Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 178
________________ - २४३ ] कुवलयमाला १४९ 1 ति । तओ आगओ गेहं । दक्खिऊण दक्खिणिजे संमाणिऊण संमाणणिजे संठा विऊण पणइयणं काऊण करणिज्जं दाऊण 1 दाववं भोनू भोजं तक्खणं चेव णीहरिओ अमितर-पर-विवरमाण-विरह- जळण जालावली तपित्तमान-वण-पलाल3 माल- सकेजल - बाह-जल-पवाह-पूर-पसर- पन्चालित पोतो दीण-वेमगेणं विलासिणियत्रेण णीदरिभो सो महासतो । 3 ६ २४२ ) कुमारो वि कमेण कर्मतो आगेय- गिरि-सरिया - महाडईओ य वोलेमाणो णाणाविह देस-भासा- दुल्लक्ख-जंपियब्याई बोडेमाणो अब दिव्य-विजाहर-मय-ते पेच्खमाणो संपतो तं दाहिण-मवरह-वेळा विजयापुरवरी- बिसयं । 6 दिन से कुमारेण फेरि अवि य, बाग खेवमेत-संडिय महागामु गामोयर-पय-क्लेिव मेत-संडिय- निरंतर धवलहरु | धवलहर - पुरोहड-संठिय-वणुज्जाणु । वणुजाण मज्झ- फलिय- फणस - णालिएरी-वणु । णालिएरी-वण-वलग्ग-पूयफली-तरुयरु | तरुयरारूढ - णायवल्ली-लया-वणु । वणोत्थइयासेस-वण-गहणु । वण-गण-निरुद्ध दिणयर-कर-पन्भारो यत्ति । अवि य । I 9 चंदण-दण-पुलावरुयर-वण- गहण रुद्र-संचारो। साहा-गिमिय-करग्गो वियरइ सूरो पयंगो व ॥ जहिं च सुद्ध-सेवओ तरुवर च्छा सुपुरिस-पाय-च्छाहिलो व पति कीर-हिंडोलियड लोयय-उत्तमो व महिति सणसमागमई इg - देवयज्ञं व, उण्णयई तरुयर - सिहर सप्पुरिस - हिययई व । धावंति तण्णय पामर व गायंति जुवाणा 12 माहवी-मयरंद - मुइय-मत्त महुयरी व त्ति । जहिं च सीयलई सकजई ण परकज्जई, मण्णंति पहिय-चंद्र ण पुत्त-भंडई, 12 पसंसिजति सीलई ण विहवई, लंघियवइयई उच्छुवाई ण कलत्तई, जलाउलई वणिहूं ण जण-संघयई ति । जहिं च मयल - घुम्मिरायवुलोयण मंगल-वियावड य बलदेवु जइसय पामर, अविण पणि बाल-कालि णारायणु जइसय रंभिर-गो10 वग्ग-तष्णय- वावडा गोव-विलासिणी-वल-लमान-वण- कडक्स-विक्लेव विलुप्यमाण व अणि पणि संकर- जसव भूई- 15 परिभोग-दरिय-यसक विगवड व सि । अनि य । बहु- सुर- णिवर-भमंतर- दिव्य महा-तरुवरेदिँ उच्छदयं द्दवण-सङ्घस्स भरियं स पिय सहद्द तं देस ॥ 13 ते च तारिर्स देखे मज्मण अमेय-गाम- जुवइयण होवर्णेदीवर माला गंतुं पयतो तओ कमेण व दिडा सा 18 विजया णयरी | केरिसा । तो 1 ६ २४३) अवि य । उत्तुंग धयलहरोबरि-पण-पद्म-बिल समाण-धवल- विमलुजल-कोटि-पढाया णिवह संकुला, 21 णाणाविद-वण-यन- विष्णाण विष्णास विणिम्मवियदम्मिय- सिहरा- कंचन-मनि-घडिय - पायार-वलय- रेहिर- विदुम-मयगोडर-कवाड मणि-पुड तिजा व लेकाउरि-जइसिय धीर-पुरिसाहिडिय ण उण वियरंत रसाउल, धनव-पुरि-जइसिय घण- निरंतर ण उण गुज्झष णिमिषत्व-वावार, वारयाउरिजइसिय समुद्र-वलय परिगय ण संमिहिय गोविंद ज िच । ण 24 सुव्वंति ण दीसंति वयणई बहुयणहो खलयणहो व । जहिं च दीसंति रमिजंति य दोलई लायलई च धवलहरेसु कामिणी- 24 बघणेसु सि किं बहुणा, । - सिरि-सोहा-गुण-संघाय - विहव-दक्खिण्ण-णाण-भासाण । पुंजं व विणिम्मविया विहिणा पलयग्गि-भीएण ॥ ॐ तीए जयरी उत्तरे दिसि विभाणु णीसहो जिसण्णो राय-तण चिंति पयत्तो। 'अहो एसा सा गवरी विजया जब सा 27 साहु साहिया कुवलयमाला । तो केण उण उवाएण सा मए दट्ठव्वा । अहवा दे पुच्छामि के पि जणं ताव पतिं । को उण एवं वियाणइ | अहवा पर तत्ति-तग्गय-वावारो महिलायणो, उद्ध-रच्छा-जीवणो चट्ट-जणो य । ता जहा सललिय-सहिण30 मिदु- सुहुमंगुली -सणाह-चलण-पडिबिंब-लं हिओ मग्गो दीसह एसो, तहा लक्खेमि इमिणा उदय-हारिया मग्गेण होयन्त्रं । 30 2 ) अब्भंतर, तविज्जमानणयणथलाणणाल, 'व्वत्तमाणानयण - 3 ) P बाइलपवाह, उप्पवाह, P पब्वालिज्जतो अवलोइज्जतो, विलासिणीनीहरिओ 4 ) P गिरिया, दुलक्ख P दुलक्खं. 5 ) Padds जणन्वयाई after जंपियन्वयाई, Ptrans. poses तं after लगे. 6 ) Pom. तं, Jom. केरिस, P वाणकखेव, P महागाम, गामोअरपाणखेवमेत्त, P धवलहरा । धवलपुरो'. 7) रोट मंडिय for संटिय यणुब्लाणु Pom. फलिय, परिणालिएविण पूढफलीतश्पर 8) J लयाजणु, गहणरुद्ध पत्रमार, P व for य. 9 ) J चंद्रण for णंडण, P एया for एला, पवंगो. 10च्छाओ P सुवुरिस, पायच्छाहिअओ, Pom. वहति कीररिंछोलियउ लोअयउत्तओ व सज्जणएसमागम ई. 11 ) P तरु असिहरई, P हिययं व धावंत तणुयपामर व धायंति आवाणा माहवी. 12 ) P मउय for मुइय, महुअर व महिअ for पहिय. 13 ) P सीयलाई पामरसयणघुम्मुराणं यं च लोयणणंगर- 14 ) Jp तणुअवावड, P धवलदलमाण, Pom. विक्खेव, P तरुवर्दि for . 18 J om. तं च तारिसं J ण, उच्छुरई, I om. ण कलत्तई, P जिग for जण, P संधायई, P जहिं च 15 व for 4, P अन्ने पुणे बालकालनाराशु, J बालकलिनारा, P रंमिराP अण्णे पुणु, संकरJ 16) P 17 ) बहुसुरविणनिरंतर, देसं, P देसमज्श, जुबदजणेंदीवर P जुवईयणलोयणंदीवर, Pom. य. 20 J धवल होअर, P विमलुब्वज्जल, P संकुलं". 21) r विण्णास for विष्णाण, P विणम्मविय, पायाल for पायार, P रेहिरे-. 22) Jजन्च for जा य, P विरयरंत, परिपुरिन ज‍जसिय 23) P गुज्झयनमिअत्थ, P जइसिया, P सन्निहिया, P जहिं च दीसंति न सुवंति वययई बहुवयणहो. 24 > adds च after वयणई, न for व, P रमिज्जंति चंडायलई द्रायलई च. 26 Jए for णाण, विणिम्मविअं, P पलयग्गभीएण. 27 तीय, P दिसाविहाए निरसहो निसन्ना, P एत्थ for जत्थ. 28) repeats साडुणा, Pता for तो, P किं पि for कंपि, P repeats वट्टजणो for वट्टजणो, P ता नललिय. मिंट for मिदु, लंछितो, उअय, उदयाहारिया. 30 J P Jain Education International For Private & Personal Use Only 21 www.jainelibrary.org

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