Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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- ३१६ ]
कुवलयमाला
१९९
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(३१५) तओ कुमारो वि पहारेस-वस- वियस माण- कुवलय-दल- दीह-लोयण- जुवलो 'सागयं तायस्स' ति भणतो उत्तिष्णो तुरवाओ। सरय-समय- दिणयर-कर-परिमास वियसिबंरुद्ध सरिस-चलण जवलो चलहिं चैव गंतुं पयतो । 5 ताव व वेणं संपत्तो महाराया दिद्रो व णेण कुमारो देव कुमारो वणवण मणानंदणो कई अनिय
कमले दिणयरो इव महवा कुमुएण चंदिमा-णाहो । सिहिणा घणो व्व अह कोइलेण चूओ व्व महुमासे ॥
तं च दण सरहस-पसारिय- दीह - बाहु-फलिहेण आलिंगिओ कुमारो राइणा । हिययब्भंतर घर-भरिउच्चरंत-परिस-वसपीहत- बाहुप्पील-होल-होयणा दोणि वि जाया पणामिओ व पारसु महारावा । माया वि चिर-विरह-दुम्बरंगी 6 दिट्ठा कुमारेण । लीए सिणेह-भिरं अवगूठो रोइडं च पयत्ता, संठाविया य परियणेण दिष्णं णायण-वयण-धोवणं गंधोदय उवविट्ठा तम्मि चेय ठाणे । कुमारो वि गहिओ उच्छंगे देवीए, चुंबिओ उत्तिमंगे, भणिओ य 'पुत्त, दढ कठिणहियओ सि तुमं । अम्हे उण पुत्त-भंड-गेह-जिन्भर पसरमाण-विरह - जालावली- दूमिया मयं पिच अत्ताणं मण्णामो | 9 ताजी चिरं, अइबहुयं अम्ह इमं जं जियंतो दिट्ठो सि' त्ति । भणियं च राइणा । पुत्त,
तझ्या अम्हाण तुमं देव्येण हम तुरंग-रूपेण । कत्थ जो कठिन कह चुक्को से तुरंगा ॥
कह गमिओ ते कालो क व परिहिंडिओ अणाहो व कह व मणि-पूल-वण्णो कत्थ व सो पूओ दिट्ठो ॥ कह व तुमं संपत्तो वेलाउलम्मि कहं समुद्दस्स । वच्छेण वच्छ इमिणा कह व महिंद्रेण संपत्तो ॥ कहव तर परिणीयं कह णाओ विजयसेण णरवइणा । किं तत्थ ठिया तुब्भे केण व कज्जेण कालमिणं ॥ 15 कह आगो कह गओ कह वा दुक्खा पुरा पसाई साहिजउ मह एवं जगणं णिग्वुई होइ ॥
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किं अच्छह वीसत्था दुक्कइ कालो त्ति कुणह कायव्वं । उय जाम संख- सद्दो कुविय- कयं तस्स हुंकारो ॥ तं च सोऊन समुट्टिया सच्चे धम्म-कलाई कार्ड समादत्ता पाओसिथवयं अत्याणि-मंडलं दाऊण पसुत्तो कुमारो । णिसा24 विरामे य पटिये बंदिणा अवि य ।
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एवं च पुच्छि समाणो चलणे पणमिण साहिउं पयचो साहियं च सयलं कुतं संखेयेणं ति । ताय य ।
उज्जमह धम्म- कज्जे मा बज्झह णेह-णियल-पासेहिं । णेहो ति णाम डङ्कं भणियं मज्झरह ढंढाए ॥
18 वो अहो माण्डो जानो ति कय-मजण भोषणा संयुता पुणो सुदासणाया जाया, विविध-देस कला-कला-कहा 18 चिरं ठिया गणियं च गणएहिं कुमार-गढ़-दिन- ला-वेला पवेसस्स समयं गुवरायाभिसेयस्य य तो हरिस-वोसभिरेहि य समादत्ता व बद्रावणयाई । धवल-धयवडाडोव मंडिया कीरए अशोज्झा पुरवरी 23 उवगरणं । वोलीणो य सो दियहो त्ति । ताव य ।
सजीकथं स्यलं
3 ) J
