Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 153
________________ તમ उज्जोयणसूरिविरइया [$२०९ 1 [वं च सोऊणं हरिस-वस- वियसमाण- लोयण-बलो राया भणितं पयतो 'सजेह जाणवाहणाई, अंतेरिया जणस्स सम्ब- 1 रिद्धीए अज्ज भगवंतं तायं उप्पण्ण- केवल वर णाणं वंदामि'त्ति भणिऊण पयत्तो बहु-जाण-वाहण-पूरमाण-महियलो संपत्तो य ३ भगवओ यासं । थोऊण य पयत्तो | कह । जय धम्माण करवाल डियासेस-कम्म-रिङ सेण्ण जय जय अवय- जाणमणत जाणियालेस परमथ ॥ ति भणमाणेण बंदियो भगकेवली राहूणा राया जिसको य पुरओ, अण्णो वि य रामाणो भद-भोइया पणायर-जो 6 य राय-धूया वि ममं घेत्तुं चेत्र तत्थ उबगया । मए वि संधुओ भगवं स-बुद्धि-विवेणं । अविश्य । जय णिजिय-सयल परीसहोवसग्ग जय णिहय-मय-मोह । जय णिज्जिय- -दुज्जय-काम-बाण जय विमल-णाण-धर ॥ चि भणिऊण पणमिनो मए विभाग देवली मिसण्णा य राय दुहिया मर्म पुरनो मेकण केवलिया वि भगवया 9 कय- कायव्य-वावारेण वोलीण-लोय-मग्गेण तहा वि किं पि कर्जतरं पेच्छमाणेण भणियं । अवि य । जर मरण-रोग-र-मल किलेस बहुलम्म वर संसारे या मा कुह पमायं देवाशुपिया इमम्मि जिण मग्गे बिजारा 1 णिम्मल-करवाल-करा फुरंत मणि-रयण-किरण-सोहिल्ला । गयणाओ ओवइया सहसा विज्जाहरा दोण्णि ॥ 15 ते व भगवंत केवलिं पयाहिण करेमाना समोइण्णा वंदिजो य भगवं खविव-य-कर-ल-मंडलमंजलिमुत्तिमंगे 15 णिमेऊण गिरण्णा व पावले भगवओ सुह-सिहिं भणिये 'भगवं, का उन स'सि भणिय मेते राइगा मिगुणा सहि य णायरएहिं भणियं । 'भो भो विजाहरा, सा उण का जं तुब्भेहिं भणिय का स' त्ति भणिए, तेहि य पलत्तं । 15 'आम्हे बेय- गिरिराज सम्मेय-सिहर गया। तत्तो सत्तुंजयं चलिया तत्व वच्चमाणेहिं विंश गिरि-सिद-वर्ण भीमे 18 निम्माणुसे अरण-पसे, जन्ध अम्हे वि गयण गोयरा भीया शति पोलेमो, णम्मवाए दखिने कूले दिई समजू ताणं च मग्गालग्गा एक्का का वि मयलीव-वुण्ण-लोयणा समुभिज्झमाण-पओहर-भरा भउब्विग्ग-लोयणा मयाणं अणुमग्गेणं 21 वच्चंती बाला । तं च दण चिंतियं अम्हेहिं । 'अहो, महंतं अच्छरियं' चिंतयंता अवइण्णा । भणिया य अम्हेहिं । 'भो भो 21 वालिए, किं एत्थ अरणमि तु एका कत्थ वा तुमं जागय' ति भणिया य समाणी मुरतारण्ण-मय-सिलिंब बुण्ण-लोललोणा अयियरं पठाइडे पयता । ण य ते मया तीए उध्विति । तेहिं चेय समं सा संगयति । तो त 24 चिंता भणमाणा चेय असणं गया वर्णतराले तनो हेहिं वितिये 'अहो, किंपि अत्येत्य कारणं सव्वहा को वि असय गाणी म्हेहिंति तो भगयं एत्थ दिले तेण पुच्छिये अम्हेहिं 'भगर्व का उण सति भणियं च राहणा पिउणो 'भगवं, अम्हाणं पि कोउयं जायें । ता पसीयसु, साहेसु' ति । ', 27 २) भगवं साहि पयो । 12 3 I णधि सरण जयभिम वि धम्मं जिण- देखिये मोनुं ॥ संसार भव-समुई जह इच्छह अपणा तरिडं ॥ I २१० ) एतरमि समोवइया दोणि णील-पीय वाससा विष्फुरंत मणि-किरण-कणव भासुरालंकार-सोहिया 12 Jain Education International अधि पवडापुरीणं लोकग्मि विपयत जसहारा धवलुजुंगमणहरा उजवणी पुरवरी रम्मा || जीय य मणहर गीय-रव-रम्मई भवणई, भवण-माला-विभावियई रायवहई, रायवह सोहिओ विवणि मस्सु, विवनि-मग्ग30 रेहिरई गोउरदार, गोउरदार- विराइयई पागार सिहरई, पगार- सिहर उजिरई फरिहा-पंधई नि ध य रेहनि फरिहड 30 णिम्मल-जल- तरंगेहिं, जल-तरंगई पि सोहंति वियसिय-सुरहि-कुसुमेहिं, कमल वि अग्यंति भमिर भमरउलेहिं, भमर before नायर 6) 7) समल दाण for कणय. 1) P मंते for अंते. 2 ) P भगवओ तायरस उप्पन्नं, P om. य before पयत्तो. 4 ) P सूटतासेस, Padds अय after जय. 5) P om राहणा, J om राया, P अन्नो वि for य रायधूअवि, P om. ममं P जं, चेअ, P om. तत्थ, P बुद्धि for सबुद्धि. 8 ) मण्णो, P मं for ममं. 12) four () for u, a 14 > P उबईया. 15) Pom. य, P केवलि, सविणओणय, उत्तिमंगे for मुत्तिमंगे. णिमेऊन, J adds अ before भणियं, भिउणो for त्रिगुणा 17 ) Pom. one भो, कज्जं for का जं, तं का, Jom. य. 18 P तओ for तत्तो, P सेत्तुज्जं. 19 ) पसे तत्थ for जत्थ, P गोयरे, रणम्मयाय. 20) मल्लवपुलोया मानभरभरात चिंतता. 22 Jom. किं, P एक्को, J om. य. 23 समं सा संगया । समं समागय, om. त्ति, अपुब्वं. 24 ) चिंतेता, P भागमाणेणं. 25 ) P दि. 26 ) Jom. च, P भिगुणा for पिउणो, P adds अम्हा before अम्हाणं, पसिअसु. 27 ) adds भणिओ before भगवं. 28 ) P तिलोक्कमि, P जस्स पब्भारा for जसहारा 29 जिन for जीय रम्माई भवणारं विरवियरायनिवहई om. विवणमपि गोराई, गोउरदारा, 31 ) 1 मिfor पि, उ कमलेहिं for कुसुमेहिं, विग्ग 21) J अच्छरीयं, P P पयत्तो, Jom. तीए, विपणि 30 विराविअई पायार, पायार, छज्जिरवं परिहा, P कत्थ for जत्थ, P फरिहाउ P कमल विय अग्धंति, P भमर भलेहिं भमर कुलई विरायंति For Private & Personal Use Only 9 om किरण, किणिय 16 ) P नमिऊण for भणितं का P भणियं P यत्ति for शत्ति, 27 www.jainelibrary.org

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