Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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उज्जोयणसूरिविरइया
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६२३७ ) मए भणिवं । 'रवणपुरे रयणचूडो णाम राया तस्स पुतो हूं दष्पफलहो णामं ति । धम्मो उण तेगेय । भगवया पच्चेय-बुद्धेण होऊण साहिओ । उम्मत्त जोएण य परव्वसो एत्थ अरण्ये पाविओ' ति । एवं च साहिए समाणे भयं तेण किं तुमं सोमवंस संभवस्स श्यणमउडस पुत्तो दे सुंदरं जायं, एको अम्हा वंसो तुम यस् होसु संपर्व' ति भणमाणेण सदाविया सध्ये सेणायणो । वाण पुरओ सिंहासनस्थो अहिसितो अहं । तेण भणिया य ते सेणावणो । 'भो भो, एस तुम्हाणं समयहियाणं राया पालओ । अहं पुण जे रुइयं अत्तगो तं करीहामि' भणिए तेहिं 'वह'त्ति पडिवणं वो णिग्गल तस्व चेय सो गया। तस्व च सगालगा अम्हे चि णोहरिया । तभ धोतरं तूण भणिव णेण 'सेणा वणो वह नियतह तुम्भे । खमिव जं किंचि मज्झ दुव्विलसिवं परियालेन्यानो ताओ तुमेहिं पष्णाओ पुण्य-गहियाओति भणमाणो गंतुं पयतो ते वि भूमि विडिया उत्तिमंगेण गलमान-णयनया जियत्ता 9 सेणावणो । अहं पि थोयं पएसंतरं उवगओ तेण भणिओ 'वच्छ, दे नियत्तसु । केवलं एए भिच्छा जई समयाइं 9 पालयति पुच्च-गहियाई । तओ तर पालेयव्वा, अहवा परिचयग्वति । अण्णं च
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संसार सावरम्मि दुक्ख सयावत्त-भंगुर तरंगे
जीवाण णत्थि सरणं मोन्तुं जिण देखिये धम्मं ॥
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12 तम्सि अपमान का ति भणमाणो पवसिओ ण उण केणावि णामो कहिं गभत्ति एवं पुण भए विगपिय मंतु 18 अणगारिये पवनमभुववण्योति तप्पभुईच कुमार, पेच्छामि इमे मेच्छा ण मारेति वण-जीवानं, पण घाति अथायमार्ग, ण हति पलायमार्ग, ण भगति कूद सक्सेनं, ण लुपंति अप्प-धर्म पुरिसे, ण मुर्सति महिदियं ण छिति 15 अवत्थयं, मुसिऊण वि पणामेंति थोयं, ण गेहंति अणिच्छं जुवइयं तं पडिवज्जंति भगवंतं भव-विणासणं देवाहिदेवं ति । 15 तओ कुमार, कालेन य वच्चमाणेण अकायव्वं पि काउं समाढत्तं, जेण महंतो मोहो, गरुओ कोवो, महामहलो माणो, दुज्जओ लोहो, विसमा कुसील - संसग्गी, सव्व-कम्म-परायत्तणेणं जीवांगं । अहं पि तं चेय चोर-वित्तिं समरिसओ त्ति । दिहं चिय 18 तुमेहिं तनोति भए। 'अहो, मकानो एस मेच्छ पसंगो ता मज्झ एस मेच्छ-वावार विणदिवस एवं पि 19
। चिंतियं ।
अगेय-भव-परंपरा-पवाद-पूर-पसर-दीरमाणस्स कुसमयावत्त- गत्तावडियरस इमं पि पम्हुसीद भगवो क्यति । ते मए आणतो एस पुरियो जहा 'अ लोहेण इमं परिपावि, तेण लोह-पंडे वाडेयन्वो दिवडे दिषदे हमे भणमा21 'ति । ता एत्यंतरे पुच्छियं तए जहा 'को एस पुरिसो, किंवा तुमं पि इमिणा पहओ' त्ति । तुह पुण पुरओ ताडियस्स 21 महतो महं उब्वेओ जाओ'त्ति ।