1) Pom. बस, जुअलो, Padds य after जुवलो. 2 ) P सत्यमउग्गंत P परिफंस for परिमासु, र जुअलो. चेय before संपत्तो. 4 > विव for इव, P घणाव, ए सूउ for चूओ. 5 ) J सहरिस पसरि घरि for घर. 6 ) P बाहुलोल, Pom. माया, बिरहिर for चिरविरह- 7 ) Pणिन्तरं अवऊद्धो ।, Jom. च, P संट्ठाविया, P वय 8 J गंधो, उत्रिो, Pच्छाणे for ठाणे, Pom. दढ़. 9 ) P डभ for भंड, दुमिया 10 P जीवसु, Pom. इमं. 11 ) J अम्हण, ए for हओ, राओ for गओ, P डिओ, कत्थ चुक्को, P तह for तं. 12 ) कह य गमिओ, om. ते, Jom. [व] and व्व] 1. 13) J वेलाजलम्मि किं समुद्दस्स, P वेलाउलं कहं, P मज्झं for वच्छ, ए कह वि महिं 14 ) P कह वि तए, Jom. णाओ, डिया. 15) Pom. कह गओ, मए एअं. 16 ) P चलणेसु पयत्तो, P संसंखेवेणं. 17 ) P णेहणेयल, P टंढ for डड्डूं. 18) J कयभोयणमज्जणा र कयम सहभोयगा. 19 ) Jom. च and adds गणियं on the margin, padds जुगराया जुराबादख्यस्स व om. व rather [ कुमाररस गदिम पसर जुरायाभिसेयरस य]. 20) Padds धवणयाई after वद्धावणयाई, अयोज्झा. 22 ) P दुक्कयकालो, P उ for त्ति, P च उ for उय. 23) P धम्मे for धम्म, पाउसिअवयं अत्थाणि P पाओसिअं च अत्थाणि 24 ) Pom. य before पढियं. 25 ) P वहह मगव्वं च मंगवं उसे पुरिसे. 26 ) समुट्ठिता सथले महारायपमुहा गरिंदवदा ।, J om. च. 28> P om. रच्छामुहाई etc. to भूसिजति 29 ) P वरमूले, JP चिंतिज्जति राय- 30 सिंगवड, P repeats सिंघवड वित्थारिज्जंति, उ वित्यरिज्जति, P चंदावे, विहडिज्जेति पढीए. 31 ) P पडिओब्भिजंति पट्टपडाओ, P कडसुतए 32 ) J दामोजले, P हलहलाइ, P दंसण्णूस, पसरम्माणुकंठ P पसरसाणुकंठो, P लोयत्ति.
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पडणम्मि मा विसूरह मा गर्न वहह उमामे पुरिसा । इय साहेतो व्य रवी अत्यमिओ उग्गओ एहि ॥ इमं च सोऊण समुट्टिया सबल महाराष्पमुहा गरिंद-वंदा । तभ कव-कायस्वाणं च वर्चति दिया।
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(३१६) पुणो समागओ कुमारस्य णयर-पवेस- दियहो । अओज्झा-पुरवरीए घोसावियं च राहणा जहा कीर 27 यरी सारो ति । तत्र किं च कीरिडं समादत्तं । अवि व सोहिनंति रच्छा-मुहाई, अवणिजंति कयार-संकरे, सियंति गंधोद राय यांति जंदणमालाओ, बिरजेति कय-तोरणे, भूसिर्जति धवलहरे, मंडियांति बार-मूले, चितिअंति राव सभानो, पूजेति चचरे, समादप्यंति पेच्छण, पत्थरिति सिंघडए, विधारिति चंद्रशेयवे, विहाडिनंति 20 पडिओ, उभिजंति पट्ट पडायाओ, लंविज्जति कडि सुत्तए, पयडिजंति महारयणे, विक्खिप्पंति मुत्ताहले, कोरंति कुसुमदामोऊले, हलहलायइ कुमार- दंसणूसव-पसरमाणुकंठ- णिव्भरो णायर- लोओ ति । अवि य ।
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33 मणि - रयण-भूसियंगी पिययम- दट्ठब्ब-पसरिउक्कंठा । वासय सज्ज व्त्र पुरी अच्छइ कुमरं पडिच्छंती ॥
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