Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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-६२४०] . कुवलयमाला
१४७ इच्छामिति । तओ कुमारेण भणियं 'अच्छउ ता सयलं जंपियव्वं । पुच्छामि पुच्छियव्वं किंचि तुम्हे' । तेण भणिय 'पुच्छउ । कुमारो'। कुमारेण भणियं 'जो सो दढवम्मो णाम राया अयोज्झाए पुरवरीए तुज्झ पित्तिवो, तस्स किं कोइ पुत्तो अस्थि, किं वा णस्थिति । तओ तेण दीहंणीससिऊण भणियं 'कुमार, कसो एत्तियाई पुण्णाई। एकं पुण मए एक्कस्स देसियस्स 3 वयणाओ सुयं जहा दढवम्म-महाराया सिरिं आराहिय पुत्तवरं पाविओ। पुणो ण-याणामि किं तत्थ वत्तं । को वा एत्थ मज्झ-गिरि-सिहर-चिवरंतराल-महागहणेसु सायत्तो पइस३'ति । कुमारेण भणियं 'अहं सो जो सिरिष्पवायओ लद्धो दढवम्मराहणो पुत्तो, णामं च महं कुवलयपंदो'त्ति । एवं च उल्लविय-मेत्ते अभिधाविऊण भाउओ त्ति काउं कंठे गहिऊण रोइडं 6 पयत्तो, तओ परियगेण संठविया, गहिय च णयण-धोवणं जल, उवविट्ठा आसगेसु । तओ पुच्छियं दप्पफलिहेणं 'भणसु, केण उण वुत्ततेण तुम एगागी एत्थ य संपत्तो, किं कुसल राइणो दढवम्मस्स, कहं दढा देवी सामा, अवि थिरं रज'। एवं च पुच्छिए साहिय सयलं वुत्तंतं कुमारेण । संपयं पुण विजयणयरीए कुवलयमाला संबोहेयन्च त्ति । एवं च पिय-कहालाव- 9 जंपिएहिं अच्छिऊण दोण्णि तिणि दियहाई, भणियं च कुमारेण 'ताय, जइ तुम भणसि, तओ वच्चामि अहं विजयपुरवरिति ।
२३९):मं च सोऊण भणियं दप्पफलिहेण 'कुमार, कत्थ गम्मए एरिसेसु दिय हेसु, किं ण पेच्छसि, दव-दव-12 विंझ-पव्यय-सिहर-सरिच्छाई वढमाणाई णव-पाउसम्मि, पेच्छसु सुहय, णवब्भाई दीसंति ।
कोमल-तमाल-पल्लव-णीलुब्वेल्लंत-कोमलच्छाया । कत्थइ गय-कुल-सरिसा मिलंति मेहा गयण-मग्गे ॥ कत्थइ वण-सर-हिक्कास-कास-बहलद्ध-लग्ग-मइलंगा। वण-महिस व्व सरहसं वियरंति य मेह-संघाया ॥ अणुमग्ग-लग्ग-भंगुर-जरठ-महापत्त-पत्त-सच्छाया । करि-मयर व्व सरोसा कत्थइ जुझंति वारिहरा ॥ पल उव्वल्लिर-हल्लिर-समुद्द-वेला-तरंग-रंगता। पवण-वसुच्छलमाणा कत्थइ जलयावलि-णिहाया । डंडाहय-कुविय-भुयंग-भीम-भिंगंग-सामलच्छाया। वियरंति कत्थइ णहे असुर व्व सकामिणो जलया ॥
इय सामल-जलय-समाउलम्मि णव-पाउसस्स वयणम्मि । को मुंचइ दइय-जणं दक्खिणं जस्स हिययम्मि ॥' एवं च भणिओ समाणो ठिओ कुमारो । तम्मि य काले केरिसो पवणो वियरिउ पयसो । अवि य,
णव-पच्चमाण-सहयार-गंध-पसरंत-परिमलुग्घाओ। वियरइ वणंतरेसुं कत्थइ पवणो धमधमेंतो॥ पढमोवुटु-महीयल-जल संगम-संगलंत-गंधड्ढो । वायइ सुरही पवणो मय-जणओ महिस-बंद्रागं । धूली-कर्यब-परिमल-परिणय-जरढायमाण-गंधिल्लो । सिसिरो वियरइ पवणो पूरंतो णासिया-विवरे ॥