$ २३८ ) तो भणियं कुमारेण 'अहो महंती दुरंतो, महासत्तो स्वणमडडो महाविपचेयो दुलो 24 जिणवर मग्गो, महंतो उबवारो, नीलंगा रिसिणो, म मेरे एग दन्यानिकासितं दुज्जओ को पिसानो विधिवेगा 24 पाणिणो, पयईए अणुवगय- वच्छला महापुरिसा, परिच्चयति चक्कवट्टियो वि रज्जं, होइ चिय साहम्प्रियाण सिगेहो । परिजिवि य
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छवि किंपि कस्स व
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27 णय अथि कोइ भावो ण य वृत्तंतो ण यावि पज्जाओ । जीवेण जो ण पत्तो इमम्मि संसार - कंतारे ॥ मा अणुमह चोर-विति, उज्जमसु तच संजमम्मि असु जिणवर-मगे, उज्दासु चंचलं
ता संपयं परिहरसु किरणत्त
लच्छि । अवि य ।
कुमारस्य रुव-विष्णाण
रन-सिरीओ भोगाईत च णाम अणुभूयं जीवस्स बिड़ी तम्हा उज्झाहि किं तेण ॥ एवं च कुमार कुवलयदेण भगिए, पिये दष्पफलिणं एवं च एवं एत्थ संदेह णाण-कला-कलाव-विणय-णय-सत्त-सार-साहस- दक्खिण्णाईहिं गुणेहिं साहियं जहा महाकुल- णहयल-मियंको महापुरिसोति । इमं पुणणयाणामि कयरं तं कुलं किं वा कुमारस्स सव्व जण हियय- सुहयं णामं ति । ता करेउ अणुग्गहं कुमारो, जाणिउं 33
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1 ) भणियं । रयणाचूडो नाम रयणपुरे अस्थि राया ।. 2 ) P भगवया पुत्तेयवद्वेण, पारव्वसो, । एत्थारने 3 ) संभमो त्ति रयण 4 ) P सिंासत्य, अभिसित्तो. 5 ) P सेवावा, Padds एक्को before भो भो । तं कीरीहामि 6 ) 1 थोवंतर, 7 ) Jणेश P तेण for ग, Pom. भज्ज्ञ, P परिव्वाले 8 ) पण्णा पुत्रगहिहिं भण', निवडिओत्तिगंगा- 9) P थोतरं पसं उबगतो, Jom. भणिओ, JP एते for एए, समायाहं वालयंति 10 ) पाले अब्बों पालिया, परिव्वतन्त्र11) P सायरंमी. 12) P अप्पमाओ, P पवेसिओ, P हं किं वि for कहिं, P एवं पुण, विपिअं 13 ) पव्वज्जा अब्भु तपभू, पेच्छा for मेच्छा, ए मारंति, तणजीवणं, घायंति. 14 ) Jom हणंति पलायमाणं, सखेज्जं लुप्पंति, P अत्तघणं. 15 ) पणामंति, P थोवयं, अगेण्डति for ण गेण्हंति, " अणिच्छियजुवई, om. तं भगवंत रूव विनासदेवा" 16 ) Pom. कुमार काळेण य etc. to लोहो विसभा- 17 परत्तगं, नोरयवित्तं 19 ) कुसुमयावत्त-, पम्हुसी हिति, P भगवया. 20 ) P जहालोएग इमं, Padds त्ति | after पाविओ, भगमागणं ति. 21 ) एवं तए for एत्यंतरे, ति for तए, om. पि. 22 ) मह उव्वेगो, P उब्वेवो. 23 ) गई for महतो, महाइसओ पत्तेय. 24 Jसंगा for णीसंगा, दव्याहिलासित्तं. 25 ) संति for पयईए, P repeats महा, ' परिचयति, या मि. 27 ) P कोवइ for कोर, P जोग for जो प. 28) r adds पि after संपयं, om. मा, " उन्भुट्ठे for भोगा, P उज्जाहि 31 ) P भणियं for भणिए, Pom. च, हण for उण. 32 ) Jom. णय, Pom. सार, तीहिं, साहिउं, P इयं for इमं. 33) Pom. तं, P inter. कुमारो & अणुग्गहं, " जाणिउमिच्छामित्तिः
om. वि, " साहांमे
39 > भोगे दक्खिणा
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