Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
View full book text
________________
१८९
12
-5६०१] .
कुवलयमाला 1 वग्घेण एस वसहो मारिजइ विरसयं विरसमाणो । एसो उण भिण्णो चिय वग्धो सिंगेण वसभस्स ॥
एए विमए लिहिया महिसा अवरोप्परेण जुझंता । रागद्दोस-वसहा सारंगा जुज्झमाणा य ॥ ईसा-बसेण एए अवरोप्पर-पलर-वेर-बेलविआ । जुज्झंति पेच्छ पसवो अण्णाण-महातमे छूढा ॥ आहारट्ठा पेच्छसु इमिणा सप्पेण गिलियओ सप्पो । मच्छेण पेच्छ मच्छो गिलिओ मयरो य मयरेण ॥ विहएण हओ विहओ ईसा-आहार-कारणा कोइ । सिहिणा य असिज्जतो भुयंगमेसो मए लिहिओ॥ एयं च पेच्छ सुंदर चित्तं चित्तम्मि चिंतियं चित्तं । मच्च-परंपर-माली जीवाण कमेण णिम्मविया ॥ एसा मए वि लिहिया वणम्मि सर-भारएण भममाणी । लूया तंतु-णिबद्धा गहिया एयाएँ लूयाए॥ एसो वि य कोलियओ भममाणीए छुहा-किलंतीए । घरहारियाएँ गहिओ पावो पावाए पावेण ॥ घरहारिया वि एसा कह वि भमंतीए तुरिय-गमणाए । सामाए इमा गहिया चुकइ को पुब्ब-कम्मस्स ॥ एसा वि पेच्छ सामा सहसा पडिऊण गयण-मग्गाओ। ओवायएण गहिया पेच्छसु गरणाह कम्मरस ॥
ओवायओ वि एसो णिवडिय-मेत्तेण जाव उठे । ता रण-बिरालेणं गहिओ लिहिओ इमो पेच्छ॥ एसो वि पेच्छ पावो रण-बिरालो बला णिवडिएण । कोलेणं गहिओ ञ्चिय सुतिक्ख-दाढा-करालेणं ॥ कोलो वि तक्खणं चिय आहारट्ठा इमेण पावेण । हम्मद य चित्तएणं पेच्छसु चित्ते वि चित्तेणं ॥
अह एसो वि हु दीवी दाढा-वियराल-भीम-वयणेण । लिहिओ हि खलिजतो खर-णहरा-वज्ज-घाएहिं । 15 एसो वि तक्खणं चिय पेच्छसु वग्यो इमेण सीहेण । फालिज्जतो लिहिओ कर-करवत्तेण तिक्खेण ॥
एसो वि पेच्छ सीहो जाव ण मारेइ दारुणं वग्छ । ता गहिओ भीमेणं सरहेण पहाविणा पेच्छ॥
इय अवरोप्पर-सत्ता सत्ता पावम्मि णवर दुक्खत्ता। रायबोस-वसत्ता सत्तुम्मत्ता भमंति इहं ॥ 18 ३ ००)एयं पि पेच्छ णरयं कुमार लिहियं मए इह पडम्मि । बहु-पाव-पंक-गरुया झस त्ति णिवडंति जत्थ जिया ॥18
एए ते मे लिहिया उववजंता कुडिच्छ-मज्झम्मि । बहु-पूय-वसामिस-गभिणम्मि बीभच्छ-भीसणए ॥
एत्थ य जाय चिय से णिवडंता एस्थ मे पुणो लिहिया। णिवडता वज-सिलायलम्मि उय भग्ग-सव्वंगा ॥ 21 अह एए परमाहम्मिय त्ति पावंति पहरण-विहत्था । हण-लुंप-भिंद-छिंदह मारे-चूरेह जंपंता ॥
एए ते तेहिँ पुगो घेत्तूर्ण जलण-तत्त-तउयम्मि । छुब्भंति दीण-वियणा विरसा विरसं विरसमाणा ॥ एए भिजति पुणो दीहर-तिक्खासु वज-सूलासु । जेहिं पुरा जीयाणे बहुसो उप्पाइयं दुक्खं ॥ एए वि पुणो जीवा विरसं विरसंति गरुय-दुक्खत्ता । एयाण एत्थ तंबं मुहम्मि अह गालियं गलियं ॥ एए पुण वेयरणि धावंता कह वि पाविया तीरं । डझंति तत्थ वि पुणो तउ-ताविय-तंब-सीसेहिं ॥
