Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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कुवलयमाला
१६९
I
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1
। उज्जाणाओ, संपत्ता आवासं । तत्थ य महाराइणा पेसियाओ अगेयाओ सिगेह-कारा जल-कलस- सुगंध-ण्हाण-गंध-वण्णय- 1 बोल बावडा वारविासिणीओ मो वाहिं जहाविहि मक्खिय म्बपिण्डाविव जिमिष परिदिय-विहिता कया तो 3 सुदासत्या य संपत्ता एक्का विलासिणी । तीय उग्धादिकणं काय मय-पक्स-संजोइयं तंबोल-मच्छर्य पणामिवं कुमारस्य । भणियं च इमीए 'हम केण वि जगेण पेसिये तंबोल' । तओ कुमारेण गहिवं, गिरूविधं च जाव णिवय-गवजवख विणिम्मवियं तंबोल पत्ते पत्राच्छेनं तस्स य उ पत्तलराई, सिरिलय चंदस्य णामं लिदियं । तभोतंच 6 वाइकण कुमारेण भणियं 'अहो, णिउत्तणं कस्स वि जणस्स' गदिवं तंबोलं वज कुमारेणावि एकम्म पत्ते पद-मुि रइयं सहंस-सारस-चक्कवाय णलिणि-सयवत्त- भमर - रिछोलि - रेहिरं सरवरं । विरइया य इमा गाहुल्लिया । अवि य । हियय-दइयस्स कस्स वि णिययण- दुक्खत्त-भत्ति चित्तलियं । पेसिज्जह केण वि किं पि कारणं सरवरं एवं ॥ $ २७२ ) तओ एवं च अण्णम्मि दियहे तेगेय कमेण णाणा-भोयणादीयं, पुजो छे, कइया विवीणं, कइया वि आलेक्ख, कइया वि पागे, कइया वि गंध-जोओ, ठण्ण-सिणेह सम्भाव-पिसुणं पेसिलाइ कुमारस्स । एवं च ताणं कुमाराणं णिषय-रजे 12 वर्चति दिया । कमेण य को उण कालो वट्टिउं पयत्तो । अवि य ।
कइया वि तंबोलं, कइया विपत्त- 9 कइया वि किं पि तहाविहं णिययसुसुणं भुंजमाणाणं रज्ज-सिरिं
तिमि काले कंवल-पय-तेल रहयग्मीनो अच्छ पाठय देहो मंदो मंदो व सम्ब-जगो ॥ किं च दीहरी होंति णिसाओ, झत्ति वोलेंति वासरा, दुहवीहोंति चंद-किरणाई, परिहरिजंति जलासयई, णिक्खियंति 18 मुताहार-लड़ीओ, सिडिलिजेति हम्मिय-तलाई, अणावरिति चंदण-पंकपई, चेति रखवई, संगहिति ईषणई, चिर- 15 अंतिणीनो, मक्ति मुद्दे, अंजिर्जति अच्छिवत्तई, निर्यसिति कुप्यासवई, चमदिर्जति सच्च-धण्णई, उग्भिमंति खकुर - सूईओ, जियत्तंति नियय- दवा नियंबड-बिंब-ओहरुम्हा सुहई संभरमाण पहियति । अविव ।
--पम्मुको तुला लग्गो व पत-धणु-यंसो उय सूरो सूरो इव अह जाओ मंडलिय-पयात्री ॥ गहिय-पलाला मय- धूलि - धूसरा खंध - णिमिय-कर-जुयला । दीसंति अलियंता पहिया गामम्मि हेमंते ॥ विरह- सुर्यगेण मोडको व सिसिरेण । पुलो पसु स्व पहिलो पयह अधिग्मिरणी ॥ दीसंति के वि पहिया कर जुवल-नियंसणा फुडिय पाया । गोसे मग्गालग्गा वाता दंत-वीणाओ ॥ बादोगलंत-णवणा रहत बाहुन केद्र चिर-द्वि-बंध पिव धम्मक समलीणा ॥ मल - खउरियंगमंगा तणुया णिकिंचणा मइल-वासा । दीसंति के वि रिसिणो व्व धम्म-रहिया परं पहिया ॥ अवि य । जम्मि य काले
