयं पि विछायइ ससि-बिंबयं । विमलंतो दिसि-मुहाइँ अंधीकरेइ घूयऍ ॥ वितो संगमाई मेतो चकवा ओग्गद् भुषणम्मि दिणयर-कर-पन्भारो ॥ इव पुरिसे पभाए गिरं मोतृण शाह दइयं व कीरंतु अवश्यं गुरु देवय-पणइ कनाई ॥ इमं च पढियं णिसामिऊण कुमारेण भणियं । 'सुंदरि एस पभाषा स्वणी संपवें गुरुदेव-बंधु कलाई कीरंति हमाई बजे अच्छ पासत्य- उावो ॥ भमाणा निम्मल - जल-विमलिय- वयण-कमला पविट्ठा देवहरयं । ' णमो जिणाणं' ति भणमाणा पणमिया भगवंताणं कमलकोमलेस चलण-जुलेख । तनो पुण भणिउमादत्ता । सुप्रभातं जिनेन्द्राणां धर्मबोधिविधायिनाम् । सुप्रभातं च सिद्धानां कर्मोंघघनघातिनाम् ॥ सुप्रभातं गुरूणां तु धर्मव्याख्याविधायिनाम् । सुप्रभातं पुनस्तेषां जैनसूत्रप्रदर्शिनाम् ॥ सुप्रभातं तु सर्वेषां साधूनां साधुसंमतम् । सुप्रभातं पुनस्तेषां येषां हृदि जिनोत्तमाः ॥ 21 एवं भूणिण कथं कायव्यं ताव व सजल-जलय-गंभीर- पीर-पडिसद् संका- विदान सरोगर राईस कुमुदला अप्फालिया पयागय-दवा । तेण व संदेश जब जयासह मुद्दल व सव्व-बंधायार परियणो सामग्रिं पयतो सव्वभंडोवक्खराई । किं च कीरिडं पयतं । अधि य कच्छिजंति गईंदे, पलाणिजंति तुरंगमे, भारिजंति करहे, 24 भरिजंति बइल्ले, जुप्पंति रहवरे, जोइजंति सयडे, उट्ठाविज्जंति भारिए, संभाविनंति जंपाणिए, संभारिांति कम्मरए, संमिति भंडवरे, संवेदिति पटडीओ, परिदिजेति समायोगे, पेप्यंति व सर-सरायण इस चक्र कोतासि-विदे पल-पाइक-गिन हे वि 1 3 12 15 18 27 उसु पच त्रसु गेहसु परिसक्क वह पयट्टाहि । उच्छलिए बहल बोले गोसम्गे तं बलं चलिये ॥ कुवलयमाला विसमारूढा वा करिणि । कुमारो वि विवि-तुरय-सर-सुरग्गुदारिय महिलुच्छलंतर-नियर-पूरमाणदस- दिसामुह णिरुद्ध - दिणयर-कर-पसर-पसरियंधयार-दुद्दिण-संकास - हरिस-तंडविय- सिहंडि-कलाव- रेहिरं वणं खणंतो गंतुं पयतो अणवश्य-पयाण संपतो असो विसय-संधि । ताव य महिषेण पेसियो सिरि-दढवम्मराइणो बढावमो जहा कुमारो संपत्तोति च खोडं राया व सहरिस-बस-समुच्छलंत-शेमंच-कंचुभो पीरियो सपरियणो संतु पयत्तो । पहाइओ कुमारस्स बद्धावओ जहा महाराया संपत्तो ति । 30 I [ ९३१३ Jain Education International 1) P णिसागेहिं, धातु, अण्णे वि. 2 > P सव्वैसु सुंदरि, ते सांगेता हरणे साहित्यंते णिसामेह ॥. 3 ) P बंगं for गंध, तिक्खत्ती P तिक्खाती, P तंबा 4 ) सतय, तालसंचेया, भवणातीयं P भगरादीतं. 5 ) धातुव्वातो, पेच्छामि for वोच्छामि, P अहवा भणिउं. 6 ) 3 adds पंडिअ before पडु, संखुब्ध मुद्ध for विउद्ध, पडिबुलंद 7 > गलिअप्पमे, P ऊरिसारिज्जति, Pवट्टर. 8 ) ग्रच्छा P तिरिच्छा for रिच्छा, P गुहासु सिंघा गुव्विसंतिम लियंति. 9) P करयरंति, करयरेंति before रिट्ठा, दीस for भीय, भीय वज्झीणविमाणा पतीव कुटुंबिणो. 11 ) तिमिरचयं, P विच्छाइयससि., puts danda after विमलं, व अंधीअरे P अधीकरेइ. 12) Pवितो, चक्कायए, P ओलाई उअगर, भुअायम्मि, 13 ) P भाइए, जिंद for द्दि, P कीरओ सच्चक्खेवयं, P पणयकज्जाई. 14 ) Printer. भणियं & कुमारेण. 15 J एसा भाया, देवय for देव, P बंधकज्जाई, P जाव संलावो for पासत्थउलावो. 16 ) Pom. जल, P विमल for विमत्रिय, Jom. ति. 17 Jजुअले P जुवणे, उभाणिउमादत्ता P भणिउमाढतो. 18 > P धर्मे बोधवि. for गुरूणां 19 ) जिनेंद्राणां 20 सर्व्वेष, P साधुसंमताम्, P येषां हृदि शि जिनोत्तमः ॥ 21 ) Jवयं कय for कर्य, अवि य for तावय, Pom. one जल, adds सद्द after पडिसद्द, P निद्राण for विद्वाण, P हंसराय for रायहंस, कल for कलयल 22 > याणयपयढक्का, P सद्देण जयासद्दमुहलो, Pखधावार, सामग्गिड पयत्तो. 23 ) किं चि for किं पयत्ता ।, P पल्ला लज्जति. 24 ) Padds, after जोइज्जति, भरिडं पयत्तं । etc. to जोइज्जति । उक्ठपिज्जेति, संभारिज्जति जंपाणिए, P भंडागारे for भंडयरे. 25 ) p adds जंति after संबेलिजंति, P समायोगो, Pom. य, I om. सर, P सज्झस for शस. 27 ) P उद्धवच्चस तूर, गेण्हसु परसुन्व चक्कम पयट्ट ; उच्छलियनहलबोलो, P उउच्छलिए ह बोटो. 28 J वारुकरिगिं, P करिणी, तुरयं, ए र्णिय for गियर. 29 Pom दस, P दिसिसामुह, P दियर, Pom. पसर, दुद्दिगासंकास, POD. हरिस, P तडविय, कलकरेहि खणतो, ता जणूंतो for खणतो. 30 ) अत्तो अणन्नो for अत्तगो, धारणी राणो 31) P सोऊण for सोउं, वि हरिसव्वस, P वियस for वस- 32 > J य after कुमाररस. For Private & Personal Use Only 5 www.jainelibrary.org

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