Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 239
________________ २१० उज्जोयणसूरिविरइया . एसो तुह दिटुंतो साहिज्जइ अबुह-बोहणट्ठाए । जो एस महाजलही एसो संसार-बासो त्ति ॥ जा समिला सो जीवो जं जूयं होइ तं खु मणुयत्तं । जे देवा दोणि इमे रागदोसा जियस्स भवे ॥ अह तेहिं चिय समिला उक्खित्ता णवर मणुय-छिड्डाओ। परिभवइ कम्म-पवणेरिया व वरं भव-समुद्दम्मि ॥ अह राग-दोस-वसओ चुक्को मणुयत्तणाओ सो जीवो । चउरासीति-सहस्से सयाण मूढो परिब्भमइ । मणुयत्तणाउ चुक्को तिरिक्ख-जोणीसु दुक्ख-लक्खासु । भमइ अणतं कालं णरएसु य घोर-रूवेसु ॥ अह राग-दोस-दालिद्द-दुक्ख संताव छिण्णासो । कम्म-पवणेण जीवो भामिजइ कहिय समिल व्य । कालेण अणतेण वि सा समिला जह ण पावए टिई। तह मणुयत्तण-चुक्को जीवो ण य जाइ मणुयत्तं ॥ ३२७) भणियं च गुरुणा। है जह समिला पब्भट्ठा सायर-सलिले अणोरपारम्मि । पविसेजा जुग-छिडु इय संसइओ मणुय-लंभो ॥ पुव्वंते होज जुयं अवरते तस्स होज समिला उ । जुय-छिडुम्मि पवेसो इय संसइओ मणुय-लंभो ॥ सा चंड-वाय-वीई-पणोलिया वि लभेज जुय छिटुं । ण य मणुसाओ चुक्को जीवो पुण माणुसं लहइ.॥ अह मणुयत्तं पत्तं आरिय-कुल-विहव-रूव-संपणं । कुसमय मोहिय-चित्तो ण सुणइ जिण-देसियं धम्मं ॥ कहं । जह काय-मणिय-मज्झे वेरुलिओ सरस-विहव-संठाणो । इयरेण णेय णजइ गुण-सय-संदोह-भरिओ वि ॥ एवं कुधम्म-मज्झे धम्मो धम्मो त्ति सरिस-उल्लावो । मोहंधेहिँ ण णजइ गुण-सय-संदोह-भरिओ वि ॥ जह णल-वेणु-वणेसु कह वि तुलग्गेण पाविओ उच्छू । ण-यगंति के वि बाला रस-सार-गुणं अलक्खेंता ॥ तह कुसमय-वेणु-महावणे वि जिणधम्म-उच्छु-वुच्छेओ । मूढेहि णेय णजइ सुह-रस-रस-रसिय-रसिओ वि ।। जह बहु-तरुवर-गहणे ठवियं केणावि कप्पतररयणं । पुरिसेहि णेय णजइ कप्पिय-फल-दाण-दुल्ललियं ॥ तह कुसमय-तरु-गहणे जिणधम्मो कप्प-पायव-समाणो । मूढेहिँ णेय णजइ अक्खय-फल-दाण-सुहओ वि॥ जह मज्झे मंताणं मंतो बहु-सिद्धि-सिद्ध-माहप्पो । असयण्णेहिँ ण णजइ सरिसो सामण्ण-मंतेहिं ॥ तह कुसमय-मंत-समूह-मज्झ-परिसंठिओ इमो धम्मो । असयण्णेहिँ ण णजइ सिद्धि-सयंगाह-रिद्धिल्लो ॥ जह सामण्णे धरणीयलम्मि अच्छइ गिहित्तयं अत्यं । अबुहो ण-याणइ च्चिय इह बहुयं अच्छइ णिहाणं ॥ तह धम्म-धरणि-णिहियं जिणधम्म-णिहाणयं इमं सारं । अबुहो ण-याणइ च्चिय मण्णइ सरिसं कुतित्थेहिं ॥ इय णरवर जिणधम्मो पयडो वि णिगूहिओ अउण्णाण । दिढ पिणेय पेच्छइ ण सुणइ साहि जमाणं पि ॥ अह णिसुयं होइ कह पि तह वि सद्धं ण सो कुणइ । मिच्छा-कम्म-विमूढो ण-यणइ जं सुंदरं लोए॥ जह पित्त-जरय-संजाय-डाह-डझंत-वेविर-सरीरो । खंड-घय-मीसियं पि हु खीरं अह मण्णए कडुयं । तह पाव-पसर-संताव-मूढ-हियओ य अयणओ कोइ । पायस-खंड-सम-रसं जिण वयणं मण्णए कडुयं ॥ जह तिमिर-रुद्ध-दिही गयणे असंते वि पेच्छए रूवे। संते वि सो ण पेच्छइ फुड-वियडे घडय-पड-रूवे ॥ तह पाव-तिमिर-मूढो पेच्छइ धम्म कुतित्थ-तित्थेसु । पयर्ड पिणेय पेच्छइ जिणधम्मं तत्थ किं कुणिमो॥ जह कोसिय-पक्खि-गणो पेच्छइ राईसु बहल-तिमिरासु । उइयम्मि कमलणाहे ण य पेच्छइ जं पि अत्ताणं ॥ तह मिच्छा-दिट्ठि-जणो कुसमय-तिमिरेसु पेच्छए किं पि । सयलुजोविय-भुयणे जिणधम्म-दिवायरे अंधो । जह अग्गिंधण-तत्ते जलम्मि सिझंति बहुयरा मुग्गा। कंकदुया के वि तहिं मगयं पि ण सिज्झिरे कढिणा ॥ तह धम्म-कहा-जलणेण तविय-कम्मस्स पाव-जीवस्स । कंकदुयस्त व चित्तं मणयं पि ण होइ मउययरं ॥ 33 जह मुद्धड-बालयओ टुक्का वग्घीऍ जणणि-संकाए । परिहरइ पुणो जणगी मूढो मोहेण केणावि ॥ 1) Pसंसारे वासो. 2) Pसा for सो, न तु for खु,J सढभावा for भवे. 3) J जीजीय for चिय, J उत्थाणिआ for उक्वित्ता णवर,J om. 2nd line परिभवइ ete., Rather चिरं for व वरं. 4) P परिभगइ. 5) लि.क्वेसु,' त for य. 6) P-दोसदालिद्द, J ndds ताव after संताच. 7) F वह वि for जह ण, J मणुअत्ते ।। 9) सागर, पविसेज्ज जुअच्छिद्धं, Pom, इय संसइओ मणुयलंभो etc. 10 लभेज्ज जुयछिद्रं ।।. 10) J पुञ्चतो, समिला तु . 11) Jचंडवात, J पणोलिया. 12) P संपुण्णं |, J कह for कई. 13) Pकह for जहJ वेरुलिआ सरिसवयणसंठाणा। 14) J कुद्धम्म, P सरिसोलाओ, J मोइंधेण. 15) P विओ for पाविओ, J उच्छ, J रसभार, P अलक्स वा. 16) 'जह for तह, Jadds हो after तह, Pकुसुमय, J विच्छेओ Pबुच्छोओ, Pou. रसिय. 17) P तरुयर, P कप्पतरुरयं । 18) 'कुसुमय 19) Pom. before णजद. 20) कुसुमय. 21) Jadds अ before णिहित्तयं, अ for दाह, J अच्छा अत्थं ।।. 22) Prepeats धम्म, r repeats the line अबुद्धो न याणइ चिय अइ बुयं अच्छद निहाणं | after सारं।. 24) P होती की,Jadds अ before सद्ध, सई, Pण for ण सो कुणइ, Pजह for जं. 25) जय for जरय,J -टोहडशत्ति, P मीसयं, Jहुधीरं. 26) संताप for संताब, Pom. य, P अयाणुउ को दि. 27) JP गयणे संते, " पेच्छ, ' om. रूवे। संते वि सो ण etc. to पिणेय पेच्छद. 28) P तुसिमो for कुशिमो. 29) P पक्खिगगो, P -तिमिरेसु. 30) कुसुमय, P-भुयशो. 31) P-तत्तो, किंकदुवा, J मणायं, J सिज्झिरे कढिणे, better सिजति, सिजिरे. 32) किंकदुयरस ।' कंकडवरस, वि for व, P मणुयं. 33) J मुद्धडयालसओ, उ बग्घीय, १ जणणी, मेहेण for मोहेण. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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