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- $२७२ |
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मय, P संघणमिय, 23 ) Pणिकंत्रणा वयंगुल्या
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। व्व
हिम-सतुणिय-सीसं सयले दट्टण काणणं सहसा सिय-कुसुम-दसण-सोहं खलो छ बिहसिओ कुंदो ॥ किं च । मंजरिजति पिगु-लय, विवसंति रोड-बहरीजो विसति विलय मंजरीजो, उवगिर्जति महुर-मयरंद-बंदणीसंद 27 पाण-मय-मत्त-मय-मणहर गीयावद-मंडली विकास मडुवरी-ममर- जुवाणेहिं मघमत-महिषडति । सव्वदा
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कालम्मि तम्मिको वा ण भरइ घणिभवऊहण-सुद्दाणं । णा गंकुस - रुद्र-मगे एके पर साहुणो मोतुं ॥ सम्मिय काले को कव्य समझीगो चिकालाह- कुंकुम सुगंध सपनोयरे ईसर- जुवाणया, धम्मग्गिन्धमन- पवावण30 सप्परा पंथ कप्पडिया, जर-मैथर-कथा मेत-देहया जुण्ण धम्मिया, वण-पठाल- खल-युद्ध-सरणा कासया, खल-तिल-कंधा 30 जीवणा दुग्गव-परिणीओ, मुम्मुर-करी सग्निसमाका दरि-डिंभरुवई, घोर-वणवट्ट-कच्छवल-संपुड सु-सु-मंडलई ति अण् च पंचग्ग-ताव-तबिंग महामुणि- जइसिय अर-डॉब-पेरथ, सिसिर-पवण-पय-विमल
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3 )
णिययकरणिक्खनिम्मलवियतंबोलपटे.
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15)
1) Pom. य्, P o10. अणेयाओ, P सणेह, Pom. कारा, Join जल, P सुगंध, Jom, गंध. 2 ) P वाडाओ, P मक्खियजवट्टिययि कणगमयमक्ख, उ तंपूल for तंबोल. 4 ) 5) Pom. य. 6 ) ? कस्सइ जणरस, P कंपि मि for एक्कम्मि, उस for गह. 7) सार for सारस- 8 ) P -दुइस, णिअयलहुक्कततरुत्ति, P चित्तेलियं, P व for वि. 9 ) P तेण य, P for जागा. 10) गंधजोए P बंधुजोओ, JP कंपि for किंपि. 13 ) " जंसि काले, P कंबल्यतेलरलयंगीओ, P पाउदे हो. स संति बोलेंति, बोलंति, किरणा, P जलासयाई, P णिक्सिति. डियो हविवदुरवा 16) वेगिओ, P कुप्पासयाई. गया संगरादरभवति- 18 P को पयपत्त, Pom. one सूरो. 19 ) P मल for 20 ) P व for व, P अगंमि. 21 ) Pणियंसणे, P गोसग्गिग्गलग्गा वायंता. 22), 1. 24 ) Pom. जम्मिय काले. 25 ) J om. सयलं, P व्च कुहविलसिओ कंदो- 26) मंजरिजंत, P 27 ) P मणहरं, मधुरीमा माओ 28 जा 29) P य का कथ, सुअंध, Jरमियर for ईसर, जुआणया, धम्मत्थियमण. 30) जरकंथर, तदेवया, " देहया अज्जाहम्मिया, कासवा, कत्थ for कथा- 31) करिसरिंग का समायणावर त्तविअयमहा, ४ सय for जइसिय•
रुद्धमणो, "पुण for पर.
डिंभभूआई
P डिंभई, J वच्छयला P बच्छयर. 32 ) P मंडलयं,
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