इय पसरमाण-खर-फरुस-मारुया वेय-विहुर-धुय-पक्खा । रिट्ठा करेंति णटं कह-कह वि कलिंच-णिवहेहिं ॥ पढमोबुट्टे य पुहइ-मंडले किं जायं । अवि य उभिजति णव-कोमल कंदल-णिहायई । णचंति बरहिणो गिरिवर-विवर-सिह-24 रेसु । दीण-विमणओ पावासुय-घरिणीओ। उभिज्जमाण-णवंकुर-रेहिर पुहइ । आउलीहोंति जणवया । सजति पवा-मंडवा । हल-लंगल-बावड हलिय । णियत्तति पंथिय । जति गामेसु घरई। णिय-चंचु-विरइय-घरोयरे संठिय चडय। कीरंति मट्टिया-गहणइं भगवेहिं । बजाति वरणाबंधई कासएहिं । जलं जलं ति वाहरंति बप्पीय-कुला य । कलिंचय-वाबड-विसर- 27 मुह-धम्मलाभ-मेत्त-ल द्वावल द्ध-वित्ति-परवसइ संठिय तव-णियम-सोसिथ-सरीर-सज्झाय-ज्झाण-वावड साहु-भडरय त्ति । णव-पाउसम्मि पत्ते धाराहय-धोरगेहिँ तूरंतो । को य ण करेइ गेहं एक चिय कोइला मोतुं ॥
६२४० ) तओ एरिसे णव-पाउसम्मि किं कुणंति पउत्थवइयाओ। अवि य।। सुरयावसाण-चुंबण-समय-विदिण्णम्मि ओहि-दियहम्मि । लेहा-विगणिय-पुण्णम्मि णवरि जीयं विणिक्खित्तं ॥ सहि-दंसगेहि दियहं राई उण सुविण-विप्पलभेहिं । दइया-दिण्ण-दिणं पिव गयं पि मुद्धा ण-याणाइ ॥
33 1) आसपलं for ता सयलं, Jom. पुच्छामि पुच्छियवं, P तुम्भे for तुम्हे. 2) for जो, P दढधम्मो, P om. अयोज्झाए पुरवरीप. 3) ' कुओ for कत्तो, " देसिवयणाओ. 4) J णिनुयं for सुयं, JP दधम्मो, J महाराणा, - पुत्तवरो, । पत्तं for वत्तं, 'को पि एत्य मज्झसिरि. 5)J सिहरकुदरंतराल, Jadds को before सायत्तो, P साइत्तो, Poin. जो, सिरिपसायलद्धो, Jadds य before लद्धो, मादधम्म- 6) Jadds सो अहं before णाम, P मेत्त for मेत्ते, P भाउगो. 7)Jadds य before संठविया, J धावणं, दप्पफलिहेगा. 8) P om. य, JP दढधम्मस्स, Pमहादेवी for दढा देवी. ) पछिए सातं पि साहिय वृत्तंतं. 10) जपिरेहिं, दो for दोणि, विजयं परवरि. 12)"ददफलिहेण. 13) समाणाई for सरिच्छाई, P नवनाई. 14)J गयउलसरिसा P कुलगइसरिसा मिलते. 15) J बहलदलग, 'तण for वण, । सहरिस for सरहसं. 17) पलवुचे, रंग व्व P रंगं वा । 18) कुवियमहाभुअंगभिगिग. 19)पाउमायरस. 20)rom. च. 21)J गरु for गंध, P पलिमलग्बाओ. 22) व बुद्ध for बुद्र. 23) p जहारमाणगंधल्लो, . -डिलो. 24) "नि for टुं, Pom. वि. 25)P पढमो बुद्धो य, P वहिणगिरिवरदीग. 26) J उज्जति, P भजति for सजति( emended), P-गंडव.27)P-नंगल for लंगल, P ग्गामे for गामेनु, Pघरोयरसंठिय, P वियड for चढय. 28) बंधंति, वग्घेहिं for कासयहिं, जलजलं, कलिंचवातविहं मुइ-. 29J धम्मलाभ, Jom. लद्धाव,Jom. वित्ति, P सज्झाण, वावडसाधुणगटयर च त्ति, P-वडरय त्ति।, Jadds अवि य after त्ति. 30) धारासरधोरणीहि दूरंतो, Pनइ for य. 31, परिमम्मि for परिसे, J प उत्थवइयउ.32) भुवर्ण for चुंबण, विश्णाि , P लाभा for लेडा, Jणवर जीअं, P जीवा विशिक्वित्तो. 33) महिंदसणेहि, J राईजणमुहण, J दइअदयादिण्णादिणं गय.
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