Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

View full book text
Previous | Next

Page 199
________________ १७० उज्जोयणसूरिविरहया [२७२ [1] जल-पहलमान पीई तरंग-भंग-भंगुर विवरंत मच्छ-पुच्छच्छा-मुत्साहल हर किय दीसंति सरवर, भाविप एवासरण संसार-मदादुल गन बिसलाय यावद पशुक-वरिसा-कष्पत्याग-संठिया जायावैति 3 साहु-भडरय व न्ति । अवि य, सिसिरेण कोण खविनो सिसिर-पवार्यत मउय-पवणेण पर-मंस-पिंड-पुडे जंबुव-सुणए पमोचून ॥ ६ २०३ ) इमम्मि एरिसे काले सुसुहेण अच्छमाणागं कुवलयमाला कुवलयचंदा अम्मि दियहे सदाविनो 6 राइणा संवारो 'भो भो गणित कुवलयमाला विवाह-हग्गं ति । तेण भणिये 'देव तहिं गणेमाणेण इमं सोहि तं जहा । इमस्स जम्म-णक्खत्तस्स उवचयकरो सीयकिरणो, सुवण्णदो सहस्सरस्सी, पुत्त-लाभयरो वहस्सई, भोग-करो बुधरापुतो कुटुंब-विजय-करो धरणीसुओ, बुिदरो उसगयो, भूमि-लाभयरो समिच्छरो ति । अयं च निवर्त्त 9 उत्तरायणं, बलियं लग्गं, सयल-दिट्टिणो सोम्मा, पाय दिट्टिणों पावा, ण पीडियं गब्भादाणं, अणबहुथं जम्म-णक्खत्तं, अपीडियं 9 जम्, सुकम्म-चि-जोओ। सञ्चहा ण विरुवं मडुतरेणानि चक्रण णिरुवि चुकेच जमिमं लता वाल वासाणं मज्झे ण एरिसो लग्ग-जोओ सुज्झइ ति । जारिसो एस फग्गुण-सुद्ध पक्ख-पंचमीए बुधवारे साती- सुणक्खत्ते 12 राईए बोलीणे पढम-जामे दुइय-जामस्स भरियासु चउसु घडियासु पंचमाए णालीए दोसु पाणियवलेसु पाऊण करिसा - 12 हिए बोली सिंघे उयमागे कण्णे पुरीए मए संसे परिणीया दारिया जर तभी दीदा से भत्ता, विर अविवा, सुहवा बसीकय-भतारा, धर्म कोडी-गणनाहिं, एको से पुरइ-सारो पुत्तो, भोय-भाइणी, पच्छा धम्म-भाइणी, 16 पढमं भतारनो मरणं ण अण्णह' ति भणिए गणपुर्ण, णरवणा वि 'वह' त्ति पडिवलिय 'कला' ति भणमाणेण 15 णिवेइयं तं कुमारस्स । 'कुमार वच्छ, बहुयं कालंतरं तुह कुवलयमालाए णियय-विण्णाण सत्त-सहाव - पुण्व - जम्मज्जियाए वि विभोग-दुक्ख - वित्थरो कओ । ता संपयं इमीए पंचमीए गेण्हसु परम कल्लाण- मंगलेहिं गुरूणं आसीसाए देवाणं पहावेण से करं 18 करेणं बालियाए' त्ति । कुमारेण भणियं 'जहा महाराओ आणवेइ'त्ति । णिवेइयं कुवलयमालाय वि तओ हियय-दइय- 18 संगम- सुदलियणायण्णन पहरिस- वसूस रोगंच कंसलडिय मुणाल-बाल- लडिय कोमल बाहुल्या चिर-तियसंवत-मणोरदार माण-हियय दलदला भुषणे विमाइ ण पवत्ता किंचि तम्मि रायडले कीरिडं पय अधिव 2 मुसुमुरिति चण्याई, पुणिबंति सहिण-समियाओ, सकारिजति बंद-सजाई, उयविनेति भवखाई, माहरिजति 21 कुलालई, कीरति मंच-सालाओ, विरइति धवलहरई रद्दचए वर-वेई, कीरंति उल्लोष, परिक्खिजेति रचणाई. उपिज्जति तुरंगमा पणामिज्जति करिवरा, णिमंतिजए रायलोओ, पेसिजंति लेह वाहयए आमंतिजए बंधुयणो, 24 मंडलए भवगोयरं धवलिति मिशीओ, पडिलए कलधोवं वविजति जनेकुरा णमंसिजति देवयानो, सोहिनंति 24 णयर-रच्छानो, फालिजति पढो सीविजति कुप्यासया, कीरति भगवदा, रहजति चारुचामरी-पिच्छ-पन्भारई 27 30 " ति । सव्वहा सो णत्थि कोइ पुरिसो महिला वा तम्मि णयर-मज्झम्मि । जो ण विहलष्फलओ कुवलयमाला - विवाहेण ॥ सो को वि णत्थि पुरिसो कुवलयचंदो ण जस्स हिययम्मि । ण य सा पुरीए महिला कुवलयमाला ण जा भरइ ॥ $ २७४ ) एवं च होत- विवाह-महूसव वावडस्स जणस्स संपत्तो सो दियहो । केरिसो । 1) Pom. जल, P वीर, 9 ) P सोमा J कणय घडिओ व्व एसो अमय रसासाय- वड्ढिय सरीरो । सोहग्ग- णिम्मिओ इव विवाह - दियो समणुपत्तो ॥ तस्मिय दिन कुवलयमाला जणणी होत जामाओ व गुरु-सह-पसर-र-रोमंच से सलिल-राहार पमक्खियो कुमारो । तओ कयं से जहा- विहीए सिद्धत्थक्खय-सत्थिय-मंगलोयारणयं । कयाणि य से गियय- वंस-कुल- देस-वेस-समयट्ठाई च्छडाघायुलसंत Pच्छडादयुलसंत, ए -लवालंकित, P सरवरा अवि य भाविया. 2 ) " सज्झाय ज्झाणक, वावरपम्मुक्क, P पमुक्का, कप्पायावणासंठियायायेंति साहुण भडरय वत्ति. 4) P पयायत्तमउयवणेण । परमासवसापुढं एक्क चिय जंबुयं मोतुं ॥. 5) कंडावियो for सदाि 6 ) गणितं, Pom. तेग भगियं, देव अनि गणमाणेग. 7 ) P 9. तं सहस्रासी, बुहस्सती, भोगयरो बुहरायउत्तो कुटुंब. 8 रायपुर ि पातट्टिणो, P पीडित गब्भदाणं, अणवहुतं । अगुवद्दुतं, JP अपीडितं. 10 ) P सुकम्मा, P अत्तरे गावी, जइ संलग्गं, Jom.लग्गं ॥ 11 > P inter. एरिसो & ण (न), P फयुणद्धपक्ख, सातीतुं णक्खन्त P रेवतिणक्खत्ते. 12) दुतिअजामरस, P पंचमाराएणाली, P पाणियले पाउण 13) J उअमाण, P पूरिए संखे, P दीहाओ P भत्तारे. 14 ) P अवहिवावसीकय भत्तारो घणकोडीन गणाहिं, P सारो पत्तो पच्छा ? transposes भोगभाइणी before पढमं. 15) P मइरणं. 16 ) Pom. तं, J om. कुमारवच्छ, P सत्तसुहाव 17 विउअ for विओग. 18 ) P जर महाराय, P कुवलयमालाइ वि. 19 ) P वसुच्छलंत, सयल for सललिय 20 ) P सयवत्त for संवयंत, P हलाहला, P माइओ ण, किंच for किंचि. 21 ) P मुगति for पुगिज्जंति, P -समिओ करिज्जंति, खज्जई, P खंडकज्जादि उयकिज्जति, भक्खयं. 22 > P पियलिज्जंति धवलहर इज्जएवेती । रइजवरवई, P उल्लोवई, ग्रयणई. 23 ) P लेडवाहया. 24 >P सवणोयरं for भवगो, P मित्तीए, P कलहोयं, Pठविज्जंति, गज्जकुरा for जंवकुरा, देवया, P सोहरिज्जंति देवयाओ णयर-- 25 > P पयडीओ, चमरी पिंछे. inter. ण (न) त्थि and कोवि, पुरीय, P महिला, P कुवलयमाला ग. 27 ) P को वि पुरिसो, णयरि- 28 P 29 ) P मडुरसव- 30 ) । णिम्मि इव, विआह 31 ) P, after तम्मि य दियहो, repeats केरिसो । कणय etc. to दियहे as above, P सहए पमक्खित्तो. मंगला आरवर्ण, P वय for णियय, समय" "समयद्धिती Pom. णाल. 32 ) P जहा Jain Education International For Private & Personal Use Only 1 3 27 30 www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322