Book Title: Kasaypahudam Part 10
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Mantri Sahitya Vibhag Mathura
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मार्गदर्शक :- आचार्य श्री सुविधिसागर जी महाराज
सिरि-जइवसहाइरियविरड्य-चुण्णिसुत्तसमण्णिदं सिरि-भगवंतगुणहरभडारोवइट्ट
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सिरि-वीरसेणाइरियविरइया टीका
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वेदगो णाम सत्तमो अस्थाहियारो
वेदगवेदगवेदगमवेदगं वेदगंथसंसिद्धं ।
सिद्धं पणमिय सिरसा वोच्छं वेदगमहाहियारसहं ॥ १ ।। ___ जो सब बेदकोंमें अतिशय वेदक हैं अथान् चराचर विश्वके ज्ञाता हैं, जो शुभाशुभ कर्मफलके वेदनसे मुक्त हैं और वेदग्रन्थों ( जिनागम ) से जिनके अस्तित्वकी सिद्धि होती है उन सिद्ध परमेष्ठीको सिरसे प्रणाम करके मैं ( चोरसेन आचार्य) वेदक नामक महाधिकारका व्याख्यान करता हूँ॥१॥