एसा वि वहइ सरिया वेदरणी तत्त-जल-तरंगिल्ला । एत्थ य झंपावडिया अत्ति विलीणा गया णासं ॥ 27 अह पुण संगहिय चिय भीम-महाकसिण-देह-भंगिल्ला । एत्थ विभिजति पुणो वणम्मि असि-ताल-सरिसम्मि ।
एए विमए लिहिया फालिजंता बला य बलिएहिं । करवत्त-जंत-जुत्ता खुत्ता बहु-रुहिर-पंकम्मि ॥
एए वि पुणो पेच्छसु अवरोप्पर-सिंघ-वग्ध-रूवेण । जुज्झंति रोद्द-भावा संभरिओ पुन्व-वेरि त्ति ॥ 30 एए वि पेच्छ जीवा णरए वियणाऍ मोह-मूढ-मणा । विरसंति पुणो दीणं खर-विरसं भीसणं सहसा ॥ एत्थ य कुमार एए णरए बहु-दुक्ख-लक्ख-लक्खम्मि । तेत्तीस-सागराई भमंति णिचं ण संदेहो ॥
३०१) एयं पि मए लिहियं कुमार सग्गं सुओवएसेण । जत्थ य जंति सउण्णा बहु-पुण्ण-फलं अणुहवंति ॥ 33 ता पेच्छ ते वि णरवर सयणिज्जे दिव्व-वत्थ-पत्थरिए । उववजंता जीवा मणि कुंडल-हार-सच्छाया ॥
1) सिंहेण वसहरसं. 2) Pएते, ' महिआ, JP वसड़ा (?). 3) एणा P एते for एए, P पोस पसरं for पसरवेर, J पसओ. 4) J इमंमि for इमिणा, P लिहिओ for गिलिओ. 5) Pकारणे को वि।, P भुयंगमो एस मे लिहिओ. 6) Fसुचित्त for चित्तं after सुंदर, P परंपरमाणीए, P om. जीवाण कमेण etc. to भममाणीए. 7) Jलूता, लूताए. 8) J घरहारिअए, P repeats पावो. 9) P भमतीय तु तुरियगमणाए।, P गिलिया for गहिया. 10) Jओवातएण, P ओवाएणं. 11) JP ओवातओ, P मेत्ते ण. 13) Pम for य, Pचितेविचितेणं. 14)P विकराल, P om. लिहिओ हि ख,Jom. हि, P लिज्जतो खरणरहावज्जयापत्ति 1 as the 2nd line. 15) P पीलिज्जतो, काकरवंतेण. 16) P महावणे for पहाविणा. 17) P writes सत्ता thrice, I दुक्खंता, रागहोस, P सत्तुसत्ता, भवंति इहं. 18)P पहु for बहु, P ज्झट for झस. 19) P एते ते, उपविजंता Pउबढज्झंता,J बस for वसामिस. 20) Jउवदग्गसव्वद्धा. 21) P अह पत्त परमाहम्मिए त्ति, P धावति for पावंति, हणलुपछिंदह मारे तूरेह. 22) Pएतेहिं पुणो धकूण णारया जलण, P वयणा for विमणा. 23) Pएते for एए, P जीवाणं, उप्पादओ दुक्खं. 24) P अ for अह,J अह गलियं, Pom. गलियं. 25)J उण. 26) य for वि, p वेयरजी, P नाम for तत्त, ज्झडत्ति for झत्ति, P पास for णासं. 27) Pसंगलिय, महाकसण, P वि छिज्जति. 28) Pएते वि, र बहुमरुदिर. 29) Pएते नि गुणो, द वग्धवेण 1, J संभरि उं, वेर त्ति. 30) Pएते, P repeats वियणाए, J मूढवणसण्णा ।, Pणो for पुणो. 31) Pom. य,J एते, Pom. एए, P दुक्खा, P भमंति णचं. 32) P एयं मि मष, Jएत्थ for जत्थ, Pसंउणा, बह for बहु. 33P सिलायले for सपणिज्जे (which is a marginal correction of the former in Jalso), P om. वत्थ, P बत्थरिए । P उववज्जती.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322